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New सजावटीचे सामान Status, Photo, Video

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#FaridabadNews #Ballabhgarh #JCBChowk

मकान मालिक ने सड़क पर फेंक दिया किराएदार का सामान... बल्लभगढ़ जेसीबी चौक, संजय कॉलोनी नजदीक रेलवे पावर हाउस.. #FaridabadNews #Ballabhgarh #J

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सौ बरस की आरज़ू, पल में ढह गई, ज़िंदगी की ये कश्ती, लहरों में बह गई। ख्वाब जो संजोए थे, वो पल में बिखर गए, सफ़र का हिसाब करने से पहले ही गुज़र गए। बरसों बरस का सामान किस काम आएगा, जब मौत का फरिश्ता पल में बुलाएगा। जिंदगी को समझने में उम्र गुजर गई, और मौत ने आते ही कहानी बदल गई। साजो-सामान क्या, ये तख़्तो-ताज क्या, पल भर की है जिंदगी, फिर ये आज क्या। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  सौ बरस की आरज़ू, पल में ढह गई,
ज़िंदगी की ये कश्ती, लहरों में बह गई।

ख्वाब जो संजोए थे, वो पल में बिखर गए,
सफ़र का हिसाब करने से पहले ही गुज़र गए।

बरसों बरस का सामान किस काम आएगा,
जब मौत का फरिश्ता पल में बुलाएगा।

जिंदगी को समझने में उम्र गुजर गई,
और मौत ने आते ही कहानी बदल गई।

साजो-सामान क्या, ये तख़्तो-ताज क्या,
पल भर की है जिंदगी, फिर ये आज क्या।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर सौ बरस की आरज़ू, पल में ढह गई, ज़िंदगी की ये कश्ती, लहरों में बह गई। ख्वाब जो संजोए थे, वो पल में बिखर गए, सफ़र का हिसाब करने स

14 Love

#विचार #कट्टर  White कट्टर सोच ने धर्म को बांध दिया,
मोहब्बत का मजहब नफरत में डाल दिया।

कुरान और पुराण में था प्रेम का पैगाम,
तुमने बना दिया इसे जंग का सामान।
खुदा और भगवान तो एक ही हैं,
फिर ये दीवारें क्यों दिलों में खड़ी हैं?

इबादत का मकसद था दिलों को मिलाना,
तुमने मजहब को हथियार ही बना दिया।
 जिक्र था मुहब्बत का हर इबारत में,
तुमने इसे नफरत का कारोबार बना दिया।

©नवनीत ठाकुर

#कट्टर सोच ने धर्म को बांध दिया, मोहब्बत का मजहब नफरत में डाल दिया। कुरान और पुराण में था प्रेम का पैगाम, तुमने बना दिया इसे जंग का सामान।

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#दिल्ली #वीडियो #श्री

#श्री श्याम मोबाइल त्रिवेणी रोड़ भिवानी 8059181939 #दिल्ली से सस्ता सामान

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इश्क़् क बजर् ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर143 #बेजुबानशायर #दुकानदार #कारोबार #लफ्ज़ों #शायरी  इश्क़् क बजर्

©बेजुबान शायर shivkumar

" #इश्क़ का #बाजार " में #दुकानदार बहुत से है मुझे समझ नहीं आता कि कौन #सही और कौन #गलत । मैंने तो बाहर से #सामान खरीदना ही बंद कर दिया

15 Love

मेरी रातों की राहत, दिन के इत्मिनान ले जाना; तुम्हारे काम आ जायेगा, यह सामान ले जाना; तुम्हारे बाद क्या रखना अना से वास्ता कोई; तुम अपने साथ मेरा उम्र भर का मान ले जाना; शिकस्ता के कुछ रेज़े पड़े हैं फर्श पर, चुन लो; अगर तुम जोड़ सको तो यह गुलदान ले जाना; तुम्हें ऐसे तो खाली हाथ रुखसत कर नहीं सकते; पुरानी दोस्ती है, की कुछ पहचान ले जाना; इरादा कर लिया है तुमने गर सचमुच बिछड़ने का; तो फिर अपने यह सारे वादा-ओ-पैमान ले जाना; अगर थोड़ी बहुत है, शायरी से उनको दिलचस्पी; तो उनके सामने मेरा यह दीवान ले जाना। ©बेजुबान शायर shivkumar

#इत्मिनान #बिछड़ने #वास्ता #दोस्ती #कविता #शायरी  मेरी रातों की राहत, दिन के इत्मिनान ले जाना;
तुम्हारे काम आ जायेगा, यह सामान ले जाना;

तुम्हारे बाद क्या रखना अना से वास्ता कोई;
तुम अपने साथ मेरा उम्र भर का मान ले जाना;

शिकस्ता के कुछ रेज़े पड़े हैं फर्श पर, चुन लो;
अगर तुम जोड़ सको तो यह गुलदान ले जाना;

तुम्हें ऐसे तो खाली हाथ रुखसत कर नहीं सकते;
पुरानी दोस्ती है, की कुछ पहचान ले जाना;

इरादा कर लिया है तुमने गर सचमुच बिछड़ने का;
तो फिर अपने यह सारे वादा-ओ-पैमान ले जाना;

अगर थोड़ी बहुत है, शायरी से उनको दिलचस्पी;
तो उनके सामने मेरा यह दीवान ले जाना।

©बेजुबान शायर shivkumar

मेरी #रातों की राहत, दिन के #इत्मिनान ले जाना; तुम्हारे काम आ जायेगा, यह सामान ले जाना; तुम्हारे बाद क्या रखना अना से #वास्ता कोई; तुम अ

