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जिधर जाते हैं सब परिंदे, उधर जाना अच्छा होता, अगर ये सरहदों का फासला मिटाना अच्छा होता। फिज़ाओं में बहती है एक सी खुशबू हर तरफ, हर दिल में मोहब्बत का घर बसाना अच्छा होता। न होता ये बंटवारा जमीं और आसमां का, हर कोने में बस इंसां बसाना अच्छा होता। परिंदों की तरह बेखौफ उड़ते रहते हम भी, हर ख्वाब को अपना बनाना अच्छा होता। अगर न होते ये फर्क मज़हब और वतन के, हर साया बस अमन का ठिकाना अच्छा होता। तू भी मेरा, मैं भी तेरा, ये रिश्ता हो बस, हर जश्न में शामिल ज़माना अच्छा होता। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #कविता  जिधर जाते हैं सब परिंदे, उधर जाना अच्छा होता,
अगर ये सरहदों का फासला मिटाना अच्छा होता।

फिज़ाओं में बहती है एक सी खुशबू हर तरफ,
हर दिल में मोहब्बत का घर बसाना अच्छा होता।

न होता ये बंटवारा जमीं और आसमां का,
हर कोने में बस इंसां बसाना अच्छा होता।

परिंदों की तरह बेखौफ उड़ते रहते हम भी,
हर ख्वाब को अपना बनाना अच्छा होता।

अगर न होते ये फर्क मज़हब और वतन के,
हर साया बस अमन का ठिकाना अच्छा होता।

तू भी मेरा, मैं भी तेरा, ये रिश्ता हो बस,
हर जश्न में शामिल ज़माना अच्छा होता।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर जिधर जाते हैं सब परिंदे, उधर जाना अच्छा होता, अगर ये सरहदों का फासला मिटाना अच्छा होता। फिज़ाओं में बहती है एक सी खुशबू हर तरफ

15 Love

#कविता #love_shayari  White एक सवाल 
---------
एक सवाल देश से,
देश से नहीं,देश के नेताओं से,
आमजन को,
क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है?
आखिर क्यों देश तोडना  चाहते  है?।
---
सत्ता किसी की स्थायी नहीं होती,
समय की धार में बहती रहती,
फिर क्यों उसे
 अपनी निजी सम्पत्ति समझते हों?
क्यों सत्ता के लिये धर्म जाति के,
तुष्टिकरण की राजनीति करते हों ?।
----
क्यों देश को अगड़े पिछड़े 
और भी कई टुकड़ों में में बाँट रहें हों?
 क्यों देश के अपराधियों,
 आतंकियों की ढाल बन रहें हों ?।
----
आखिर क्यों नहीं सोचते,
ज़ब देश रहेगा,तभी हम आप रहेंगे,
आज जिन्हें सत्ता के लिये पनाह दें रहें,
वही कल हमें विकट संताप देंगे,
हमारी धर्म संस्कृति को निगल जायेगे,
हमारे निशान भी सिर्फ इतिहास में नजर आयेंगे।
----
जिन जातियों की राजनीति कर रहें,
उन जातियों के निशान भी न रहेंगे,
हमारे धर्म संस्कृति संस्कार सब नष्ट होंगे।
----
अभी वक़्त हैं, संभल जाओ,
 महा विनाश को न बुलाओ
आतंकी दस्तक आज,हर तरफ सुनाई दें रहीं हैं,
चेतावनियो के स्वरों की अग्नि प्रज्जवलित हों रहीं हैं,
अराजकता की आग फैलने के पहले ही बुझाओ,
तुष्टिकरण की राजनीति छोड़ राष्ट्र रक्षा में जुट जाओ।

©IG @kavi_neetesh

#love_shayari एक सवाल --------- एक सवाल देश से, देश से नहीं,देश के नेताओं से, आमजन को, क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है? आखिर क्यों दे

117 View

White तुम रह्ते हो खयलो म्र् ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर143 #बेजुबानशायर #ख्यालों #अंधेरी #चमकाते #महकाते  White तुम रह्ते हो खयलो म्र्

©बेजुबान शायर shivkumar

तुम पास ना होकर भी , तुम रहते हो मेरे #साथ मे इन #अंधेरी गलीयों को यु , तुम करते हो इन्हे रौशन इस बंजर से बाग को , तुम्ही तो #महकाते हो

