tags

New तिश्ना-ए-तक़रीर Status, Photo, Video

Find the latest Status about तिश्ना-ए-तक़रीर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about तिश्ना-ए-तक़रीर.

  • Latest
  • Popular
  • Video

दिल कहता है रुठों को मनाना होगा वो न झुकें तो ख़ुद झुक जाना होगा दिल के मेहमाँ हैं वो तमाम नखरों के उन्हें तो सर आँखों में बिठाना होगा तमाम गिले शिकवे भाड़ में डालकर ए दुश्मनों तुम्हें भी गले लगाना होगा जमाना कहता रहे चाहे बुज़दिल मुझे इसी राह मेरे कदमों में जमाना होगा इस जमीं ने इक छत तक न दिया मुझे अब तो हर दिल मकाँ बनाना होगा मैं कब तक उठाकर चलूँ गुरुर अपना इक दिन तो सब ख़ाक में जाना होगा कोई बैठा है मेरे अन्दर स्वासों के लिये बाद मोहलत तो वो भी रवाना होगा ए ज़िंदगी क्या बार बार मिल पायेगी तू हम गये तो फिर जाने कब आना होगा ©अज्ञात

#मोटिवेशनल #राह  दिल कहता है रुठों को मनाना होगा 
वो न झुकें तो ख़ुद झुक जाना होगा 

दिल के मेहमाँ हैं वो तमाम नखरों के 
उन्हें तो सर आँखों में बिठाना होगा 

तमाम गिले शिकवे भाड़ में डालकर 
ए दुश्मनों तुम्हें भी गले लगाना होगा 

जमाना कहता रहे चाहे बुज़दिल मुझे 
इसी राह मेरे कदमों में जमाना होगा 

इस जमीं ने इक छत तक न दिया मुझे 
अब तो हर दिल मकाँ बनाना होगा 

मैं कब तक उठाकर चलूँ गुरुर अपना 
इक दिन तो सब ख़ाक में जाना होगा 

कोई बैठा है मेरे अन्दर स्वासों के लिये 
बाद मोहलत तो वो भी रवाना होगा 

ए ज़िंदगी क्या बार बार मिल पायेगी तू 
हम गये तो फिर जाने कब आना होगा

©अज्ञात

#राह-ए-ज़िंदगी

17 Love

White दर्द ए दिल, कोई शिकवा या शिकायत नहीं, ये निशानी है। खुशी से जी रहे , यादों में जिसकी आज तक, वो जिंदगानी है। ©Anuj Ray

 White दर्द ए दिल, कोई 
शिकवा या शिकायत नहीं, ये निशानी है।

खुशी से जी रहे ,
यादों में जिसकी आज तक, वो जिंदगानी है।

©Anuj Ray

# दर्द ए दिल #

12 Love

White बैठी मैं अकेले मैं अक्सर मैने अकेलेपन से दोस्ती की रात के तारों से दोस्ती की दिन की सूरज की किरणों दोस्ती की तन्हाई अक्सर पूछा करती मुझसे तमन्ना क्या है तेरे और मैं कमबख्त जो रोज फिर से तन्हा हो जाती... ©Mahima Bisht

#शायरी  White बैठी मैं अकेले  मैं अक्सर 
मैने अकेलेपन से दोस्ती की
रात के तारों से दोस्ती की
दिन की सूरज की किरणों दोस्ती की
तन्हाई अक्सर पूछा करती मुझसे  तमन्ना क्या है तेरे 
और मैं कमबख्त जो रोज फिर से तन्हा हो जाती...

©Mahima Bisht

लफ्ज़ ए दिल...

14 Love

White मन तो बावरा है अटकता है कभी तो भटकता है कभी.. विरक्त है कभी तो आसक्त है कभी... धूप है प्रेम की तो छाह यादों की कभी!! डूबता उतरता सा मचलता, भटकता सा कभी, कितने रंग समेटे खुद में हो रहा बदरंग कभी रे मन.. कैसे पाऊँ थाह तेरी है तू आस कभी तो तू है निर्लिप्त कभी ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  White मन तो बावरा है
अटकता है कभी तो
भटकता है कभी.. 
विरक्त है कभी तो
आसक्त है कभी...
धूप है प्रेम की
तो छाह यादों की कभी!!

डूबता उतरता सा
मचलता, भटकता सा कभी,
कितने रंग समेटे खुद में
हो रहा बदरंग कभी

रे मन..
कैसे पाऊँ थाह तेरी
है तू आस कभी तो
तू है निर्लिप्त कभी

©हिमांशु Kulshreshtha

ए दिल..

20 Love

#शायरी  माँगी थी दुआ एक आशियाने की, 
आँधियाँ चल पड़ी जमाने की! 
मेरे दर्द को कोई समझ ना सका, क्योंकि आदत थी मुझे मुस्कुराने की!!

