कोई मेरा जिसा कामचोर जाट था।बैठे बैठे रुपये कैसे कमाए जाए।यो सोचे था फिर एक दिन
जाट ने ढ़िंढ़ोरा पिटवाया कि वह रब के दर्शन करा सकता है!
फिर क्या था,
देखते ही देखते कई हजार लोग उसके घर के सामने इकट्ठा हो गये!
जाट ने एक अंधेरे वाले कमरे मे,
एक गधा बाँध दिया और कमरे के बाहर एक दानपेटी रख दी!
सारे लोग रब के दर्शन करने के लिये पंक्ति बनाकर एक-एक करके आने लगे!
जब कोई जाट के पास आता तो वह धीरे से उसके कान मे कहते,
देखो अगर आप अपने पिताजी की जायज संतान हो तो आपको कमरे मे चतुर्भुज रब के दर्शन होंगे,
और अगर आप नाजायज हो तो आपको वहाँ "गधा" दिखेगा।
अब जो भी कमरें के अन्दर जाता,
उसे वहाँ "गधा" ही दिखता,
पर वह स्वयं की मर्यादा बनाये रखने के लिये बाहर आकर चिल्लाता कि मैने स्वयं परमात्मा को देखा,
साक्षात चतुर्भुज रूप मे प्रभु खड़े थे,
जय हो जाट देवता की,
जिन्होंने "परमात्मा" से साक्षात दर्शन करवाया।
फिर जाट देवता बोलते हैं कि अच्छा तो अब इस दानपेटी मे चढ़ावा डालो और जाओ।
हजारो लोग कमरे के अन्दर गये,
पर किसी ने साहस करके यह नही कहा कि वहाँ "गधा" है!
©Andy Mann
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