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New मुझे गुदगुदा के भागने लगी मैं भी उसके पीछे भागा Status, Photo, Video

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हर चेहरे के पीछे एक और चेहरा हो गया है क्या दौर आ गया है दोस्तों.... जब कोई छिपा रहा है दर्द अपना तो कोई अपनी फ़ितरत छिपा रहा है ©हिमांशु Kulshreshtha

#SAD  हर चेहरे के पीछे
एक और चेहरा हो गया है
क्या दौर आ गया है दोस्तों.... 
जब कोई छिपा रहा है दर्द अपना
तो कोई अपनी फ़ितरत छिपा रहा है

©हिमांशु Kulshreshtha

हर चेहरे के पीछे..

17 Love

White जब से, तू मुझ से दूर होने लगी है राह-ए-सफ़र भी अंज़ान होने लगी है दुनिया की भीड़ मे तन्हा छोड़ मुझे मानो मंजिले भी अब खोने लगी है ©Bhupendra Rawat

#शायरी #Sad_Status  White जब से, तू मुझ से दूर होने लगी है
राह-ए-सफ़र भी अंज़ान होने लगी है
दुनिया की भीड़ मे तन्हा छोड़ मुझे
 मानो मंजिले भी अब खोने लगी है

©Bhupendra Rawat

#Sad_Status जब से, तू मुझ से दूर होने लगी है राह-ए-सफ़र भी अंज़ान होने लगी है दुनिया की भीड़ मे तन्हा छोड़ मुझे मानो मंजिले भी अब खोने लगी

12 Love

रोते रोते कब तक मुस्कुराऊंगी कब में रातों में सुरक्षित रास्तों पर चल पाऊंगी। कब अपने हक के लिए अपने घर में बोल पाऊंगी। मैं भी इंसान हूं कब तक दुनिया को समझा पाऊंगी। ©Saddam

#विचार  रोते रोते कब तक मुस्कुराऊंगी 
कब में रातों में सुरक्षित रास्तों पर चल पाऊंगी।
कब अपने हक के लिए अपने घर में बोल पाऊंगी। मैं भी इंसान हूं 
कब तक दुनिया को समझा पाऊंगी।

©Saddam

मैं भी इंसान हूं

13 Love

वो भी रात में निकलती है और हम भी , लोग उसे चांद और हमे आवारा कहते है...❤️🌻 ©s गोल्डी

 वो भी रात में निकलती है और हम भी , 

लोग उसे चांद और हमे आवारा कहते है...❤️🌻

©s गोल्डी

वो भी रात में निकलती है और मैं भी , लोग उसे चांद और मुझे आवारा कहते है...❤️🌻

12 Love

हर शक्श से परेशान होने लगी हूं, ये मैं कैसी इंसान होने लगी हूं। अब सबसे दूर रहने के बहाने ढूंढने लगी हूं, ये मैं कैसी होने लगी हूं। पहले वक्त गुजरता था दोस्तो की महफिलों में, अब वक्त तनहा गुजारने लगी हूं, ये मैं कैसी होने लगी हूं। कभी ठहाके लगाते नही थकती थी मैं, अब अकेले में भी मुस्कुराती नही मैं, ये मैं कैसी होने लगी हूं। ©Heer

 हर शक्श से परेशान होने लगी हूं, 
ये मैं कैसी इंसान होने लगी हूं। 

अब सबसे दूर रहने के बहाने ढूंढने लगी हूं,
ये मैं कैसी होने लगी हूं। 

पहले वक्त गुजरता था दोस्तो की महफिलों में,
अब वक्त तनहा गुजारने लगी हूं,
ये मैं कैसी होने लगी हूं। 

कभी ठहाके लगाते नही थकती थी मैं,
अब अकेले में भी मुस्कुराती नही मैं,
ये मैं कैसी होने लगी हूं।

©Heer

ये मैं कैसी होने लगी हूं..!!😔

17 Love

#कविता  White मुझे मालूम है 
तुम पर्दों के 
पीछे से भी मुझे टकटकी बांधे 
देख रहीं थीं 


ज़ाहिर है तुम्हे सामने आकर मिलने मे शर्म महसूस हो रहीं 
लेकिन सच तो यह है कि  शर्म गैरों 
क़ी जाती है  अपनों से नही

