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#शायरी

तेरी याद

99 View

White कितना अद्भुत रहस्य है जिसके पास सब कुछ हो वो कभी समझ नही पाता है । जिसके पास कुछ नहीं वो हर खुशी चाहता है । कोई जीना भूल गया कमाने के चक्कर मे । कोई खाना भी भूल जाता हैं करोड़ों की बहस मैं। कोई दुनियां भुलाकर सोता है खुले आसमान के नीचे । किसी को मखमली बिस्तर होके भी चैन नहीं पाता है । कोई हार जाता हैं जमाने में अपनों की बदौलत कोई गैरों के लिए भी जी के चला जाता हैं । खाली हाथ लौट जाता हैं एक रोज हर कोई । शायद इस सफर को कोई कभी समझ पाया है । ©Vs Nagerkoti

#मोटिवेशनल #good_night  White कितना अद्भुत रहस्य है 

जिसके पास सब कुछ हो वो कभी समझ
नही पाता है  ।
जिसके पास कुछ नहीं वो हर खुशी चाहता है ।
कोई जीना भूल गया कमाने के चक्कर मे ।
कोई खाना भी भूल जाता हैं करोड़ों की बहस 
मैं।
कोई दुनियां भुलाकर सोता है खुले आसमान 
के नीचे ।
किसी को मखमली बिस्तर होके भी चैन नहीं 
पाता है ।
कोई हार जाता हैं जमाने में अपनों की बदौलत 
कोई गैरों के लिए भी जी के चला जाता हैं ।
खाली हाथ लौट जाता हैं एक रोज हर कोई ।
शायद इस सफर को कोई कभी समझ पाया 
है ।

©Vs Nagerkoti

#good_night इस दुनियां की अनगिनत कहानियां ।

13 Love

White 🧓वो मेरी नानी थी🧓 मेरे बचपन मेरी गर्मियों की वो राजधानी थी भूलती नहीं कांच की चूड़ी वो मीठी लोरी थी हर पाठ सिखाई वो ही तो घर की महारानी थी वो मेरी नानी थी ।।1।। परायों को अपनाती वो खुशियां अपनी देती थी वो झूठा गुस्सा करके धीरे से मिठाई खिलाती थी चेहरे पर झुर्री नहीं हां कान में थोड़ी परेशानी थी वो मेरी नानी थी ।।2।। बचपन गया आई जवानी बदली नहीं राजधानी थी साझा नहीं किया दर्द सादगी जानी पहचानी थी चली गई आज छोड़ के अब हर चीज बेगानी थी वो मेरी नानी थी ।।3।। "गुरु प्रशस्त"कहे साथ नहीं नानी उनकी यादें संजोना "वैभव"किस्मत वालों हो मां जैसे नानी का प्यार मिलना ©वैभव जैन

 White 🧓वो मेरी नानी थी🧓

मेरे बचपन मेरी गर्मियों की वो राजधानी थी
भूलती नहीं कांच की चूड़ी वो मीठी लोरी थी
हर पाठ सिखाई वो ही तो घर की महारानी थी
वो मेरी नानी थी ।।1।।

परायों को अपनाती वो खुशियां अपनी देती थी
वो झूठा गुस्सा करके धीरे से मिठाई खिलाती थी
चेहरे पर झुर्री नहीं हां कान में थोड़ी परेशानी थी
वो मेरी नानी थी ।।2।।

बचपन गया आई जवानी बदली नहीं राजधानी थी
साझा नहीं किया दर्द सादगी जानी पहचानी थी
चली गई आज छोड़ के अब हर चीज बेगानी थी
 वो मेरी नानी थी ।।3।।

"गुरु प्रशस्त"कहे साथ नहीं नानी उनकी यादें संजोना 
"वैभव"किस्मत वालों हो मां जैसे नानी का प्यार मिलना

