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"जनता, पत्रकार और सरकार" हृदय में कैद हर दबे, कुचले, डरे हुए, हर प्रकार के शब्दों को, जो निर्भीक वाणी दे सके, जो सत्ता के विरुद्ध हो तटस्थ नही, जिनमें आलोचना करने का बल हो, वही पत्रकार है और वही साहित्यकार है। परंतु वह नही जो हृदय में बंद हर शब्दों का दमन करे, भय के वातावरण का निर्माण करे, पक्षपाती व्यवहार करे, राजनैतिक विपक्ष को डांटे फटकारे, वह पत्रकार नही दलाल है, वही चाटुकार है, वही गोदी मिडिया है। वर्तमान में भारतीय पत्रकारिता गहरे गंदे नाले के गर्त में लिप्त हो चुकी है परंतु हर्षोल्लास में है, क्योंकि उसकी तथाकथित पत्रकारिता, मात्र एक सत्तासीन व्यक्ति के इर्द-गिर्द सिमटकर दम तोड़ चुकी है, वर्तमान संविधान में एक व्यक्ति का विधान चल रहा है, यही लोकतंत्र की व्यवस्था को कमज़ोर कर रहा है, इसे ही तानाशाही या डिक्टेटरशिप कहते है, इनका धार्मिक आस्थाओं से खेलना बाएं हाथ का खेल है, क्योंकि हमने जनसेवक नही अपितु सिंगोलधारी राजा चुना है। आज-कल का प्रचलित शब्द "अंधभक्ति या अंधभक्त" वास्तव में एक विशेष प्रकार की जनता के लिए संबोधित किया जाता है, जो सत्ता द्वारा हर प्रकार के निर्णय का समर्थन करती है, क्योंकि सत्ता द्वारा उसे केवल अपना हित साधना ही सिखाया गया है, उनके लिए शिक्षा, नौकरी, स्वास्थ्य, सुरक्षा, रोज़गार, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था, अपराध आदि से, कोई लेना-देना नही होता, उन्हें मात्र अंतर्मुखी बना दिया, जैसा कि वह राजा स्वयं है, वैसे प्रजा भी कहीं ना कहीं, किसी ना किसी की अंधभक्ति में अवश्य है। इसलिए कहते है जैसा राजा वैसी प्रजा। जय हिंद जय भारत।💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳 ©अदनासा-

#पत्रकारिता #अंधभक्त #चाटुकार #भारतीय #अदनासा #हिंदी  "जनता, पत्रकार और सरकार"

हृदय में कैद हर दबे, कुचले, डरे हुए, हर प्रकार के शब्दों को, जो निर्भीक वाणी दे सके, जो सत्ता के विरुद्ध हो तटस्थ नही, जिनमें आलोचना करने का बल हो, वही पत्रकार है और वही साहित्यकार है।
परंतु वह नही जो हृदय में बंद हर शब्दों का दमन करे, भय के वातावरण का निर्माण करे, पक्षपाती व्यवहार करे, राजनैतिक विपक्ष को डांटे फटकारे, वह पत्रकार नही दलाल है, वही चाटुकार है, वही गोदी मिडिया है।
             वर्तमान में भारतीय पत्रकारिता गहरे गंदे नाले के गर्त में लिप्त हो चुकी है परंतु हर्षोल्लास में है, क्योंकि उसकी तथाकथित पत्रकारिता, मात्र एक सत्तासीन व्यक्ति के इर्द-गिर्द सिमटकर दम तोड़ चुकी है, वर्तमान संविधान में एक व्यक्ति का विधान चल रहा है, यही लोकतंत्र की व्यवस्था को कमज़ोर कर रहा है, इसे ही तानाशाही या डिक्टेटरशिप कहते है, इनका धार्मिक आस्थाओं से खेलना बाएं हाथ का खेल है, क्योंकि हमने जनसेवक नही अपितु सिंगोलधारी राजा चुना है।
            आज-कल का प्रचलित शब्द "अंधभक्ति या अंधभक्त" वास्तव में एक विशेष प्रकार की जनता के लिए संबोधित किया जाता है, जो सत्ता द्वारा हर प्रकार के निर्णय का समर्थन करती है, क्योंकि सत्ता द्वारा उसे केवल अपना हित साधना ही सिखाया गया है, उनके लिए शिक्षा, नौकरी, स्वास्थ्य, सुरक्षा, रोज़गार, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था, अपराध आदि से, कोई लेना-देना नही होता, उन्हें मात्र अंतर्मुखी बना दिया, जैसा कि वह राजा स्वयं है, वैसे प्रजा भी कहीं ना कहीं, किसी ना किसी की अंधभक्ति में अवश्य है।
            इसलिए कहते है जैसा राजा वैसी प्रजा।

