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Unsplash सीखने की जिज्ञासा कहाँ रुकती है कहने को आता है सब कुछ पर कसक कहीं रह जाती है.... उमर के तवोजों से चुप हो जाते है आत्मा में लालसा है जब आगे बढ़ने की तो उसकी जिज्ञासा से कहाँ रुक जाती है... मत चोट दिया करो खुद को के आता नहीं दूसरों से पूछ लेने से भी जिज्ञासा कहाँ मन से खत्म हो जाती है... जिज्ञासा मन में रखने से जिज्ञासा आती नहीं जो पूछते है बार - बार प्रश्न उनके मन में डर की कमी कहाँ रहती है... अगर होती ना खोजवृति हमारे पूर्वजों में तो पद्य से आते नहीं हम वाहनों में, बिजली विभाग होता नहीं तो हम वार्तालाप करते ना मोबाइलों में... अब समझ आ गया होगा जीवन में खोजवृति जरूरी है, चाहें जिन्दगी में हो, किताबों में, या अपनी पसंदीदा चीजों में .... खोजवृति में ऐसा इंसान खो गया, बाहर को( दूसरों को) खोजते - खोजते खुद को भूल गया, मोबाइल ने समेट दी सारी दुनिया अपनी दुनिया ही भूल गया.. ©Malwinder kaur Mmmmalwinder

 Unsplash सीखने की जिज्ञासा कहाँ रुकती है
कहने को आता है सब कुछ पर 
कसक कहीं रह जाती है....

उमर के तवोजों से चुप हो जाते है
आत्मा में लालसा है जब आगे बढ़ने की
तो उसकी जिज्ञासा से कहाँ रुक जाती है...

मत चोट दिया करो खुद को के आता नहीं
दूसरों से पूछ लेने से भी जिज्ञासा कहाँ 
मन से खत्म हो जाती है...

जिज्ञासा मन में रखने से जिज्ञासा आती नहीं
जो पूछते है बार - बार प्रश्न उनके मन में डर की कमी कहाँ रहती है...

अगर होती ना खोजवृति हमारे पूर्वजों में
तो पद्य से आते नहीं हम वाहनों में, बिजली विभाग होता नहीं तो हम वार्तालाप करते ना मोबाइलों में...

अब समझ आ गया होगा जीवन में खोजवृति जरूरी है, चाहें जिन्दगी में हो, किताबों में, या अपनी पसंदीदा चीजों में ....

खोजवृति में ऐसा इंसान खो गया, बाहर को( दूसरों को) खोजते - खोजते खुद को भूल
गया, मोबाइल ने समेट दी सारी दुनिया अपनी दुनिया ही भूल गया..

©Malwinder kaur Mmmmalwinder

# Mmmalwinder # Malwinder Kaur #जिज्ञासा

15 Love

#फ़िल्म

avneet Kaur

126 View

White ये आसमां ज़मीं पर उतर क्यों नहीं जाता ये गुजरता हुआ साल अब ठहर क्यों नहीं जाता ये रुकता तो,बच्चे भी बच्चे रहते,हम भी हम रहते न वो दूर कहीं जाते,ना हम घर के बाहर ठहरते बदलते वक्त के हालात पर ये तरश क्यों नहीं खाता ये गुजरता हुआ साल अब ठहर क्यों नहीं जाता झोपड़ियां सहमी है दुबकी हैं फट्टे शॉल में लिपटी है बकरियां फट्टे बोरे में,टूटी खाट पे हुई जा खड़ी हैं इस बेबसी में नए साल का फितूर उतर क्यों नहीं जाता ये गुजरता हुआ साल अब ठहर क्यों नहीं जाता बाप कि जवानी लेकर बेटे बड़े हो रहे हैं इन्हें जवान करते बाप अधमरे हो रहे हैं रैन बसेरों का डर अब निकल क्यों नहीं जाता ये गुजरता हुआ साल अब ठहर क्यों नहीं जाता राजीव ©samandar Speaks

#कविता #love_shayari  White  ये आसमां ज़मीं पर उतर क्यों नहीं जाता
ये गुजरता हुआ साल अब ठहर क्यों नहीं जाता 

ये रुकता तो,बच्चे भी बच्चे रहते,हम भी हम रहते
न वो दूर कहीं जाते,ना हम घर के बाहर ठहरते
बदलते वक्त के हालात पर ये तरश क्यों नहीं खाता 
ये गुजरता हुआ साल अब ठहर क्यों नहीं जाता

झोपड़ियां सहमी है दुबकी हैं फट्टे शॉल में लिपटी है
बकरियां फट्टे बोरे में,टूटी खाट पे हुई जा खड़ी हैं
इस बेबसी में नए साल का फितूर उतर क्यों नहीं जाता 
ये गुजरता हुआ साल अब ठहर क्यों नहीं जाता

बाप कि जवानी लेकर बेटे बड़े हो रहे हैं
इन्हें जवान करते बाप अधमरे हो रहे हैं 
रैन बसेरों का डर अब निकल क्यों नहीं जाता
 ये गुजरता हुआ साल अब ठहर क्यों नहीं जाता
राजीव

©samandar Speaks

#love_shayari मनीष शर्मा @Satyaprem Upadhyay Radhey Ray Poonam bagadia "punit" @Sandeep L Guru मनीष शर्मा @Satyaprem Upadhyay अंजान S

