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New majburi shayari in urdu Status, Photo, Video

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अजीब बनाया है कुदरत तूने जाने किस तरह तराशा है बंदों को तूने, किसी ने थाली ले फेंक दी और किसी ने सड़क किनारे गिरी रोटी भी खा ली।। ©Lovely Love

#विचार #majburi #bhukh  अजीब बनाया है कुदरत तूने जाने किस तरह तराशा है बंदों को तूने, किसी ने थाली ले फेंक दी और किसी ने सड़क किनारे गिरी रोटी भी खा ली।।

©Lovely Love

#bhukh #majburi

10 Love

deep poetry in urdu

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deep poetry in urdu

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White जो खबर के काबिल नहीं है खबर ढूंढता है जिसका जीवन हो भंवर में खबर ढूंढता है मधुमक्खियां से शहद की बात करता है खुद की जिंदगी जहर में खबर ढूंढता है अफवाहों के बाजार में कोई गुम हो गया है क्या कहें शहर अब सहर में खबर ढूंढता है जमाने भर का शोर है कुछ हुआ है मगर क्यों राज बेहक़ीक़त नजर में खबर ढूंढता है ©Rishi Raj

#good_night  White  जो खबर के काबिल नहीं है खबर ढूंढता है 
जिसका जीवन हो भंवर में खबर ढूंढता है 

मधुमक्खियां से शहद की बात करता है
खुद की जिंदगी जहर में खबर ढूंढता है 

अफवाहों के बाजार में कोई गुम हो गया है 
क्या कहें शहर अब सहर में खबर ढूंढता है 

जमाने भर का शोर है कुछ हुआ है मगर 
क्यों राज बेहक़ीक़त नजर में खबर ढूंढता है

©Rishi Raj

#good_night urdu poetry deep poetry in urdu

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deep poetry in urdu

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White जिस खिलौने को पाने के लिए मैंने बचपन में चीख चीख कर रोया था न, अगर आज मैने उसका थोड़ा सा भी नाटक किया होता तो आज वो शक्स मेरे पास होता l ©Dhruv M

#majburi #Tulips #Avsos  White जिस खिलौने को पाने के लिए 
मैंने बचपन में चीख चीख  कर रोया था न,
अगर आज मैने उसका थोड़ा सा भी नाटक किया होता 
तो आज वो शक्स मेरे पास होता l

©Dhruv M

अजीब बनाया है कुदरत तूने जाने किस तरह तराशा है बंदों को तूने, किसी ने थाली ले फेंक दी और किसी ने सड़क किनारे गिरी रोटी भी खा ली।। ©Lovely Love

#विचार #majburi #bhukh  अजीब बनाया है कुदरत तूने जाने किस तरह तराशा है बंदों को तूने, किसी ने थाली ले फेंक दी और किसी ने सड़क किनारे गिरी रोटी भी खा ली।।

©Lovely Love

#bhukh #majburi

10 Love

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White जो खबर के काबिल नहीं है खबर ढूंढता है जिसका जीवन हो भंवर में खबर ढूंढता है मधुमक्खियां से शहद की बात करता है खुद की जिंदगी जहर में खबर ढूंढता है अफवाहों के बाजार में कोई गुम हो गया है क्या कहें शहर अब सहर में खबर ढूंढता है जमाने भर का शोर है कुछ हुआ है मगर क्यों राज बेहक़ीक़त नजर में खबर ढूंढता है ©Rishi Raj

#good_night  White  जो खबर के काबिल नहीं है खबर ढूंढता है 
जिसका जीवन हो भंवर में खबर ढूंढता है 

मधुमक्खियां से शहद की बात करता है
खुद की जिंदगी जहर में खबर ढूंढता है 

अफवाहों के बाजार में कोई गुम हो गया है 
क्या कहें शहर अब सहर में खबर ढूंढता है 

जमाने भर का शोर है कुछ हुआ है मगर 
क्यों राज बेहक़ीक़त नजर में खबर ढूंढता है

©Rishi Raj

#good_night urdu poetry deep poetry in urdu

16 Love

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White जिस खिलौने को पाने के लिए मैंने बचपन में चीख चीख कर रोया था न, अगर आज मैने उसका थोड़ा सा भी नाटक किया होता तो आज वो शक्स मेरे पास होता l ©Dhruv M

#majburi #Tulips #Avsos  White जिस खिलौने को पाने के लिए 
मैंने बचपन में चीख चीख  कर रोया था न,
अगर आज मैने उसका थोड़ा सा भी नाटक किया होता 
तो आज वो शक्स मेरे पास होता l

©Dhruv M
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