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White bus is travelling in all waterfalls wonderful life scenery and travelling in family friends ©Chsrikarteja Chsrikarteja

#Thinking  White bus is travelling in all waterfalls wonderful life scenery and travelling in family friends

©Chsrikarteja Chsrikarteja

#Thinking bus is travelling in all waterfalls wonderful life scenery and travelling in family friends

11 Love

White travelling in waterfalls all seeing travelling in life love is life ©Chsrikarteja Chsrikarteja

#Thinking  White travelling in waterfalls all seeing travelling in life love is life

©Chsrikarteja Chsrikarteja

#Thinking travelling in waterfalls all seeing travelling in life love is life

11 Love

White travelling in waterfalls all seeing travelling in life love is life ©Chreey chreey

#Thinking  White travelling in waterfalls all seeing travelling in life love is life

©Chreey chreey

#Thinking travelling in waterfalls all seeing travelling in life love is life

14 Love

भरी महफ़िल में एक टूटा दिल खड़ा था मैं पास गयी तो पता चला कि वो मुझसे ही डरा था मैं बैठी, मैंने उसे प्यार से जोड़ना चाहा लेकिन उसे लगा की मैंने ही उसे "फिर तोडना चाहा"!!🥀 उसे बड़ा डर है , की सब कुछ फिर से वही हो जाएगा में उसे कैसे समझाउॅं की "अतीत स्वयं को नहीं दोहराएगाॅं" मुझे डर डर के' चाहना ' अब उसे ज्यादा सही लगता है मेरा करीब आना उसके लिए अपनी "आजादी "खोना है और सजाएं देता है वो मुझे, जिसकी में कभी "हकदार "ना थी ठहरे!और पूछे कभी वो खुद से...आखिर उसकी जिंदगी में ; "मैं कौनसा किरदार थी?✨ ©Kanika Lakhara

#Angel  भरी महफ़िल में एक टूटा दिल खड़ा था
मैं पास गयी तो पता चला कि वो मुझसे ही डरा था
मैं बैठी, मैंने उसे प्यार से जोड़ना चाहा
लेकिन उसे लगा की मैंने ही उसे "फिर तोडना चाहा"!!🥀

उसे बड़ा डर है , की सब कुछ फिर से वही हो जाएगा
में उसे कैसे समझाउॅं की "अतीत स्वयं को  नहीं दोहराएगाॅं"

मुझे डर डर के' चाहना ' अब उसे ज्यादा सही लगता है
मेरा करीब आना उसके लिए अपनी "आजादी "खोना है

 और सजाएं देता है वो मुझे, जिसकी में कभी "हकदार "ना थी
ठहरे!और पूछे कभी वो खुद से...आखिर उसकी जिंदगी में ;
"मैं कौनसा किरदार थी?✨

©Kanika Lakhara

#Angel # hindi poems# poetry

15 Love

Unsplash " अलविदा कहना पड़ रहा.... " मेरे सभी BPSC PGT शिक्षक प्रशिक्षु आने वाला पल अब एक दास्ताँ में बदल रहा... एक पल में अर्सा गुजरने का दौर भी अब थम रहा.... आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा... क्लास और लंच वालीं कहानी होंगी खत्म... अब अलग होंगे विद्यालय एवं लेकिन मकसद होंगे केवल एक वो है अपने बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा... छह दिनों के प्रशिक्षण सब कितने जल्दी हो गए.... एक पल में अर्सा गुजरने का दौर भी अब थम रहा.... आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा है.... Bpsc शिक्षक बने हुए आए थे प्रशिक्षण ले कर जा रहे... सेमिनार हॉल के सांस्कृतिक कार्यक्रम सब कितने जल्दी हो गए... हाथ में certificate मिला और हम सभी बुनियादी रूप से भी शिक्षक हो गए.... एक पल में अर्सा गुजरने का दौर भी अब रहा.... आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा है.... मेरे दोस्तों ध्यान से देख लो कहीं कुछ छुटा ना हो... कहीं आपकी वज़ह से किसी का दिल रूठा न हो... भूलकर सब रंजिशें सब एक दूसरे से मिल लो.... क्युकी जा रहा ये वक़्त अब दुबारा आने से रहा.... दिल थाम कर आंखे पोंछ कर अलविदा कहना पड़ रहा... मेरे BPSC PGT शिक्षक ये साथ का पल अब एक दास्ताँ में बदल रहा... आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा है..... अलविदा कहना पड़ रहा.... धन्यवाद और आभार आप सबों को.... ©Rishi Ranjan

#poems #Book  Unsplash " अलविदा कहना पड़ रहा.... "