जय हिंद जय भारत।💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳

©अदनासा-

चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://pin.it/3uxwXGlCs #भारतीय #पत्रकारिता #हिंदी #जनता #सरकार #अंधभक्त #चाटुकार #Pinterest #Instag

20 Love

दहेज मुक्त विवाह

189 View

White बेशक मै.................... तुम्हारी जिंदगी का बो गुलाब नही....! जो तुम्हारी जिंदगी को महका देता..!! लेकिन हाँ......!!! मै तुम्हारी जिंदगी का बो पेड जरूर था..!!! जिसकी छाँव मे तुम आपने जीबन की...!!!! हर तपिश से मुक्त हो सकती थी....!!!!! अफसोस,तुम समझ ना सकी....💓 ©Rameshkumar Mehra Mehra

#Quotes  White बेशक मै....................
तुम्हारी जिंदगी का बो गुलाब नही....!
जो तुम्हारी जिंदगी को महका देता..!!
लेकिन हाँ......!!!
मै तुम्हारी जिंदगी का बो पेड जरूर था..!!!
जिसकी छाँव मे तुम आपने जीबन की...!!!!
हर तपिश से मुक्त हो सकती थी....!!!!!
अफसोस,तुम समझ ना सकी....💓

©Rameshkumar Mehra Mehra

# बेशक मै..... तुम्हारी जिंदगी का बो गुलाब नही,जो तुम्हारी जिंदगी को महका देता,लेकिन हाँ,मै तुम्हारी जिंदगी का बो पेड जरुर था,जिसकी छाॅब मे

21 Love

#अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ #चरित्र #शायरी #चित्र #फर्क

#चित्र और #चरित्र में #फर्क जानना #सीख लीजिए..🖊️ #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ ❤️‍🩹❤️‍🩹❤️‍🩹🤙❤️‍🩹❤️‍🩹❤️‍🩹

252 View

White गावानं निरोप दिला तुला शहराने बोलावलं.. ऐकून घेताक्षणी मनातलं सारं सुख हरवलं.. भिरभिरणाऱ्या मनाला जबाबदारीनं समजावलं.. समजवताना डोळ्यांना पाण्याने मात्र भरवलं.. भरलेल्या डोळ्यानी फिरून जगाकडे पाहिलं.. पाहता पाहता पाऊल क्षणात शहराकडे वळालं.. पाहता पाहता पाऊल क्षणात शहराकडे वळालं.. ©गोरक्ष अशोक उंबरकर

#मराठीकविता  White गावानं निरोप दिला 
तुला शहराने बोलावलं..
ऐकून घेताक्षणी मनातलं
सारं सुख हरवलं..

भिरभिरणाऱ्या मनाला
जबाबदारीनं समजावलं..
समजवताना डोळ्यांना 
पाण्याने मात्र भरवलं..

भरलेल्या डोळ्यानी
फिरून जगाकडे पाहिलं..
पाहता पाहता पाऊल 
क्षणात शहराकडे वळालं..

पाहता पाहता पाऊल 
क्षणात शहराकडे वळालं..

©गोरक्ष अशोक उंबरकर

गाव

8 Love

White पानी में चित्र और वाणी में चरित्र नज़र आता है.... ©Nirupama Mishra

#चरित्र #चित्र #कोट्स #नज़र  White पानी में चित्र और वाणी में चरित्र नज़र आता है....

