White मन है,
चाहता है आसमानों को छूना,
सितारों की राहों में खुद को ढूँढ़ना।
जंगलों की खामोशी में छिपा,
एक गीत सुनना,
या नदी की लहरों संग बह जाना।
मन है,
जो सपनों की कश्ती में बैठ,
दूर कहीं चला जाता है।
कभी बूँदों की चुप्पी समझता है,
कभी आँधियों से सवाल करता है।
मन है,
जो छोटे-छोटे सुखों में
खुशियों का संसार बुनता है।
कभी अकेलेपन में साथी बनता,
तो कभी भीड़ में खुद को खोता है।
मन है,
जो बंद दरवाज़ों को खोलता है,
आस की किरणें समेटता है।
हर धड़कन में एक कहानी रचता,
हर ख्वाब में जीवन रचता।
मन,
न थमता है, न रुकता है।
यह तो बस उड़ान भरता है,
आसमानों से परे
अपनी ही दुनिया बसाता है।
©Avinash Jha
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