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New summary of the poem the solitary reaper by william wordsworth Status, Photo, Video

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White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना, राहों में खो जाने से पहले, ख़ुद को जानना ज़रूरी है, तब जाकर कोई सही रास्ता लगे। हर ख्वाब का पीछा करते हुए, सपनों में खो जाते हैं हम, लेकिन जब वो टूटते हैं, तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम। अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम, पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है। जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है, बाकी सब तो बस एक छलावा होता है। अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है, क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ? जब तक ये सवाल हल नहीं होगा, ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा। ©Ajita Bansal

#Sad_Status  White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना,
राहों में खो जाने से पहले,
ख़ुद को जानना ज़रूरी है,
तब जाकर कोई सही रास्ता लगे।

हर ख्वाब का पीछा करते हुए,
सपनों में खो जाते हैं हम,
लेकिन जब वो टूटते हैं,
तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम।

अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम,
पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है।
जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है,
बाकी सब तो बस एक छलावा होता है।

अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है,
क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ?
जब तक ये सवाल हल नहीं होगा,
ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा।

©Ajita Bansal

#Sad_Status poem of the day

17 Love

White Dusk slithered in gently, noiselessly spread a sumptuous feast of orange, crimson and red. I basked in the glorious spread, But before I could fully relish the feast,it closed its wings and slept. ©Sangeeta Dey Roy

#Quotes  White Dusk slithered in gently, noiselessly 
spread a sumptuous feast 
of orange, crimson and red.
I basked in the glorious spread,
But before I could fully relish the feast,it closed its wings and slept.

©Sangeeta Dey Roy

# the colours of dusk

14 Love

In the face of shared threats, the seeds of enmity wither, and the roots of friendship grow strong ©Srinivas

#Quotes  In the face of shared threats, the seeds of enmity wither, and the roots of friendship grow strong

©Srinivas

In the face of shared threats, the seeds of enmity wither, and the roots of friendship grow strong.

15 Love

White कुछ रिश्तों को अगर सही वक़्त पर खुद से दूर करने की हिम्मत आजाय तो फिर कोई भी दर्द नासूर नहीं बन सकता... ©KK क्षत्राणी

#विचार #thought  White कुछ रिश्तों को अगर सही वक़्त पर
खुद से दूर करने की हिम्मत
आजाय तो फिर कोई भी 
दर्द नासूर नहीं बन सकता...

©KK क्षत्राणी

#thought of the day

25 Love

The path to success may be solitary, but the destination is a crowd of admirers, supporters, and critics who once overlooked your journey. ©Srinivas

#Quotes  The path to success may be solitary, but the destination is a crowd of admirers, supporters, and critics who once overlooked your journey.

©Srinivas

The path to success may be solitary, but the destination is a crowd of admirers, supporters, and critics who once overlooked your journey.

14 Love

#Thinking  White वो रास्ते भी क्या रास्ते थे,
जो हमें मंज़िल तक ले जाते थे।
कभी धूप में, कभी छाँव में,
हम चलते रहे, सफ़र के साथ।

हर मोड़ पर, हर इक ठहराव में,
मिले हमसे कुछ किस्से नए।
कभी हँसाए, कभी रुलाए,
वो रास्ते भी हमें सिखाते गए।

कभी ठोकरें खाईं, कभी गिरकर उठे,
मंज़िल की ओर बढ़ते गए।
वो रास्ते हमें समझाते रहे,
कि संघर्ष ही है असली जीत का रास्ता।

©Ajita Bansal

#Thinking poem of the day

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White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना, राहों में खो जाने से पहले, ख़ुद को जानना ज़रूरी है, तब जाकर कोई सही रास्ता लगे। हर ख्वाब का पीछा करते हुए, सपनों में खो जाते हैं हम, लेकिन जब वो टूटते हैं, तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम। अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम, पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है। जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है, बाकी सब तो बस एक छलावा होता है। अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है, क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ? जब तक ये सवाल हल नहीं होगा, ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा। ©Ajita Bansal

#Sad_Status  White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना,
राहों में खो जाने से पहले,
ख़ुद को जानना ज़रूरी है,
तब जाकर कोई सही रास्ता लगे।

हर ख्वाब का पीछा करते हुए,
सपनों में खो जाते हैं हम,
लेकिन जब वो टूटते हैं,
तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम।

अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम,
पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है।
जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है,
बाकी सब तो बस एक छलावा होता है।

अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है,
क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ?
जब तक ये सवाल हल नहीं होगा,
ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा।

©Ajita Bansal

#Sad_Status poem of the day

17 Love

White Dusk slithered in gently, noiselessly spread a sumptuous feast of orange, crimson and red. I basked in the glorious spread, But before I could fully relish the feast,it closed its wings and slept. ©Sangeeta Dey Roy

#Quotes  White Dusk slithered in gently, noiselessly 
spread a sumptuous feast 
of orange, crimson and red.
I basked in the glorious spread,
But before I could fully relish the feast,it closed its wings and slept.

©Sangeeta Dey Roy

# the colours of dusk

14 Love

In the face of shared threats, the seeds of enmity wither, and the roots of friendship grow strong ©Srinivas

#Quotes  In the face of shared threats, the seeds of enmity wither, and the roots of friendship grow strong

©Srinivas

In the face of shared threats, the seeds of enmity wither, and the roots of friendship grow strong.

15 Love

White कुछ रिश्तों को अगर सही वक़्त पर खुद से दूर करने की हिम्मत आजाय तो फिर कोई भी दर्द नासूर नहीं बन सकता... ©KK क्षत्राणी

#विचार #thought  White कुछ रिश्तों को अगर सही वक़्त पर
खुद से दूर करने की हिम्मत
आजाय तो फिर कोई भी 
दर्द नासूर नहीं बन सकता...

©KK क्षत्राणी

#thought of the day

25 Love

The path to success may be solitary, but the destination is a crowd of admirers, supporters, and critics who once overlooked your journey. ©Srinivas

#Quotes  The path to success may be solitary, but the destination is a crowd of admirers, supporters, and critics who once overlooked your journey.

©Srinivas

The path to success may be solitary, but the destination is a crowd of admirers, supporters, and critics who once overlooked your journey.

14 Love

#Thinking  White वो रास्ते भी क्या रास्ते थे,
जो हमें मंज़िल तक ले जाते थे।
कभी धूप में, कभी छाँव में,
हम चलते रहे, सफ़र के साथ।

हर मोड़ पर, हर इक ठहराव में,
मिले हमसे कुछ किस्से नए।
कभी हँसाए, कभी रुलाए,
वो रास्ते भी हमें सिखाते गए।

कभी ठोकरें खाईं, कभी गिरकर उठे,
मंज़िल की ओर बढ़ते गए।
वो रास्ते हमें समझाते रहे,
कि संघर्ष ही है असली जीत का रास्ता।

©Ajita Bansal

#Thinking poem of the day

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