मेरे सभी BPSC PGT शिक्षक प्रशिक्षु आने वाला पल अब एक दास्ताँ में बदल रहा...
एक पल में अर्सा गुजरने का दौर भी अब थम रहा....
आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा...
क्लास और लंच वालीं कहानी होंगी खत्म... 
अब अलग होंगे विद्यालय एवं लेकिन मकसद होंगे केवल एक वो है अपने
 बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा...
छह दिनों के प्रशिक्षण सब कितने 
जल्दी हो गए....
एक पल में अर्सा गुजरने का दौर भी अब थम रहा....
आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा है....
Bpsc शिक्षक बने हुए आए थे प्रशिक्षण ले कर जा रहे... 
सेमिनार हॉल के सांस्कृतिक कार्यक्रम सब कितने जल्दी हो गए...
हाथ में certificate मिला और हम सभी बुनियादी रूप से भी शिक्षक हो गए....
एक पल में अर्सा गुजरने का दौर भी अब रहा....
आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा है....
मेरे दोस्तों ध्यान से देख लो कहीं कुछ छुटा ना हो...
कहीं आपकी वज़ह से किसी का दिल रूठा न हो...
भूलकर सब रंजिशें सब एक दूसरे से  मिल लो....
क्युकी जा रहा ये वक़्त अब दुबारा आने से रहा....
दिल थाम कर आंखे पोंछ कर अलविदा कहना पड़ रहा...
मेरे BPSC PGT शिक्षक ये साथ का पल अब एक दास्ताँ में बदल रहा...
आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा है.....
अलविदा कहना पड़ रहा....
 धन्यवाद और आभार आप सबों को....

©Rishi Ranjan

#Book #poems #Life hindi poetry on life love poetry in hindi poetry in hindi poetry quotes

10 Love

!!1857 की क्रांति!! धधक उठी चिंगारी,सैलाब स्वतंत्रता का ये पहला था । गाय सूअर की चर्बी वाले कारतूसों ने,"घी "आग में डाला था ।। तब मौत का कोई खौफ नहीं रह गया,सीने पर गोली खाने को । जब मजबूर किया,भारतीयों को,ब्रिटिश इंडिया कंपनी के अमानुषिक व्यवहारों ने।। तब हल्ला बोला स्वतंत्रता सेनानियों ने जिनकी सूची काफी लंबी थी। (प्रमुख थे बहादुर शाह जफर,मंगल पांडे,नाना साहेब,तात्या टोपे,कुंवर सिंह लक्ष्मी बाई ) राज्य हड़पने,धर्म परिवर्तन,रिवाजों से छेड़छाड़,जब रास ना भारतीयों को ये सब आया था।। यूं तो देशभक्ति की ज्वाला हर एक क्रांतिकारी के दिल में थी, छूटी जमीन किसानों से ,जमीदारों की रियासतों का विलय हुआ । ठप्प हुआ हस्तशिल्प कारीगरों का,बच्चों से गुरुकुल मदरसा छीना गया, ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन ने सबका बेड़ा गर्क किया।। चली गई ब्रिटिश सरकार के हाथ में ,सत्ता ईस्ट इंडिया कंपनी से भारत की। 1857 प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का ये निर्णायक परिणाम हुआ।।✍🏻 ©Andaaz bayan

#1857revolt #1857War #poems #poem  !!1857 की क्रांति!!
धधक उठी चिंगारी,सैलाब स्वतंत्रता का ये पहला था ।
गाय सूअर की चर्बी वाले कारतूसों ने,"घी "आग में डाला था ।।

तब मौत का कोई खौफ नहीं रह गया,सीने पर गोली खाने को ।
जब मजबूर किया,भारतीयों को,ब्रिटिश इंडिया कंपनी के अमानुषिक व्यवहारों ने।।

तब हल्ला बोला स्वतंत्रता सेनानियों ने जिनकी सूची काफी लंबी थी।
(प्रमुख थे बहादुर शाह जफर,मंगल पांडे,नाना साहेब,तात्या टोपे,कुंवर सिंह लक्ष्मी बाई )
राज्य हड़पने,धर्म परिवर्तन,रिवाजों से छेड़छाड़,जब रास ना भारतीयों को ये सब आया था।।

यूं तो देशभक्ति की ज्वाला हर एक क्रांतिकारी के दिल में थी,
छूटी जमीन किसानों से ,जमीदारों की रियासतों का विलय हुआ ।
ठप्प हुआ हस्तशिल्प कारीगरों का,बच्चों से गुरुकुल मदरसा छीना गया,
ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन ने सबका बेड़ा गर्क किया।।

चली गई ब्रिटिश सरकार के हाथ में ,सत्ता ईस्ट इंडिया कंपनी से भारत की।
1857 प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का ये निर्णायक परिणाम हुआ।।✍🏻

