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New भये प्रगट कृपाला दीन दयाला Status, Photo, Video

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White महात्मा गाँधी गद्य-लेखक ही नहीं, पद्य-लेखक भी थे। हे नम्रता के सम्राट दीन भंगी की हीन कुटिया के निवासी हमें वरदान दे कि सेवक और मित्र के नाते जिस जनता की हम सेवा करना चाहते हैं उससे कभी अलग न पड़ जायें। हमें त्याग, भक्ति और नम्रता की मूर्ति बना ताकि देश को हम ज़्यादा समझें और ज़्यादा चाहें। ©बेजुबान शायर shivkumar

#मोटिवेशनल #नम्रता #सम्राट #मित्र #भक्ति #त्याग  White महात्मा गाँधी गद्य-लेखक ही नहीं, पद्य-लेखक भी थे। 

हे नम्रता के सम्राट
दीन भंगी की हीन कुटिया के निवासी
हमें वरदान दे कि सेवक और मित्र के नाते
जिस जनता की हम सेवा करना चाहते हैं
उससे कभी अलग न पड़ जायें।
हमें त्याग, भक्ति और नम्रता की मूर्ति बना
ताकि देश को हम ज़्यादा समझें
और ज़्यादा चाहें।

©बेजुबान शायर shivkumar

#gandhi_jayanti महात्मा गाँधी गद्य-लेखक ही नहीं, पद्य-लेखक भी थे। हे नम्रता के #सम्राट दीन भंगी की हीन कुटिया के निवासी हमें वरदान दे कि

15 Love

White ग़ज़ल  मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही  दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही   जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को  बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही  दीन ईमान वो बेच खाते  रहे  जिनके आगे मेरी बोलती चुप रही  बोलियां जो बहुत बोलते थे यहाँ उन पे कोयल की जादूगरी चुप रही वो जो मरकर जियें या वो जीकर मरें देखकर यह बुरी त्रासदी चुप रही ।। बाढ़ में ढ़ह गये गाँव घर और पुल । और टेबल पे फ़ाइल पड़ी चुप रही ।। देखकर ख़ार को हम भी खामोश थे । जो मिली थी प्रखर वो खुशी चुप रही ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल 
मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही 
दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही 

 जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को 
बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही 

दीन ईमान वो बेच खाते  रहे 
जिनके आगे मेरी बोलती चुप रही 

बोलियां जो बहुत बोलते थे यहाँ
उन पे कोयल की जादूगरी चुप रही

वो जो मरकर जियें या वो जीकर मरें
देखकर यह बुरी त्रासदी चुप रही ।।

बाढ़ में ढ़ह गये गाँव घर और पुल ।
और टेबल पे फ़ाइल पड़ी चुप रही ।।

देखकर ख़ार को हम भी खामोश थे ।
जो मिली थी प्रखर वो खुशी चुप रही ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल  मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही  दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही   जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को  बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही 

11 Love

#World_Photography_Day #shamawritesBebaak #writersofindia #poetsofindia #Live  White ©आजकल जो करते हैँ इश्क़ जिस्म के व्यापार मे,
बमुश्किल मिलते है मुखलिस इस फ़िज़िकल बयार मे//१

अब नहीं मिलते मुखलिस यार इश्क के मैंआर मे,
ऐसा लगे के इश्क़ भी अब बन गया प्रेक्टिकल प्यार मे//२

अब यहाँ किसको तलब वस्ले रूहे यार मे,आजकल
 इश्क़ भी हुआ एक नम्बर प्रोफेशनल बाज़ार मे//३

ब्लॉक अनब्लॉक के फेर मे,फिरकी लेता इश्क़
,देखो इसडिजिटल बहार मे//४

खूबरू पर फ़िदा भए,कुरूप न भाये कोय,कुछ
 लोगन पागल भये,इस लाजिकल रफ़्तार मे//५

देकर ज़हनी अजियते फरार फ्लर्टी साब,बन गए मोहरे
मुख्लिस लोग,इस इश्क़ के इमोशनल अत्याचार मे//६
#shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#World_Photography_Day ©आजकल जो करते हैँ इश्क़ जिस्म के व्यापार मे,बमुश्किल मिलते है मुखलिस इस फ़िज़िकल बयार मे//१ अब नहीं मिलते मुखलिस यार इश