©Nirupama Mishra

#चित्र #चरित्र #नज़र मोटिवेशनल कोट्स हिंदी कोट्स इन हिंदी

16 Love

"जनता, पत्रकार और सरकार" हृदय में कैद हर दबे, कुचले, डरे हुए, हर प्रकार के शब्दों को, जो निर्भीक वाणी दे सके, जो सत्ता के विरुद्ध हो तटस्थ नही, जिनमें आलोचना करने का बल हो, वही पत्रकार है और वही साहित्यकार है। परंतु वह नही जो हृदय में बंद हर शब्दों का दमन करे, भय के वातावरण का निर्माण करे, पक्षपाती व्यवहार करे, राजनैतिक विपक्ष को डांटे फटकारे, वह पत्रकार नही दलाल है, वही चाटुकार है, वही गोदी मिडिया है। वर्तमान में भारतीय पत्रकारिता गहरे गंदे नाले के गर्त में लिप्त हो चुकी है परंतु हर्षोल्लास में है, क्योंकि उसकी तथाकथित पत्रकारिता, मात्र एक सत्तासीन व्यक्ति के इर्द-गिर्द सिमटकर दम तोड़ चुकी है, वर्तमान संविधान में एक व्यक्ति का विधान चल रहा है, यही लोकतंत्र की व्यवस्था को कमज़ोर कर रहा है, इसे ही तानाशाही या डिक्टेटरशिप कहते है, इनका धार्मिक आस्थाओं से खेलना बाएं हाथ का खेल है, क्योंकि हमने जनसेवक नही अपितु सिंगोलधारी राजा चुना है। आज-कल का प्रचलित शब्द "अंधभक्ति या अंधभक्त" वास्तव में एक विशेष प्रकार की जनता के लिए संबोधित किया जाता है, जो सत्ता द्वारा हर प्रकार के निर्णय का समर्थन करती है, क्योंकि सत्ता द्वारा उसे केवल अपना हित साधना ही सिखाया गया है, उनके लिए शिक्षा, नौकरी, स्वास्थ्य, सुरक्षा, रोज़गार, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था, अपराध आदि से, कोई लेना-देना नही होता, उन्हें मात्र अंतर्मुखी बना दिया, जैसा कि वह राजा स्वयं है, वैसे प्रजा भी कहीं ना कहीं, किसी ना किसी की अंधभक्ति में अवश्य है। इसलिए कहते है जैसा राजा वैसी प्रजा। जय हिंद जय भारत।💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳 ©अदनासा-

#पत्रकारिता #अंधभक्त #चाटुकार #भारतीय #अदनासा #हिंदी  "जनता, पत्रकार और सरकार"

हृदय में कैद हर दबे, कुचले, डरे हुए, हर प्रकार के शब्दों को, जो निर्भीक वाणी दे सके, जो सत्ता के विरुद्ध हो तटस्थ नही, जिनमें आलोचना करने का बल हो, वही पत्रकार है और वही साहित्यकार है।
परंतु वह नही जो हृदय में बंद हर शब्दों का दमन करे, भय के वातावरण का निर्माण करे, पक्षपाती व्यवहार करे, राजनैतिक विपक्ष को डांटे फटकारे, वह पत्रकार नही दलाल है, वही चाटुकार है, वही गोदी मिडिया है।
             वर्तमान में भारतीय पत्रकारिता गहरे गंदे नाले के गर्त में लिप्त हो चुकी है परंतु हर्षोल्लास में है, क्योंकि उसकी तथाकथित पत्रकारिता, मात्र एक सत्तासीन व्यक्ति के इर्द-गिर्द सिमटकर दम तोड़ चुकी है, वर्तमान संविधान में एक व्यक्ति का विधान चल रहा है, यही लोकतंत्र की व्यवस्था को कमज़ोर कर रहा है, इसे ही तानाशाही या डिक्टेटरशिप कहते है, इनका धार्मिक आस्थाओं से खेलना बाएं हाथ का खेल है, क्योंकि हमने जनसेवक नही अपितु सिंगोलधारी राजा चुना है।
            आज-कल का प्रचलित शब्द "अंधभक्ति या अंधभक्त" वास्तव में एक विशेष प्रकार की जनता के लिए संबोधित किया जाता है, जो सत्ता द्वारा हर प्रकार के निर्णय का समर्थन करती है, क्योंकि सत्ता द्वारा उसे केवल अपना हित साधना ही सिखाया गया है, उनके लिए शिक्षा, नौकरी, स्वास्थ्य, सुरक्षा, रोज़गार, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था, अपराध आदि से, कोई लेना-देना नही होता, उन्हें मात्र अंतर्मुखी बना दिया, जैसा कि वह राजा स्वयं है, वैसे प्रजा भी कहीं ना कहीं, किसी ना किसी की अंधभक्ति में अवश्य है।
            इसलिए कहते है जैसा राजा वैसी प्रजा।

