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दोस्तों के लिए शायरी ©Anushka Rathore

#शायरी  दोस्तों के लिए शायरी

©Anushka Rathore

जिंदगी रहे या ना रहे दोस्त के लिए कुर्बान है @Jay Shri Ram शायरी दोस्ती शायरी

9 Love

#शायरी

बुआ के लिए शायरी 2025 नया साल बुआ के लिए शायरी

72 View

Unsplash ये सातों जन्म का साथ है इसे हम नहीं तोड़ेंगे तूने भलाई छोड़ दिया हो हमें हम तुझे नहीं छोड़ेंगे। ©Abhi

#शायरी #lovelife  Unsplash ये सातों जन्म का साथ है इसे हम नहीं तोड़ेंगे 
तूने भलाई छोड़ दिया हो हमें हम तुझे नहीं छोड़ेंगे।

©Abhi

#lovelife शायरी मोहब्बत के लिए

6 Love

सुबह के 5 बज चुके है तो जमाने ए बंदिश खैर एक खयाल एक गजल देखिए रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी (मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना) नही है रही अब फितरत हमारी मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से क्यों हया-ए- आबरू खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी (मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे इसे बेफिकर होकर जियो निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार ©Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa  सुबह के 5 बज चुके है तो

जमाने ए बंदिश

खैर एक खयाल एक गजल देखिए
रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है
हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है
ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी
अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी
(मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना)
 नही है रही अब फितरत हमारी
मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी
हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से
क्यों हया-ए- आबरू  खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी

(मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) 

इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे  इसे बेफिकर होकर जियो
निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार

©Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #

19 Love

White साजिशों की सियाही में वो असर कहाँ, जो हमारे इरादों की रौशनी को धुंधला सके। ©नवनीत ठाकुर

#शायरी #साजिश  White साजिशों की सियाही में वो असर कहाँ,
जो हमारे इरादों की रौशनी को धुंधला सके।

©नवनीत ठाकुर
#शायरी #vksrivastav #Trending #Quote  White झूंठी बाज़ी के लिए अपने गंवा बैठे हैं लोग
झूठ को थाम सच्चे सपने गंवा बैठे हैं लोग

©Vk srivastav

झूंठी बाज़ी के लिए #Trending #Quote #शायरी #vksrivastav

189 View

दोस्तों के लिए शायरी ©Anushka Rathore

#शायरी  दोस्तों के लिए शायरी

©Anushka Rathore

जिंदगी रहे या ना रहे दोस्त के लिए कुर्बान है @Jay Shri Ram शायरी दोस्ती शायरी

9 Love

#शायरी

बुआ के लिए शायरी 2025 नया साल बुआ के लिए शायरी

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Unsplash ये सातों जन्म का साथ है इसे हम नहीं तोड़ेंगे तूने भलाई छोड़ दिया हो हमें हम तुझे नहीं छोड़ेंगे। ©Abhi

#शायरी #lovelife  Unsplash ये सातों जन्म का साथ है इसे हम नहीं तोड़ेंगे 
तूने भलाई छोड़ दिया हो हमें हम तुझे नहीं छोड़ेंगे।

©Abhi

#lovelife शायरी मोहब्बत के लिए

6 Love

सुबह के 5 बज चुके है तो जमाने ए बंदिश खैर एक खयाल एक गजल देखिए रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी (मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना) नही है रही अब फितरत हमारी मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से क्यों हया-ए- आबरू खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी (मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे इसे बेफिकर होकर जियो निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार ©Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa  सुबह के 5 बज चुके है तो

जमाने ए बंदिश

खैर एक खयाल एक गजल देखिए
रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है
हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है
ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी
अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी
(मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना)
 नही है रही अब फितरत हमारी
मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी
हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से
क्यों हया-ए- आबरू  खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी

(मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) 

इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे  इसे बेफिकर होकर जियो
निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार

©Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #

19 Love

White साजिशों की सियाही में वो असर कहाँ, जो हमारे इरादों की रौशनी को धुंधला सके। ©नवनीत ठाकुर

#शायरी #साजिश  White साजिशों की सियाही में वो असर कहाँ,
जो हमारे इरादों की रौशनी को धुंधला सके।

©नवनीत ठाकुर
#शायरी #vksrivastav #Trending #Quote  White झूंठी बाज़ी के लिए अपने गंवा बैठे हैं लोग
झूठ को थाम सच्चे सपने गंवा बैठे हैं लोग

©Vk srivastav

झूंठी बाज़ी के लिए #Trending #Quote #शायरी #vksrivastav

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