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White महात्मा गाँधी गद्य-लेखक ही नहीं, पद्य-लेखक भी थे। हे नम्रता के सम्राट दीन भंगी की हीन कुटिया के निवासी हमें वरदान दे कि सेवक और मित्र के नाते जिस जनता की हम सेवा करना चाहते हैं उससे कभी अलग न पड़ जायें। हमें त्याग, भक्ति और नम्रता की मूर्ति बना ताकि देश को हम ज़्यादा समझें और ज़्यादा चाहें। ©बेजुबान शायर shivkumar

#मोटिवेशनल #नम्रता #सम्राट #मित्र #भक्ति #त्याग  White महात्मा गाँधी गद्य-लेखक ही नहीं, पद्य-लेखक भी थे। 

हे नम्रता के सम्राट
दीन भंगी की हीन कुटिया के निवासी
हमें वरदान दे कि सेवक और मित्र के नाते
जिस जनता की हम सेवा करना चाहते हैं
उससे कभी अलग न पड़ जायें।
हमें त्याग, भक्ति और नम्रता की मूर्ति बना
ताकि देश को हम ज़्यादा समझें
और ज़्यादा चाहें।

©बेजुबान शायर shivkumar

#gandhi_jayanti महात्मा गाँधी गद्य-लेखक ही नहीं, पद्य-लेखक भी थे। हे नम्रता के #सम्राट दीन भंगी की हीन कुटिया के निवासी हमें वरदान दे कि

15 Love

White ग़ज़ल  मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही  दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही   जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को  बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही  दीन ईमान वो बेच खाते  रहे  जिनके आगे मेरी बोलती चुप रही  बोलियां जो बहुत बोलते थे यहाँ उन पे कोयल की जादूगरी चुप रही वो जो मरकर जियें या वो जीकर मरें देखकर यह बुरी त्रासदी चुप रही ।। बाढ़ में ढ़ह गये गाँव घर और पुल । और टेबल पे फ़ाइल पड़ी चुप रही ।। देखकर ख़ार को हम भी खामोश थे । जो मिली थी प्रखर वो खुशी चुप रही ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल 
मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही 
दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही 

 जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को 
बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही 

दीन ईमान वो बेच खाते  रहे 
जिनके आगे मेरी बोलती चुप रही 

बोलियां जो बहुत बोलते थे यहाँ
उन पे कोयल की जादूगरी चुप रही

वो जो मरकर जियें या वो जीकर मरें
देखकर यह बुरी त्रासदी चुप रही ।।

बाढ़ में ढ़ह गये गाँव घर और पुल ।
और टेबल पे फ़ाइल पड़ी चुप रही ।।

देखकर ख़ार को हम भी खामोश थे ।
जो मिली थी प्रखर वो खुशी चुप रही ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल  मौत थीं सामने  ज़िन्दगी चुप रही  दर्द के दौर मैं  हर खुशी चुप रही   जिसकी आँखों ने लूटा मेरे चैन को  बंद आँखें  वही मुखबिरी चुप रही 

11 Love

#World_Photography_Day #shamawritesBebaak #writersofindia #poetsofindia #Live  White ©आजकल जो करते हैँ इश्क़ जिस्म के व्यापार मे,
बमुश्किल मिलते है मुखलिस इस फ़िज़िकल बयार मे//१

अब नहीं मिलते मुखलिस यार इश्क के मैंआर मे,
ऐसा लगे के इश्क़ भी अब बन गया प्रेक्टिकल प्यार मे//२

अब यहाँ किसको तलब वस्ले रूहे यार मे,आजकल
 इश्क़ भी हुआ एक नम्बर प्रोफेशनल बाज़ार मे//३

ब्लॉक अनब्लॉक के फेर मे,फिरकी लेता इश्क़
,देखो इसडिजिटल बहार मे//४

खूबरू पर फ़िदा भए,कुरूप न भाये कोय,कुछ
 लोगन पागल भये,इस लाजिकल रफ़्तार मे//५

देकर ज़हनी अजियते फरार फ्लर्टी साब,बन गए मोहरे
मुख्लिस लोग,इस इश्क़ के इमोशनल अत्याचार मे//६
#shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#World_Photography_Day ©आजकल जो करते हैँ इश्क़ जिस्म के व्यापार मे,बमुश्किल मिलते है मुखलिस इस फ़िज़िकल बयार मे//१ अब नहीं मिलते मुखलिस यार इश

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