Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey}
जिंतनी आपकी संसाररिक भोगो में
आसक्ति होती है, उतनी आपकी
तन-मन व बुद्धि मे जड़ता आती है,
और जितना भगवान श्री हरि का
सत्संग आपमें समाहित होता है,
वैसे ही बुद्धि से जड़ती समाप्त होती
रहती है, आप निर्मल व इस्थिर होने
लग होने लगते हैं, भगवान की विशेस
कृपा के पात्रता प्राप्त होने वाले व्यक्ति
बनते जाते हो। जय वीर हनुमान जी,
जय श्रीसीताराम जी।।
©N S Yadav GoldMine
#camping {Bolo Ji Radhey Radhey}
जिंतनी आपकी संसाररिक भोगो में
आसक्ति होती है, उतनी आपकी
तन-मन व बुद्धि मे जड़ता आती है,
और जितना भगवान श्री हरि का
सत्संग आपमें समाहित होता है,
वैसे ही बुद्धि से जड़ती समाप्त होती
रहती है, आप निर्मल व इस्थिर होने