White जो खबर के काबिल नहीं है खबर ढूंढता है जिसक | English Poetry

"White जो खबर के काबिल नहीं है खबर ढूंढता है जिसका जीवन हो भंवर में खबर ढूंढता है मधुमक्खियां से शहद की बात करता है खुद की जिंदगी जहर में खबर ढूंढता है अफवाहों के बाजार में कोई गुम हो गया है क्या कहें शहर अब सहर में खबर ढूंढता है जमाने भर का शोर है कुछ हुआ है मगर क्यों राज बेहक़ीक़त नजर में खबर ढूंढता है ©Rishi Raj"

 White  जो खबर के काबिल नहीं है खबर ढूंढता है 
जिसका जीवन हो भंवर में खबर ढूंढता है 

मधुमक्खियां से शहद की बात करता है
खुद की जिंदगी जहर में खबर ढूंढता है 

अफवाहों के बाजार में कोई गुम हो गया है 
क्या कहें शहर अब सहर में खबर ढूंढता है 

जमाने भर का शोर है कुछ हुआ है मगर 
क्यों राज बेहक़ीक़त नजर में खबर ढूंढता है

©Rishi Raj

White जो खबर के काबिल नहीं है खबर ढूंढता है जिसका जीवन हो भंवर में खबर ढूंढता है मधुमक्खियां से शहद की बात करता है खुद की जिंदगी जहर में खबर ढूंढता है अफवाहों के बाजार में कोई गुम हो गया है क्या कहें शहर अब सहर में खबर ढूंढता है जमाने भर का शोर है कुछ हुआ है मगर क्यों राज बेहक़ीक़त नजर में खबर ढूंढता है ©Rishi Raj

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