16 Love

Unsplash सीखने की जिज्ञासा कहाँ रुकती है कहने को आता है सब कुछ पर कसक कहीं रह जाती है.... उमर के तवोजों से चुप हो जाते है आत्मा में लालसा है जब आगे बढ़ने की तो उसकी जिज्ञासा से कहाँ रुक जाती है... मत चोट दिया करो खुद को के आता नहीं दूसरों से पूछ लेने से भी जिज्ञासा कहाँ मन से खत्म हो जाती है... जिज्ञासा मन में रखने से जिज्ञासा आती नहीं जो पूछते है बार - बार प्रश्न उनके मन में डर की कमी कहाँ रहती है... अगर होती ना खोजवृति हमारे पूर्वजों में तो पद्य से आते नहीं हम वाहनों में, बिजली विभाग होता नहीं तो हम वार्तालाप करते ना मोबाइलों में... अब समझ आ गया होगा जीवन में खोजवृति जरूरी है, चाहें जिन्दगी में हो, किताबों में, या अपनी पसंदीदा चीजों में .... खोजवृति में ऐसा इंसान खो गया, बाहर को( दूसरों को) खोजते - खोजते खुद को भूल गया, मोबाइल ने समेट दी सारी दुनिया अपनी दुनिया ही भूल गया.. ©Malwinder kaur Mmmmalwinder

 Unsplash सीखने की जिज्ञासा कहाँ रुकती है
कहने को आता है सब कुछ पर 
कसक कहीं रह जाती है....

उमर के तवोजों से चुप हो जाते है
आत्मा में लालसा है जब आगे बढ़ने की
तो उसकी जिज्ञासा से कहाँ रुक जाती है...

मत चोट दिया करो खुद को के आता नहीं
दूसरों से पूछ लेने से भी जिज्ञासा कहाँ 
मन से खत्म हो जाती है...

जिज्ञासा मन में रखने से जिज्ञासा आती नहीं
जो पूछते है बार - बार प्रश्न उनके मन में डर की कमी कहाँ रहती है...

अगर होती ना खोजवृति हमारे पूर्वजों में
तो पद्य से आते नहीं हम वाहनों में, बिजली विभाग होता नहीं तो हम वार्तालाप करते ना मोबाइलों में...

अब समझ आ गया होगा जीवन में खोजवृति जरूरी है, चाहें जिन्दगी में हो, किताबों में, या अपनी पसंदीदा चीजों में ....

खोजवृति में ऐसा इंसान खो गया, बाहर को( दूसरों को) खोजते - खोजते खुद को भूल
गया, मोबाइल ने समेट दी सारी दुनिया अपनी दुनिया ही भूल गया..

©Malwinder kaur Mmmmalwinder

# Mmmalwinder # Malwinder Kaur #जिज्ञासा

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#फ़िल्म

avneet Kaur

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White ये आसमां ज़मीं पर उतर क्यों नहीं जाता ये गुजरता हुआ साल अब ठहर क्यों नहीं जाता ये रुकता तो,बच्चे भी बच्चे रहते,हम भी हम रहते न वो दूर कहीं जाते,ना हम घर के बाहर ठहरते बदलते वक्त के हालात पर ये तरश क्यों नहीं खाता ये गुजरता हुआ साल अब ठहर क्यों नहीं जाता झोपड़ियां सहमी है दुबकी हैं फट्टे शॉल में लिपटी है बकरियां फट्टे बोरे में,टूटी खाट पे हुई जा खड़ी हैं इस बेबसी में नए साल का फितूर उतर क्यों नहीं जाता ये गुजरता हुआ साल अब ठहर क्यों नहीं जाता बाप कि जवानी लेकर बेटे बड़े हो रहे हैं इन्हें जवान करते बाप अधमरे हो रहे हैं रैन बसेरों का डर अब निकल क्यों नहीं जाता ये गुजरता हुआ साल अब ठहर क्यों नहीं जाता राजीव ©samandar Speaks

#कविता #love_shayari  White  ये आसमां ज़मीं पर उतर क्यों नहीं जाता
ये गुजरता हुआ साल अब ठहर क्यों नहीं जाता 

ये रुकता तो,बच्चे भी बच्चे रहते,हम भी हम रहते
न वो दूर कहीं जाते,ना हम घर के बाहर ठहरते
बदलते वक्त के हालात पर ये तरश क्यों नहीं खाता 
ये गुजरता हुआ साल अब ठहर क्यों नहीं जाता

झोपड़ियां सहमी है दुबकी हैं फट्टे शॉल में लिपटी है
बकरियां फट्टे बोरे में,टूटी खाट पे हुई जा खड़ी हैं
इस बेबसी में नए साल का फितूर उतर क्यों नहीं जाता 
ये गुजरता हुआ साल अब ठहर क्यों नहीं जाता

बाप कि जवानी लेकर बेटे बड़े हो रहे हैं
इन्हें जवान करते बाप अधमरे हो रहे हैं 
रैन बसेरों का डर अब निकल क्यों नहीं जाता
 ये गुजरता हुआ साल अब ठहर क्यों नहीं जाता
राजीव

©samandar Speaks

#love_shayari मनीष शर्मा @Satyaprem Upadhyay Radhey Ray Poonam bagadia "punit" @Sandeep L Guru मनीष शर्मा @Satyaprem Upadhyay अंजान S

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