हम जब प्रेम करते हैं तो प्रमे मे गालियाँ भी आती हैं,
ये संभव ही नहीं है कि कोई भी गाली खाए बिना या गाली दिए बिना प्रेम कर ले जाए। लोग अलग अलग तरह से प्रेम करते है और अलग तरह से गालियां भी देते हैं। कुछ लोग अलग ही ढंग से प्रेम मे गालियां देते हैं :
"प्रेम की गालियाँ"
तुम्हें औषध मिले, पीर ना मिले
दृष्टि मिले, दृश्य ना मिले
नींदे मिले, स्वप्न ना मिले
गीत मिले, धुन ना मिले
नाव मिले, नदी ना मिले
प्रिये !
तुम पर प्रेम के हजार कोड़े बरसें, तुम्हारी पीठ पर नीला निशान तक ना मिले
❤️❤️✨💫
©s गोल्डी
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here