17 Love

जिधर जाते हैं सब परिंदे, उधर जाना अच्छा होता, अगर ये सरहदों का फासला मिटाना अच्छा होता। फिज़ाओं में बहती है एक सी खुशबू हर तरफ, हर दिल में मोहब्बत का घर बसाना अच्छा होता। न होता ये बंटवारा जमीं और आसमां का, हर कोने में बस इंसां बसाना अच्छा होता। परिंदों की तरह बेखौफ उड़ते रहते हम भी, हर ख्वाब को अपना बनाना अच्छा होता। अगर न होते ये फर्क मज़हब और वतन के, हर साया बस अमन का ठिकाना अच्छा होता। तू भी मेरा, मैं भी तेरा, ये रिश्ता हो बस, हर जश्न में शामिल ज़माना अच्छा होता। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #कविता  जिधर जाते हैं सब परिंदे, उधर जाना अच्छा होता,
अगर ये सरहदों का फासला मिटाना अच्छा होता।

फिज़ाओं में बहती है एक सी खुशबू हर तरफ,
हर दिल में मोहब्बत का घर बसाना अच्छा होता।

न होता ये बंटवारा जमीं और आसमां का,
हर कोने में बस इंसां बसाना अच्छा होता।

परिंदों की तरह बेखौफ उड़ते रहते हम भी,
हर ख्वाब को अपना बनाना अच्छा होता।

अगर न होते ये फर्क मज़हब और वतन के,
हर साया बस अमन का ठिकाना अच्छा होता।

तू भी मेरा, मैं भी तेरा, ये रिश्ता हो बस,
हर जश्न में शामिल ज़माना अच्छा होता।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर जिधर जाते हैं सब परिंदे, उधर जाना अच्छा होता, अगर ये सरहदों का फासला मिटाना अच्छा होता। फिज़ाओं में बहती है एक सी खुशबू हर तरफ

15 Love

#कविता #love_shayari  White एक सवाल 
---------
एक सवाल देश से,
देश से नहीं,देश के नेताओं से,
आमजन को,
क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है?
आखिर क्यों देश तोडना  चाहते  है?।
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सत्ता किसी की स्थायी नहीं होती,
समय की धार में बहती रहती,
फिर क्यों उसे
 अपनी निजी सम्पत्ति समझते हों?
क्यों सत्ता के लिये धर्म जाति के,
तुष्टिकरण की राजनीति करते हों ?।
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क्यों देश को अगड़े पिछड़े 
और भी कई टुकड़ों में में बाँट रहें हों?
 क्यों देश के अपराधियों,
 आतंकियों की ढाल बन रहें हों ?।
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आखिर क्यों नहीं सोचते,
ज़ब देश रहेगा,तभी हम आप रहेंगे,
आज जिन्हें सत्ता के लिये पनाह दें रहें,
वही कल हमें विकट संताप देंगे,
हमारी धर्म संस्कृति को निगल जायेगे,
हमारे निशान भी सिर्फ इतिहास में नजर आयेंगे।
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जिन जातियों की राजनीति कर रहें,
उन जातियों के निशान भी न रहेंगे,
हमारे धर्म संस्कृति संस्कार सब नष्ट होंगे।
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अभी वक़्त हैं, संभल जाओ,
 महा विनाश को न बुलाओ
आतंकी दस्तक आज,हर तरफ सुनाई दें रहीं हैं,
चेतावनियो के स्वरों की अग्नि प्रज्जवलित हों रहीं हैं,
अराजकता की आग फैलने के पहले ही बुझाओ,
तुष्टिकरण की राजनीति छोड़ राष्ट्र रक्षा में जुट जाओ।

©IG @kavi_neetesh

#love_shayari एक सवाल --------- एक सवाल देश से, देश से नहीं,देश के नेताओं से, आमजन को, क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है? आखिर क्यों दे

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White तुम रह्ते हो खयलो म्र् ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर143 #बेजुबानशायर #ख्यालों #अंधेरी #चमकाते #महकाते  White तुम रह्ते हो खयलो म्र्

©बेजुबान शायर shivkumar

तुम पास ना होकर भी , तुम रहते हो मेरे #साथ मे इन #अंधेरी गलीयों को यु , तुम करते हो इन्हे रौशन इस बंजर से बाग को , तुम्ही तो #महकाते हो

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