©PRAKASH GOURH ~> Azamgarh

तासीर ए जहर

99 View

#तैयारी #कविता  White बचपन से तैयारी कर लो,
लक्ष्मी, सरस्वती संग,
दुर्गा, काली बनने की भी दीक्षा ले लो।


लाचारी, कोमलता, सहारा, सब छोड़ो,
मन, हृदय, देह को अब, वज्र कर लो।

भूलो मत, तुम नारी हो,
जन्म है तुम में समाया,
वक़्त है, अब मृत्यु को भी धारण कर लो।


कब तक सहोगे हिंसा, बलात्कार,
बन के वीरांगना सर को धड़ से,
अलग करने की कला सीख लो।


बचपन से तैयारी कर लो,
लक्ष्मी, सरस्वती संग,
दुर्गा, काली बनने की भी दीक्षा ले लो।

©Deepak "New Fly of Life"

#तैयारी ए हिफाज़त

153 View

दिल कहता है रुठों को मनाना होगा वो न झुकें तो ख़ुद झुक जाना होगा दिल के मेहमाँ हैं वो तमाम नखरों के उन्हें तो सर आँखों में बिठाना होगा तमाम गिले शिकवे भाड़ में डालकर ए दुश्मनों तुम्हें भी गले लगाना होगा जमाना कहता रहे चाहे बुज़दिल मुझे इसी राह मेरे कदमों में जमाना होगा इस जमीं ने इक छत तक न दिया मुझे अब तो हर दिल मकाँ बनाना होगा मैं कब तक उठाकर चलूँ गुरुर अपना इक दिन तो सब ख़ाक में जाना होगा कोई बैठा है मेरे अन्दर स्वासों के लिये बाद मोहलत तो वो भी रवाना होगा ए ज़िंदगी क्या बार बार मिल पायेगी तू हम गये तो फिर जाने कब आना होगा ©अज्ञात

#मोटिवेशनल #राह  दिल कहता है रुठों को मनाना होगा 
वो न झुकें तो ख़ुद झुक जाना होगा 

दिल के मेहमाँ हैं वो तमाम नखरों के 
उन्हें तो सर आँखों में बिठाना होगा 

तमाम गिले शिकवे भाड़ में डालकर 
ए दुश्मनों तुम्हें भी गले लगाना होगा 

जमाना कहता रहे चाहे बुज़दिल मुझे 
इसी राह मेरे कदमों में जमाना होगा 

इस जमीं ने इक छत तक न दिया मुझे 
अब तो हर दिल मकाँ बनाना होगा 

मैं कब तक उठाकर चलूँ गुरुर अपना 
इक दिन तो सब ख़ाक में जाना होगा 

कोई बैठा है मेरे अन्दर स्वासों के लिये 
बाद मोहलत तो वो भी रवाना होगा 

ए ज़िंदगी क्या बार बार मिल पायेगी तू 
हम गये तो फिर जाने कब आना होगा

©अज्ञात

#राह-ए-ज़िंदगी

17 Love

White दर्द ए दिल, कोई शिकवा या शिकायत नहीं, ये निशानी है। खुशी से जी रहे , यादों में जिसकी आज तक, वो जिंदगानी है। ©Anuj Ray

 White दर्द ए दिल, कोई 
शिकवा या शिकायत नहीं, ये निशानी है।

खुशी से जी रहे ,
यादों में जिसकी आज तक, वो जिंदगानी है।

©Anuj Ray

# दर्द ए दिल #

12 Love

White बैठी मैं अकेले मैं अक्सर मैने अकेलेपन से दोस्ती की रात के तारों से दोस्ती की दिन की सूरज की किरणों दोस्ती की तन्हाई अक्सर पूछा करती मुझसे तमन्ना क्या है तेरे और मैं कमबख्त जो रोज फिर से तन्हा हो जाती... ©Mahima Bisht

#शायरी  White बैठी मैं अकेले  मैं अक्सर 
मैने अकेलेपन से दोस्ती की
रात के तारों से दोस्ती की
दिन की सूरज की किरणों दोस्ती की
तन्हाई अक्सर पूछा करती मुझसे  तमन्ना क्या है तेरे 
और मैं कमबख्त जो रोज फिर से तन्हा हो जाती...

©Mahima Bisht

लफ्ज़ ए दिल...

14 Love

White मन तो बावरा है अटकता है कभी तो भटकता है कभी.. विरक्त है कभी तो आसक्त है कभी... धूप है प्रेम की तो छाह यादों की कभी!! डूबता उतरता सा मचलता, भटकता सा कभी, कितने रंग समेटे खुद में हो रहा बदरंग कभी रे मन.. कैसे पाऊँ थाह तेरी है तू आस कभी तो तू है निर्लिप्त कभी ©हिमांशु Kulshreshtha

#कविता  White मन तो बावरा है
अटकता है कभी तो
भटकता है कभी.. 
विरक्त है कभी तो
आसक्त है कभी...
धूप है प्रेम की
तो छाह यादों की कभी!!

डूबता उतरता सा
मचलता, भटकता सा कभी,
कितने रंग समेटे खुद में
हो रहा बदरंग कभी

रे मन..
कैसे पाऊँ थाह तेरी
है तू आस कभी तो
तू है निर्लिप्त कभी

©हिमांशु Kulshreshtha

ए दिल..

20 Love

#शायरी  माँगी थी दुआ एक आशियाने की, 
आँधियाँ चल पड़ी जमाने की! 
मेरे दर्द को कोई समझ ना सका, क्योंकि आदत थी मुझे मुस्कुराने की!!

©PRAKASH GOURH ~> Azamgarh

तासीर ए जहर

99 View

#तैयारी #कविता  White बचपन से तैयारी कर लो,
लक्ष्मी, सरस्वती संग,
दुर्गा, काली बनने की भी दीक्षा ले लो।


लाचारी, कोमलता, सहारा, सब छोड़ो,
मन, हृदय, देह को अब, वज्र कर लो।

भूलो मत, तुम नारी हो,
जन्म है तुम में समाया,
वक़्त है, अब मृत्यु को भी धारण कर लो।


कब तक सहोगे हिंसा, बलात्कार,
बन के वीरांगना सर को धड़ से,
अलग करने की कला सीख लो।


बचपन से तैयारी कर लो,
लक्ष्मी, सरस्वती संग,
दुर्गा, काली बनने की भी दीक्षा ले लो।

©Deepak "New Fly of Life"

#तैयारी ए हिफाज़त

153 View

Trending Topic