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New यौमे पैदाइश की बहुत-बहुत मुबारकबाद Status, Photo, Video

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#भक्ति

नवरात्रि बहुत बहुत शुभकामनाएं

144 View

#Bhakti

लोगों ने बहुत कोशिश की

144 View

White भाषा नहीं भाव है। इसीलिए हिंदी से लगाव है। ©Kulwant singh

#विचार #GoodMorning  White भाषा नहीं भाव है।
इसीलिए हिंदी से लगाव है।

©Kulwant singh

हिंदी दिवस की बहुत बहुत सुभकमनाएं #GoodMorning

12 Love

#लव

बहुत बहुत बधाई हो तीज की

261 View

#जन्माष्टमी

#जन्माष्टमी महोत्सव की बहुत बहुत बधाई poetry in hindi

108 View

#यौमे आशूरा ऊंटों की नंगी पीठ पर सवार थी सय्येदात खंजर दिखा दिखाकर डराता था उन्हें जल्लाद।। गले में टोंक,थी पैरों में बेड़ियां मजलूम इमामेअबा खड़े थे सर झुका।। बेकसूर थे मासूम,सारे शोहोदा हंसते थे जालिम कर करके अधमरा।। चलाया हरम ए शब्बीर भरे बाजार ए शाम बेपरदा दरबार ए यजीद खड़े किए,’मोहसिन’ बांधे रसन सबको तन्हां।। आया मदीना लुट कर जब काफिला ए शहंशाह यजीदियत को रौंदकर हुसैनियत थी मरहबा।। ✍️✍️मुर्तजा’मोहसिन’ ©Murtaza Ali

#यौमे  #यौमे आशूरा
ऊंटों की नंगी पीठ पर सवार थी सय्येदात 
खंजर दिखा दिखाकर डराता था उन्हें जल्लाद।।
गले में टोंक,थी पैरों में बेड़ियां
मजलूम इमामेअबा खड़े थे सर झुका।।
बेकसूर थे मासूम,सारे शोहोदा
हंसते थे जालिम कर करके अधमरा।।
चलाया हरम ए शब्बीर
भरे बाजार ए शाम बेपरदा 
दरबार ए यजीद खड़े किए,’मोहसिन’
बांधे रसन सबको तन्हां।।
आया मदीना लुट कर 
जब काफिला ए शहंशाह
यजीदियत को रौंदकर 
हुसैनियत थी मरहबा।।
✍️✍️मुर्तजा’मोहसिन’

©Murtaza Ali

# यौमे आशूरा

15 Love

#भक्ति

नवरात्रि बहुत बहुत शुभकामनाएं

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#Bhakti

लोगों ने बहुत कोशिश की

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White भाषा नहीं भाव है। इसीलिए हिंदी से लगाव है। ©Kulwant singh

#विचार #GoodMorning  White भाषा नहीं भाव है।
इसीलिए हिंदी से लगाव है।

©Kulwant singh

हिंदी दिवस की बहुत बहुत सुभकमनाएं #GoodMorning

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#लव

बहुत बहुत बधाई हो तीज की

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#जन्माष्टमी

#जन्माष्टमी महोत्सव की बहुत बहुत बधाई poetry in hindi

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#यौमे आशूरा ऊंटों की नंगी पीठ पर सवार थी सय्येदात खंजर दिखा दिखाकर डराता था उन्हें जल्लाद।। गले में टोंक,थी पैरों में बेड़ियां मजलूम इमामेअबा खड़े थे सर झुका।। बेकसूर थे मासूम,सारे शोहोदा हंसते थे जालिम कर करके अधमरा।। चलाया हरम ए शब्बीर भरे बाजार ए शाम बेपरदा दरबार ए यजीद खड़े किए,’मोहसिन’ बांधे रसन सबको तन्हां।। आया मदीना लुट कर जब काफिला ए शहंशाह यजीदियत को रौंदकर हुसैनियत थी मरहबा।। ✍️✍️मुर्तजा’मोहसिन’ ©Murtaza Ali

#यौमे  #यौमे आशूरा
ऊंटों की नंगी पीठ पर सवार थी सय्येदात 
खंजर दिखा दिखाकर डराता था उन्हें जल्लाद।।
गले में टोंक,थी पैरों में बेड़ियां
मजलूम इमामेअबा खड़े थे सर झुका।।
बेकसूर थे मासूम,सारे शोहोदा
हंसते थे जालिम कर करके अधमरा।।
चलाया हरम ए शब्बीर
भरे बाजार ए शाम बेपरदा 
दरबार ए यजीद खड़े किए,’मोहसिन’
बांधे रसन सबको तन्हां।।
आया मदीना लुट कर 
जब काफिला ए शहंशाह
यजीदियत को रौंदकर 
हुसैनियत थी मरहबा।।
✍️✍️मुर्तजा’मोहसिन’

©Murtaza Ali

# यौमे आशूरा

15 Love

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