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©अदनासा-

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दहेज मुक्त विवाह

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White बेशक मै.................... तुम्हारी जिंदगी का बो गुलाब नही....! जो तुम्हारी जिंदगी को महका देता..!! लेकिन हाँ......!!! मै तुम्हारी जिंदगी का बो पेड जरूर था..!!! जिसकी छाँव मे तुम आपने जीबन की...!!!! हर तपिश से मुक्त हो सकती थी....!!!!! अफसोस,तुम समझ ना सकी....💓 ©Rameshkumar Mehra Mehra

#Quotes  White बेशक मै....................
तुम्हारी जिंदगी का बो गुलाब नही....!
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लेकिन हाँ......!!!
मै तुम्हारी जिंदगी का बो पेड जरूर था..!!!
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हर तपिश से मुक्त हो सकती थी....!!!!!
अफसोस,तुम समझ ना सकी....💓

©Rameshkumar Mehra Mehra

# बेशक मै..... तुम्हारी जिंदगी का बो गुलाब नही,जो तुम्हारी जिंदगी को महका देता,लेकिन हाँ,मै तुम्हारी जिंदगी का बो पेड जरुर था,जिसकी छाॅब मे

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#अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ #चरित्र #शायरी #चित्र #फर्क

#चित्र और #चरित्र में #फर्क जानना #सीख लीजिए..🖊️ #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ ❤️‍🩹❤️‍🩹❤️‍🩹🤙❤️‍🩹❤️‍🩹❤️‍🩹

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White गावानं निरोप दिला तुला शहराने बोलावलं.. ऐकून घेताक्षणी मनातलं सारं सुख हरवलं.. भिरभिरणाऱ्या मनाला जबाबदारीनं समजावलं.. समजवताना डोळ्यांना पाण्याने मात्र भरवलं.. भरलेल्या डोळ्यानी फिरून जगाकडे पाहिलं.. पाहता पाहता पाऊल क्षणात शहराकडे वळालं.. पाहता पाहता पाऊल क्षणात शहराकडे वळालं.. ©गोरक्ष अशोक उंबरकर

#मराठीकविता  White गावानं निरोप दिला 
तुला शहराने बोलावलं..
ऐकून घेताक्षणी मनातलं
सारं सुख हरवलं..

भिरभिरणाऱ्या मनाला
जबाबदारीनं समजावलं..
समजवताना डोळ्यांना 
पाण्याने मात्र भरवलं..

भरलेल्या डोळ्यानी
फिरून जगाकडे पाहिलं..
पाहता पाहता पाऊल 
क्षणात शहराकडे वळालं..

पाहता पाहता पाऊल 
क्षणात शहराकडे वळालं..

©गोरक्ष अशोक उंबरकर

गाव

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White पानी में चित्र और वाणी में चरित्र नज़र आता है.... ©Nirupama Mishra

#चरित्र #चित्र #कोट्स #नज़र  White पानी में चित्र और वाणी में चरित्र नज़र आता है....

©Nirupama Mishra

#चित्र #चरित्र #नज़र मोटिवेशनल कोट्स हिंदी कोट्स इन हिंदी

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