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New लागतंय कोणा मेरा चर्चा Status, Photo, Video

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White दूसरों की हार को चर्चा का विषय मत बनाओ उसको अपना सबक मान कर अपने पर कार्य करो ताकि कोई दूसरा तुम्हारी हार को चर्चा में ना ला सके । ©सूरज

#मोटिवेशनल #हार  White दूसरों की हार को चर्चा का विषय मत बनाओ उसको अपना सबक मान कर अपने पर कार्य करो ताकि कोई दूसरा तुम्हारी हार को चर्चा में ना ला सके ।

©सूरज

#हार को चर्चा का विषय मत बनाए ।

19 Love

#कविता #मेरा

#मेरा अनुभव

144 View

#कविता #मैं

मेरा संघर्ष #मैं और मेरा संघर्ष

135 View

White तेरी अदाओं से जो लिखी थी मोहब्बत की दास्तां, आज उसी किताब का अधूरा पन्ना याद आया। तेरी पलकों की स्याही से जो लिखे थे जज़्बात, उन ख्वाबों का सिमटा हुआ फसाना याद आया। तेरे लम्स की तपिश में जो पिघला था वजूद, वो टूटते सितारों का सुहाना गुमां याद आया। तेरी जुल्फों में छुपा था जो शाम का सुकून, आज उसी ढलते सूरज का अंजुमन याद आया। तेरी बातों के फूल जो खिलते थे चमन में, उनकी खुशबू का बिखरा हर जाम याद आया। तेरा नाम जुबां पर आते ही रोशन हुए, हर उस हसीन पल का गुलिस्तां याद आया। हुस्न की महफ़िल में जब तेरे हुस्न का ज़िक्र हुआ, जैसे वीरानों में किसी का सलाम याद आया। तेरे दीदार की हसरत में जो गुज़रे थे लम्हे, उन लम्हों का हर अधूरा ख्वाब याद आया।"** ©नवनीत ठाकुर

#शायरी #हुस्न  White तेरी अदाओं से जो लिखी थी मोहब्बत की दास्तां,
आज उसी किताब का अधूरा पन्ना याद आया।
तेरी पलकों की स्याही से जो लिखे थे जज़्बात,
उन ख्वाबों का सिमटा हुआ फसाना याद आया।

तेरे लम्स की तपिश में जो पिघला था वजूद,
वो टूटते सितारों का सुहाना गुमां याद आया।
तेरी जुल्फों में छुपा था जो शाम का सुकून,
आज उसी ढलते सूरज का अंजुमन याद आया।

तेरी बातों के फूल जो खिलते थे चमन में,
उनकी खुशबू का बिखरा हर जाम याद आया।
तेरा नाम जुबां पर आते ही रोशन हुए,
हर उस हसीन पल का गुलिस्तां याद आया।

हुस्न की महफ़िल में जब तेरे हुस्न का ज़िक्र हुआ,
जैसे वीरानों में किसी का सलाम याद आया।
तेरे दीदार की हसरत में जो गुज़रे थे लम्हे,
उन लम्हों का हर अधूरा ख्वाब याद आया।"**

©नवनीत ठाकुर

#हुस्न की चर्चा हुई और तेरा नाम याद आया

10 Love

White 🔷🔶मेरा मन🔷🔶 कीचड़ और कीचड़ से मुक्ति दोनों जल से होती है पाप बंध और पाप से मुक्ति दोनों मन से होती है मन से बंधन से मन मुक्ति मन में ही महावीर बसा मन ही रावण मन दुर्योधन मन में ही तो कंश बसा संयम धारण करले मन कुंदन करेगी तप की अगन निज में रमजा अब तो मन चिंतन मंथन कर ले मन राम जगेगा तुझ में मन ओ मेरे बैरागी मन ©वैभव जैन

#कोट्स #मेरा  White 🔷🔶मेरा मन🔷🔶
कीचड़ और कीचड़ से मुक्ति 
दोनों जल से होती है 
पाप बंध और पाप से मुक्ति 
दोनों मन से होती है 
मन से बंधन से मन मुक्ति 
मन में ही महावीर बसा 
मन ही रावण मन दुर्योधन 
मन में ही तो कंश बसा 
संयम धारण करले मन 
कुंदन करेगी तप की अगन 
निज में रमजा अब तो मन 
चिंतन मंथन कर ले मन 
राम जगेगा तुझ में मन 
ओ मेरे बैरागी मन