©Andaaz bayan

#1857revolt #1857War #poem #poems Hinduism poetry poetry in hindi

13 Love

White bus is travelling in all waterfalls wonderful life scenery and travelling in family friends ©Chsrikarteja Chsrikarteja

#Thinking  White bus is travelling in all waterfalls wonderful life scenery and travelling in family friends

©Chsrikarteja Chsrikarteja

#Thinking bus is travelling in all waterfalls wonderful life scenery and travelling in family friends

11 Love

White travelling in waterfalls all seeing travelling in life love is life ©Chsrikarteja Chsrikarteja

#Thinking  White travelling in waterfalls all seeing travelling in life love is life

©Chsrikarteja Chsrikarteja

#Thinking travelling in waterfalls all seeing travelling in life love is life

11 Love

White travelling in waterfalls all seeing travelling in life love is life ©Chreey chreey

#Thinking  White travelling in waterfalls all seeing travelling in life love is life

©Chreey chreey

#Thinking travelling in waterfalls all seeing travelling in life love is life

14 Love

भरी महफ़िल में एक टूटा दिल खड़ा था मैं पास गयी तो पता चला कि वो मुझसे ही डरा था मैं बैठी, मैंने उसे प्यार से जोड़ना चाहा लेकिन उसे लगा की मैंने ही उसे "फिर तोडना चाहा"!!🥀 उसे बड़ा डर है , की सब कुछ फिर से वही हो जाएगा में उसे कैसे समझाउॅं की "अतीत स्वयं को नहीं दोहराएगाॅं" मुझे डर डर के' चाहना ' अब उसे ज्यादा सही लगता है मेरा करीब आना उसके लिए अपनी "आजादी "खोना है और सजाएं देता है वो मुझे, जिसकी में कभी "हकदार "ना थी ठहरे!और पूछे कभी वो खुद से...आखिर उसकी जिंदगी में ; "मैं कौनसा किरदार थी?✨ ©Kanika Lakhara

#Angel  भरी महफ़िल में एक टूटा दिल खड़ा था
मैं पास गयी तो पता चला कि वो मुझसे ही डरा था
मैं बैठी, मैंने उसे प्यार से जोड़ना चाहा
लेकिन उसे लगा की मैंने ही उसे "फिर तोडना चाहा"!!🥀

उसे बड़ा डर है , की सब कुछ फिर से वही हो जाएगा
में उसे कैसे समझाउॅं की "अतीत स्वयं को  नहीं दोहराएगाॅं"

मुझे डर डर के' चाहना ' अब उसे ज्यादा सही लगता है
मेरा करीब आना उसके लिए अपनी "आजादी "खोना है

 और सजाएं देता है वो मुझे, जिसकी में कभी "हकदार "ना थी
ठहरे!और पूछे कभी वो खुद से...आखिर उसकी जिंदगी में ;
"मैं कौनसा किरदार थी?✨

©Kanika Lakhara

#Angel # hindi poems# poetry

15 Love

Unsplash " अलविदा कहना पड़ रहा.... " मेरे सभी BPSC PGT शिक्षक प्रशिक्षु आने वाला पल अब एक दास्ताँ में बदल रहा... एक पल में अर्सा गुजरने का दौर भी अब थम रहा.... आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा... क्लास और लंच वालीं कहानी होंगी खत्म... अब अलग होंगे विद्यालय एवं लेकिन मकसद होंगे केवल एक वो है अपने बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा... छह दिनों के प्रशिक्षण सब कितने जल्दी हो गए.... एक पल में अर्सा गुजरने का दौर भी अब थम रहा.... आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा है.... Bpsc शिक्षक बने हुए आए थे प्रशिक्षण ले कर जा रहे... सेमिनार हॉल के सांस्कृतिक कार्यक्रम सब कितने जल्दी हो गए... हाथ में certificate मिला और हम सभी बुनियादी रूप से भी शिक्षक हो गए.... एक पल में अर्सा गुजरने का दौर भी अब रहा.... आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा है.... मेरे दोस्तों ध्यान से देख लो कहीं कुछ छुटा ना हो... कहीं आपकी वज़ह से किसी का दिल रूठा न हो... भूलकर सब रंजिशें सब एक दूसरे से मिल लो.... क्युकी जा रहा ये वक़्त अब दुबारा आने से रहा.... दिल थाम कर आंखे पोंछ कर अलविदा कहना पड़ रहा... मेरे BPSC PGT शिक्षक ये साथ का पल अब एक दास्ताँ में बदल रहा... आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा है..... अलविदा कहना पड़ रहा.... धन्यवाद और आभार आप सबों को.... ©Rishi Ranjan

#poems #Book  Unsplash " अलविदा कहना पड़ रहा.... "

