White एक अधूरा सफ़र
एक सफ़र अधूरा रहा,
ख्वाहिशों का साथ छूट गया।
मंज़िल मेरी रूठ गई,
मैं खुद से ही तो रूठ गया।
दरिया में कश्ती डूब गई,
पतवार मेरी टूट गई।
मैं खुद से ही तो रूठ गया,
मैं खुद से ही तो टूट गया।
ख़्वाब सजाए आँखों ने,
एक पल में सब टूट गया।
सफ़र पर निकला जब,
खुद ही रास्ता भटक गया।
रुका मैं अभिलाषा में,
मुश्किल दौर से गुज़र गया।
माया के भंवर में फँसकर,
भरी ज्येष्ठा में सर्द सा सिहर गया।
एक महल बनाया रेत सा,
जो पल भर में ढह गया।
ख़्वाबों की दीवारें टूटीं,
और दिल भी कहीं बह गया।
साथ किसी का छूट गया,
दर्द सा दिल में बैठ गया।
मैं खुद से ही तो रूठ गया,
मैं खुद से ही तो टूट गया।
दिल मासूम फिर से टूट गया,
मंज़िल मेरी फिर छूट गई।
महबूब मुझसे रूठ गया,
मैं खुद से ही तो टूट गया।
मैं खुद से ही तो रूठ गया।
©theABHAYSINGH_BIPIN
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