©वैभव जैन

#मेरा मन

13 Love

#मोटिवेशनल

अध्यात्म की चर्चा

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White दूसरों की हार को चर्चा का विषय मत बनाओ उसको अपना सबक मान कर अपने पर कार्य करो ताकि कोई दूसरा तुम्हारी हार को चर्चा में ना ला सके । ©सूरज

#मोटिवेशनल #हार  White दूसरों की हार को चर्चा का विषय मत बनाओ उसको अपना सबक मान कर अपने पर कार्य करो ताकि कोई दूसरा तुम्हारी हार को चर्चा में ना ला सके ।

©सूरज

#हार को चर्चा का विषय मत बनाए ।

19 Love

#कविता #मेरा

#मेरा अनुभव

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#कविता #मैं

मेरा संघर्ष #मैं और मेरा संघर्ष

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White तेरी अदाओं से जो लिखी थी मोहब्बत की दास्तां, आज उसी किताब का अधूरा पन्ना याद आया। तेरी पलकों की स्याही से जो लिखे थे जज़्बात, उन ख्वाबों का सिमटा हुआ फसाना याद आया। तेरे लम्स की तपिश में जो पिघला था वजूद, वो टूटते सितारों का सुहाना गुमां याद आया। तेरी जुल्फों में छुपा था जो शाम का सुकून, आज उसी ढलते सूरज का अंजुमन याद आया। तेरी बातों के फूल जो खिलते थे चमन में, उनकी खुशबू का बिखरा हर जाम याद आया। तेरा नाम जुबां पर आते ही रोशन हुए, हर उस हसीन पल का गुलिस्तां याद आया। हुस्न की महफ़िल में जब तेरे हुस्न का ज़िक्र हुआ, जैसे वीरानों में किसी का सलाम याद आया। तेरे दीदार की हसरत में जो गुज़रे थे लम्हे, उन लम्हों का हर अधूरा ख्वाब याद आया।"** ©नवनीत ठाकुर

#शायरी #हुस्न  White तेरी अदाओं से जो लिखी थी मोहब्बत की दास्तां,
आज उसी किताब का अधूरा पन्ना याद आया।
तेरी पलकों की स्याही से जो लिखे थे जज़्बात,
उन ख्वाबों का सिमटा हुआ फसाना याद आया।

तेरे लम्स की तपिश में जो पिघला था वजूद,
वो टूटते सितारों का सुहाना गुमां याद आया।
तेरी जुल्फों में छुपा था जो शाम का सुकून,
आज उसी ढलते सूरज का अंजुमन याद आया।

तेरी बातों के फूल जो खिलते थे चमन में,
उनकी खुशबू का बिखरा हर जाम याद आया।
तेरा नाम जुबां पर आते ही रोशन हुए,
हर उस हसीन पल का गुलिस्तां याद आया।

हुस्न की महफ़िल में जब तेरे हुस्न का ज़िक्र हुआ,
जैसे वीरानों में किसी का सलाम याद आया।
तेरे दीदार की हसरत में जो गुज़रे थे लम्हे,
उन लम्हों का हर अधूरा ख्वाब याद आया।"**

©नवनीत ठाकुर

#हुस्न की चर्चा हुई और तेरा नाम याद आया

10 Love

White 🔷🔶मेरा मन🔷🔶 कीचड़ और कीचड़ से मुक्ति दोनों जल से होती है पाप बंध और पाप से मुक्ति दोनों मन से होती है मन से बंधन से मन मुक्ति मन में ही महावीर बसा मन ही रावण मन दुर्योधन मन में ही तो कंश बसा संयम धारण करले मन कुंदन करेगी तप की अगन निज में रमजा अब तो मन चिंतन मंथन कर ले मन राम जगेगा तुझ में मन ओ मेरे बैरागी मन ©वैभव जैन

#कोट्स #मेरा  White 🔷🔶मेरा मन🔷🔶
कीचड़ और कीचड़ से मुक्ति 
दोनों जल से होती है 
पाप बंध और पाप से मुक्ति 
दोनों मन से होती है 
मन से बंधन से मन मुक्ति 
मन में ही महावीर बसा 
मन ही रावण मन दुर्योधन 
मन में ही तो कंश बसा 
संयम धारण करले मन 
कुंदन करेगी तप की अगन 
निज में रमजा अब तो मन 
चिंतन मंथन कर ले मन 
राम जगेगा तुझ में मन 
ओ मेरे बैरागी मन

©वैभव जैन

#मेरा मन

13 Love

#मोटिवेशनल

अध्यात्म की चर्चा

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