White जीना नहीं आता हमें,तुम्हारे बग़ैर कैसे बतायें..!
ख़्वाबों को हक़ीक़त करने में,पल पल ख़ुद को सतायें..!
चाँद तारों की ख़्वाहिश नहीं,केवल सुकून लुटायें..!
हार कर जीने की कला,बस हिम्मत थोड़ी जुटायें..!
डर डर के यूँ मर मर के,अरमानों की चिता क्यों सुलगायें..!
जो भी होगा देखा जायेगा,गीत चलो ये गायें..!
आपसी तकरार चलो कभी,मोहब्बत से सुलझायें..!
उड़े पतंग सी ज़िन्दगी,मन के माँझे को मेहरबाँ न उलझायें..!
किस हद तक जाना है किसी के लिए,अपने आपको ये समझायें..!
कोयल सी जुबाँ रख के,मिठास से जीवन निभायें..!
जो कहते हैं नकारा,ज़माने में ज़ालिम हमें आवारा..!
सँवार कर ज़िन्दगी कईयों की,चलो एक नई दुनिया बसायें..!
©SHIVA KANT(Shayar)
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here