मेरे सभी BPSC PGT शिक्षक प्रशिक्षु आने वाला पल अब एक दास्ताँ में बदल रहा...
एक पल में अर्सा गुजरने का दौर भी अब थम रहा....
आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा...
क्लास और लंच वालीं कहानी होंगी खत्म... 
अब अलग होंगे विद्यालय एवं लेकिन मकसद होंगे केवल एक वो है अपने
 बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा...
छह दिनों के प्रशिक्षण सब कितने 
जल्दी हो गए....
एक पल में अर्सा गुजरने का दौर भी अब थम रहा....
आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा है....
Bpsc शिक्षक बने हुए आए थे प्रशिक्षण ले कर जा रहे... 
सेमिनार हॉल के सांस्कृतिक कार्यक्रम सब कितने जल्दी हो गए...
हाथ में certificate मिला और हम सभी बुनियादी रूप से भी शिक्षक हो गए....
एक पल में अर्सा गुजरने का दौर भी अब रहा....
आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा है....
मेरे दोस्तों ध्यान से देख लो कहीं कुछ छुटा ना हो...
कहीं आपकी वज़ह से किसी का दिल रूठा न हो...
भूलकर सब रंजिशें सब एक दूसरे से  मिल लो....
क्युकी जा रहा ये वक़्त अब दुबारा आने से रहा....
दिल थाम कर आंखे पोंछ कर अलविदा कहना पड़ रहा...
मेरे BPSC PGT शिक्षक ये साथ का पल अब एक दास्ताँ में बदल रहा...
आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा है.....
अलविदा कहना पड़ रहा....
 धन्यवाद और आभार आप सबों को....

©Rishi Ranjan

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10 Love

!!1857 की क्रांति!! धधक उठी चिंगारी,सैलाब स्वतंत्रता का ये पहला था । गाय सूअर की चर्बी वाले कारतूसों ने,"घी "आग में डाला था ।। तब मौत का कोई खौफ नहीं रह गया,सीने पर गोली खाने को । जब मजबूर किया,भारतीयों को,ब्रिटिश इंडिया कंपनी के अमानुषिक व्यवहारों ने।। तब हल्ला बोला स्वतंत्रता सेनानियों ने जिनकी सूची काफी लंबी थी। (प्रमुख थे बहादुर शाह जफर,मंगल पांडे,नाना साहेब,तात्या टोपे,कुंवर सिंह लक्ष्मी बाई ) राज्य हड़पने,धर्म परिवर्तन,रिवाजों से छेड़छाड़,जब रास ना भारतीयों को ये सब आया था।। यूं तो देशभक्ति की ज्वाला हर एक क्रांतिकारी के दिल में थी, छूटी जमीन किसानों से ,जमीदारों की रियासतों का विलय हुआ । ठप्प हुआ हस्तशिल्प कारीगरों का,बच्चों से गुरुकुल मदरसा छीना गया, ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन ने सबका बेड़ा गर्क किया।। चली गई ब्रिटिश सरकार के हाथ में ,सत्ता ईस्ट इंडिया कंपनी से भारत की। 1857 प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का ये निर्णायक परिणाम हुआ।।✍🏻 ©Andaaz bayan

#1857revolt #1857War #poems #poem  !!1857 की क्रांति!!
धधक उठी चिंगारी,सैलाब स्वतंत्रता का ये पहला था ।
गाय सूअर की चर्बी वाले कारतूसों ने,"घी "आग में डाला था ।।

तब मौत का कोई खौफ नहीं रह गया,सीने पर गोली खाने को ।
जब मजबूर किया,भारतीयों को,ब्रिटिश इंडिया कंपनी के अमानुषिक व्यवहारों ने।।

तब हल्ला बोला स्वतंत्रता सेनानियों ने जिनकी सूची काफी लंबी थी।
(प्रमुख थे बहादुर शाह जफर,मंगल पांडे,नाना साहेब,तात्या टोपे,कुंवर सिंह लक्ष्मी बाई )
राज्य हड़पने,धर्म परिवर्तन,रिवाजों से छेड़छाड़,जब रास ना भारतीयों को ये सब आया था।।

यूं तो देशभक्ति की ज्वाला हर एक क्रांतिकारी के दिल में थी,
छूटी जमीन किसानों से ,जमीदारों की रियासतों का विलय हुआ ।
ठप्प हुआ हस्तशिल्प कारीगरों का,बच्चों से गुरुकुल मदरसा छीना गया,
ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन ने सबका बेड़ा गर्क किया।।

चली गई ब्रिटिश सरकार के हाथ में ,सत्ता ईस्ट इंडिया कंपनी से भारत की।
1857 प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का ये निर्णायक परिणाम हुआ।।✍🏻

©Andaaz bayan

#1857revolt #1857War #poem #poems Hinduism poetry poetry in hindi

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