White जो खबर के काबिल नहीं है खबर ढूंढता है
जिसका जीवन हो भंवर में खबर ढूंढता है
मधुमक्खियां से शहद की बात करता है
खुद की जिंदगी जहर में खबर ढूंढता है
अफवाहों के बाजार में कोई गुम हो गया है
क्या कहें शहर अब सहर में खबर ढूंढता है
जमाने भर का शोर है कुछ हुआ है मगर
क्यों राज बेहक़ीक़त नजर में खबर ढूंढता है
©Rishi Raj
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