White आज का दिन भी निकल गया
देखो सूरज भी ढल गया
पक्षी भी सो गए कही पेड़ की
पत्तियों मे खो गए, रात घिर गई
ठण्ड का मौसम रजाई याद आई
अभी भी कई लोग फुटपाथ पर
सो रहे होंगे बच्चे उनके ठिठुर रहे
होगे, इंसानों का ये हाल हैं तो
जानवर और भी बेहाल हैं कोई
नहीं पूछता इन्हे, खाने का पता
नहीं, कूड़ादान first option हैं
फिका हुआ कुछ मिल जाए नही
तो गाय रद्दी कागज या पॉलीथिन
चबाए, दूध तो देती हैं भले पॉलीथिन
खा पचा जाती हैं 🥹क्या लिखे और
बस कल नया दिन होगा और यही सब
होगा जो उपर लिखा हैं nothing new
©puja udeshi
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