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New तेव्हा कोरोना व्हायरस समाप्त होईल Status, Photo, Video

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Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey} जिंतनी आपकी संसाररिक भोगो में आसक्ति होती है, उतनी आपकी तन-मन व बुद्धि मे जड़ता आती है, और जितना भगवान श्री हरि का सत्संग आपमें समाहित होता है, वैसे ही बुद्धि से जड़ती समाप्त होती रहती है, आप निर्मल व इस्थिर होने लग होने लगते हैं, भगवान की विशेस कृपा के पात्रता प्राप्त होने वाले व्यक्ति बनते जाते हो। जय वीर हनुमान जी, जय श्रीसीताराम जी।। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #camping  Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey}
जिंतनी आपकी संसाररिक भोगो में 
आसक्ति होती है, उतनी आपकी
तन-मन व बुद्धि मे जड़ता आती है,
और जितना भगवान श्री हरि का 
सत्संग आपमें समाहित होता है, 
वैसे ही बुद्धि से जड़ती समाप्त होती 
रहती है, आप निर्मल व इस्थिर होने 
लग होने लगते हैं, भगवान की विशेस 
कृपा के पात्रता प्राप्त होने वाले व्यक्ति
बनते जाते हो। जय वीर हनुमान जी,
जय श्रीसीताराम जी।।

©N S Yadav GoldMine

#camping {Bolo Ji Radhey Radhey} जिंतनी आपकी संसाररिक भोगो में आसक्ति होती है, उतनी आपकी तन-मन व बुद्धि मे जड़ता आती है, और जितना भगवान श्री

10 Love

शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की चहचहाट थमी। आकाश रंग बदलता, शाम आई, मन को भाती। * संध्या का समय: आज का दिन हुआ समाप्त, तारे निकले, चाँद आया। हवा चलती, शीतल लगती, मन शांत, आनंद भरा। * शाम की यादें: बचपन की शामें याद आतीं, दोस्तों संग खेलते थे। खेतों में दौड़ते फिरते, खुशी से मन भर जाता।✍️✍️🙏💯😍 ©Arjun Singh Rathoud #Gwalior City

#KavitaNojotoHindi #कविता #nojoto😀😀 #♥️💔💔 #shaamkikavita  शाम की छोटी कविताएँ
यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं:
 * शाम का नजारा:
   धूप छिपी, छाया फैली,
   चिड़ियों की चहचहाट थमी।
   आकाश रंग बदलता,
   शाम आई, मन को भाती।
 * संध्या का समय:
   आज का दिन हुआ समाप्त,
   तारे निकले, चाँद आया।
   हवा चलती, शीतल लगती,
   मन शांत, आनंद भरा।
 * शाम की यादें:
   बचपन की शामें याद आतीं,
   दोस्तों संग खेलते थे।
   खेतों में दौड़ते फिरते,
   खुशी से मन भर जाता।✍️✍️🙏💯😍

©Arjun Singh Rathoud #Gwalior City

शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की

7 Love

#मराठीविचार #Shorts

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Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey} जिंतनी आपकी संसाररिक भोगो में आसक्ति होती है, उतनी आपकी तन-मन व बुद्धि मे जड़ता आती है, और जितना भगवान श्री हरि का सत्संग आपमें समाहित होता है, वैसे ही बुद्धि से जड़ती समाप्त होती रहती है, आप निर्मल व इस्थिर होने लग होने लगते हैं, भगवान की विशेस कृपा के पात्रता प्राप्त होने वाले व्यक्ति बनते जाते हो। जय वीर हनुमान जी, जय श्रीसीताराम जी।। ©N S Yadav GoldMine

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तन-मन व बुद्धि मे जड़ता आती है,
और जितना भगवान श्री हरि का 
सत्संग आपमें समाहित होता है, 
वैसे ही बुद्धि से जड़ती समाप्त होती 
रहती है, आप निर्मल व इस्थिर होने 
लग होने लगते हैं, भगवान की विशेस 
कृपा के पात्रता प्राप्त होने वाले व्यक्ति
बनते जाते हो। जय वीर हनुमान जी,
जय श्रीसीताराम जी।।

©N S Yadav GoldMine

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शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की चहचहाट थमी। आकाश रंग बदलता, शाम आई, मन को भाती। * संध्या का समय: आज का दिन हुआ समाप्त, तारे निकले, चाँद आया। हवा चलती, शीतल लगती, मन शांत, आनंद भरा। * शाम की यादें: बचपन की शामें याद आतीं, दोस्तों संग खेलते थे। खेतों में दौड़ते फिरते, खुशी से मन भर जाता।✍️✍️🙏💯😍 ©Arjun Singh Rathoud #Gwalior City

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यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं:
 * शाम का नजारा:
   धूप छिपी, छाया फैली,
   चिड़ियों की चहचहाट थमी।
   आकाश रंग बदलता,
   शाम आई, मन को भाती।
 * संध्या का समय:
   आज का दिन हुआ समाप्त,
   तारे निकले, चाँद आया।
   हवा चलती, शीतल लगती,
   मन शांत, आनंद भरा।
 * शाम की यादें:
   बचपन की शामें याद आतीं,
   दोस्तों संग खेलते थे।
   खेतों में दौड़ते फिरते,
   खुशी से मन भर जाता।✍️✍️🙏💯😍

©Arjun Singh Rathoud #Gwalior City

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