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#FaridabadNews #Ballabhgarh #JCBChowk

मकान मालिक ने सड़क पर फेंक दिया किराएदार का सामान... बल्लभगढ़ जेसीबी चौक, संजय कॉलोनी नजदीक रेलवे पावर हाउस.. #FaridabadNews #Ballabhgarh #J

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सौ बरस की आरज़ू, पल में ढह गई, ज़िंदगी की ये कश्ती, लहरों में बह गई। ख्वाब जो संजोए थे, वो पल में बिखर गए, सफ़र का हिसाब करने से पहले ही गुज़र गए। बरसों बरस का सामान किस काम आएगा, जब मौत का फरिश्ता पल में बुलाएगा। जिंदगी को समझने में उम्र गुजर गई, और मौत ने आते ही कहानी बदल गई। साजो-सामान क्या, ये तख़्तो-ताज क्या, पल भर की है जिंदगी, फिर ये आज क्या। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  सौ बरस की आरज़ू, पल में ढह गई,
ज़िंदगी की ये कश्ती, लहरों में बह गई।

ख्वाब जो संजोए थे, वो पल में बिखर गए,
सफ़र का हिसाब करने से पहले ही गुज़र गए।

बरसों बरस का सामान किस काम आएगा,
जब मौत का फरिश्ता पल में बुलाएगा।

जिंदगी को समझने में उम्र गुजर गई,
और मौत ने आते ही कहानी बदल गई।

साजो-सामान क्या, ये तख़्तो-ताज क्या,
पल भर की है जिंदगी, फिर ये आज क्या।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर सौ बरस की आरज़ू, पल में ढह गई, ज़िंदगी की ये कश्ती, लहरों में बह गई। ख्वाब जो संजोए थे, वो पल में बिखर गए, सफ़र का हिसाब करने स

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#विचार #कट्टर  White कट्टर सोच ने धर्म को बांध दिया,
मोहब्बत का मजहब नफरत में डाल दिया।

कुरान और पुराण में था प्रेम का पैगाम,
तुमने बना दिया इसे जंग का सामान।
खुदा और भगवान तो एक ही हैं,
फिर ये दीवारें क्यों दिलों में खड़ी हैं?

इबादत का मकसद था दिलों को मिलाना,
तुमने मजहब को हथियार ही बना दिया।
 जिक्र था मुहब्बत का हर इबारत में,
तुमने इसे नफरत का कारोबार बना दिया।

©नवनीत ठाकुर

#कट्टर सोच ने धर्म को बांध दिया, मोहब्बत का मजहब नफरत में डाल दिया। कुरान और पुराण में था प्रेम का पैगाम, तुमने बना दिया इसे जंग का सामान।

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#दिल्ली #वीडियो #श्री

#श्री श्याम मोबाइल त्रिवेणी रोड़ भिवानी 8059181939 #दिल्ली से सस्ता सामान

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इश्क़् क बजर् ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर143 #बेजुबानशायर #दुकानदार #कारोबार #लफ्ज़ों #शायरी  इश्क़् क बजर्

©बेजुबान शायर shivkumar

" #इश्क़ का #बाजार " में #दुकानदार बहुत से है मुझे समझ नहीं आता कि कौन #सही और कौन #गलत । मैंने तो बाहर से #सामान खरीदना ही बंद कर दिया

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मेरी रातों की राहत, दिन के इत्मिनान ले जाना; तुम्हारे काम आ जायेगा, यह सामान ले जाना; तुम्हारे बाद क्या रखना अना से वास्ता कोई; तुम अपने साथ मेरा उम्र भर का मान ले जाना; शिकस्ता के कुछ रेज़े पड़े हैं फर्श पर, चुन लो; अगर तुम जोड़ सको तो यह गुलदान ले जाना; तुम्हें ऐसे तो खाली हाथ रुखसत कर नहीं सकते; पुरानी दोस्ती है, की कुछ पहचान ले जाना; इरादा कर लिया है तुमने गर सचमुच बिछड़ने का; तो फिर अपने यह सारे वादा-ओ-पैमान ले जाना; अगर थोड़ी बहुत है, शायरी से उनको दिलचस्पी; तो उनके सामने मेरा यह दीवान ले जाना। ©बेजुबान शायर shivkumar

#इत्मिनान #बिछड़ने #वास्ता #दोस्ती #कविता #शायरी  मेरी रातों की राहत, दिन के इत्मिनान ले जाना;
तुम्हारे काम आ जायेगा, यह सामान ले जाना;

तुम्हारे बाद क्या रखना अना से वास्ता कोई;
तुम अपने साथ मेरा उम्र भर का मान ले जाना;

शिकस्ता के कुछ रेज़े पड़े हैं फर्श पर, चुन लो;
अगर तुम जोड़ सको तो यह गुलदान ले जाना;

तुम्हें ऐसे तो खाली हाथ रुखसत कर नहीं सकते;
पुरानी दोस्ती है, की कुछ पहचान ले जाना;

इरादा कर लिया है तुमने गर सचमुच बिछड़ने का;
तो फिर अपने यह सारे वादा-ओ-पैमान ले जाना;

अगर थोड़ी बहुत है, शायरी से उनको दिलचस्पी;
तो उनके सामने मेरा यह दीवान ले जाना।

©बेजुबान शायर shivkumar

मेरी #रातों की राहत, दिन के #इत्मिनान ले जाना; तुम्हारे काम आ जायेगा, यह सामान ले जाना; तुम्हारे बाद क्या रखना अना से #वास्ता कोई; तुम अ

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