©वैभव जैन

#वो मेरी नानी थी

14 Love

बिजली सी तेरी हसी है। जब भी गिरे, मेरे दिल के हर दर्द को राहत मिली है। ©Ramnik

#तेरी  बिजली सी तेरी हसी है।
जब भी गिरे, मेरे दिल के हर दर्द को राहत मिली है।

©Ramnik

#तेरी hasi

15 Love

#शायरी

तेरी याद

99 View

White कितना अद्भुत रहस्य है जिसके पास सब कुछ हो वो कभी समझ नही पाता है । जिसके पास कुछ नहीं वो हर खुशी चाहता है । कोई जीना भूल गया कमाने के चक्कर मे । कोई खाना भी भूल जाता हैं करोड़ों की बहस मैं। कोई दुनियां भुलाकर सोता है खुले आसमान के नीचे । किसी को मखमली बिस्तर होके भी चैन नहीं पाता है । कोई हार जाता हैं जमाने में अपनों की बदौलत कोई गैरों के लिए भी जी के चला जाता हैं । खाली हाथ लौट जाता हैं एक रोज हर कोई । शायद इस सफर को कोई कभी समझ पाया है । ©Vs Nagerkoti

#मोटिवेशनल #good_night  White कितना अद्भुत रहस्य है 

जिसके पास सब कुछ हो वो कभी समझ
नही पाता है  ।
जिसके पास कुछ नहीं वो हर खुशी चाहता है ।
कोई जीना भूल गया कमाने के चक्कर मे ।
कोई खाना भी भूल जाता हैं करोड़ों की बहस 
मैं।
कोई दुनियां भुलाकर सोता है खुले आसमान 
के नीचे ।
किसी को मखमली बिस्तर होके भी चैन नहीं 
पाता है ।
कोई हार जाता हैं जमाने में अपनों की बदौलत 
कोई गैरों के लिए भी जी के चला जाता हैं ।
खाली हाथ लौट जाता हैं एक रोज हर कोई ।
शायद इस सफर को कोई कभी समझ पाया 
है ।

©Vs Nagerkoti

#good_night इस दुनियां की अनगिनत कहानियां ।

13 Love

White 🧓वो मेरी नानी थी🧓 मेरे बचपन मेरी गर्मियों की वो राजधानी थी भूलती नहीं कांच की चूड़ी वो मीठी लोरी थी हर पाठ सिखाई वो ही तो घर की महारानी थी वो मेरी नानी थी ।।1।। परायों को अपनाती वो खुशियां अपनी देती थी वो झूठा गुस्सा करके धीरे से मिठाई खिलाती थी चेहरे पर झुर्री नहीं हां कान में थोड़ी परेशानी थी वो मेरी नानी थी ।।2।। बचपन गया आई जवानी बदली नहीं राजधानी थी साझा नहीं किया दर्द सादगी जानी पहचानी थी चली गई आज छोड़ के अब हर चीज बेगानी थी वो मेरी नानी थी ।।3।। "गुरु प्रशस्त"कहे साथ नहीं नानी उनकी यादें संजोना "वैभव"किस्मत वालों हो मां जैसे नानी का प्यार मिलना ©वैभव जैन

 White 🧓वो मेरी नानी थी🧓

मेरे बचपन मेरी गर्मियों की वो राजधानी थी
भूलती नहीं कांच की चूड़ी वो मीठी लोरी थी
हर पाठ सिखाई वो ही तो घर की महारानी थी
वो मेरी नानी थी ।।1।।

परायों को अपनाती वो खुशियां अपनी देती थी
वो झूठा गुस्सा करके धीरे से मिठाई खिलाती थी
चेहरे पर झुर्री नहीं हां कान में थोड़ी परेशानी थी
वो मेरी नानी थी ।।2।।

बचपन गया आई जवानी बदली नहीं राजधानी थी
साझा नहीं किया दर्द सादगी जानी पहचानी थी
चली गई आज छोड़ के अब हर चीज बेगानी थी
 वो मेरी नानी थी ।।3।।

"गुरु प्रशस्त"कहे साथ नहीं नानी उनकी यादें संजोना 
"वैभव"किस्मत वालों हो मां जैसे नानी का प्यार मिलना

©वैभव जैन

#वो मेरी नानी थी

14 Love

बिजली सी तेरी हसी है। जब भी गिरे, मेरे दिल के हर दर्द को राहत मिली है। ©Ramnik

#तेरी  बिजली सी तेरी हसी है।
जब भी गिरे, मेरे दिल के हर दर्द को राहत मिली है।

©Ramnik

#तेरी hasi

15 Love

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