©Parasram Arora

पर्दों के पीछे

144 View

हर चेहरे के पीछे एक और चेहरा हो गया है क्या दौर आ गया है दोस्तों.... जब कोई छिपा रहा है दर्द अपना तो कोई अपनी फ़ितरत छिपा रहा है ©हिमांशु Kulshreshtha

#SAD  हर चेहरे के पीछे
एक और चेहरा हो गया है
क्या दौर आ गया है दोस्तों.... 
जब कोई छिपा रहा है दर्द अपना
तो कोई अपनी फ़ितरत छिपा रहा है

©हिमांशु Kulshreshtha

हर चेहरे के पीछे..

17 Love

White जब से, तू मुझ से दूर होने लगी है राह-ए-सफ़र भी अंज़ान होने लगी है दुनिया की भीड़ मे तन्हा छोड़ मुझे मानो मंजिले भी अब खोने लगी है ©Bhupendra Rawat

#शायरी #Sad_Status  White जब से, तू मुझ से दूर होने लगी है
राह-ए-सफ़र भी अंज़ान होने लगी है
दुनिया की भीड़ मे तन्हा छोड़ मुझे
 मानो मंजिले भी अब खोने लगी है

©Bhupendra Rawat

#Sad_Status जब से, तू मुझ से दूर होने लगी है राह-ए-सफ़र भी अंज़ान होने लगी है दुनिया की भीड़ मे तन्हा छोड़ मुझे मानो मंजिले भी अब खोने लगी

12 Love

रोते रोते कब तक मुस्कुराऊंगी कब में रातों में सुरक्षित रास्तों पर चल पाऊंगी। कब अपने हक के लिए अपने घर में बोल पाऊंगी। मैं भी इंसान हूं कब तक दुनिया को समझा पाऊंगी। ©Saddam

#विचार  रोते रोते कब तक मुस्कुराऊंगी 
कब में रातों में सुरक्षित रास्तों पर चल पाऊंगी।
कब अपने हक के लिए अपने घर में बोल पाऊंगी। मैं भी इंसान हूं 
कब तक दुनिया को समझा पाऊंगी।

©Saddam

मैं भी इंसान हूं

13 Love

वो भी रात में निकलती है और हम भी , लोग उसे चांद और हमे आवारा कहते है...❤️🌻 ©s गोल्डी

 वो भी रात में निकलती है और हम भी , 

लोग उसे चांद और हमे आवारा कहते है...❤️🌻

©s गोल्डी

वो भी रात में निकलती है और मैं भी , लोग उसे चांद और मुझे आवारा कहते है...❤️🌻

12 Love

हर शक्श से परेशान होने लगी हूं, ये मैं कैसी इंसान होने लगी हूं। अब सबसे दूर रहने के बहाने ढूंढने लगी हूं, ये मैं कैसी होने लगी हूं। पहले वक्त गुजरता था दोस्तो की महफिलों में, अब वक्त तनहा गुजारने लगी हूं, ये मैं कैसी होने लगी हूं। कभी ठहाके लगाते नही थकती थी मैं, अब अकेले में भी मुस्कुराती नही मैं, ये मैं कैसी होने लगी हूं। ©Heer

 हर शक्श से परेशान होने लगी हूं, 
ये मैं कैसी इंसान होने लगी हूं। 

अब सबसे दूर रहने के बहाने ढूंढने लगी हूं,
ये मैं कैसी होने लगी हूं। 

पहले वक्त गुजरता था दोस्तो की महफिलों में,
अब वक्त तनहा गुजारने लगी हूं,
ये मैं कैसी होने लगी हूं। 

कभी ठहाके लगाते नही थकती थी मैं,
अब अकेले में भी मुस्कुराती नही मैं,
ये मैं कैसी होने लगी हूं।

©Heer

ये मैं कैसी होने लगी हूं..!!😔

17 Love

#कविता  White मुझे मालूम है 
तुम पर्दों के 
पीछे से भी मुझे टकटकी बांधे 
देख रहीं थीं 


ज़ाहिर है तुम्हे सामने आकर मिलने मे शर्म महसूस हो रहीं 
लेकिन सच तो यह है कि  शर्म गैरों 
क़ी जाती है  अपनों से नही

©Parasram Arora

पर्दों के पीछे

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