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White कही आपके मां बाप का अपार स्नेह आपको अपाहिज तो नही बना रहा । क्या आप जानते है । आपके parent किस प्रकार अंजाने में आपका जीवन नष्ट कर देते है । बेपनाह प्रेम हर वक्त फिक्र करना । बेमतलब हमेशा कीमती gift और हर रोज अनावश्यक पैसा देना । जो आपके कल को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है । जो कल आपको बेहद कमजोर और अकेला कर सकता है । जो कल आपको अपने पैरों में खड़ा भी नहीं होने देगा । इसलिए खुद संभलने की कोशिश करें । जरूरी नहीं कि सभी के parent,s इतने समझदार हो । ये चीजें कल आपके लिए मीठा जहर भी साबित हो सकती हैं । ये लेख सिर्फ उन नवयुवकों के लिए है जो Midlle Class family से belong करते है । ©Vs Nagerkoti

#मोटिवेशनल #good_night  White कही आपके मां बाप का अपार स्नेह आपको 
अपाहिज तो नही बना रहा । क्या आप जानते 
है । आपके parent किस प्रकार अंजाने में 
आपका  जीवन नष्ट कर देते है । बेपनाह प्रेम हर 
वक्त फिक्र करना । बेमतलब हमेशा कीमती 
gift और हर रोज अनावश्यक पैसा देना ।
जो आपके कल को बुरी तरह से प्रभावित 
कर सकता है । जो कल आपको बेहद कमजोर 
और अकेला कर सकता है । जो कल आपको 
अपने पैरों में खड़ा भी नहीं होने देगा ।
इसलिए खुद संभलने की कोशिश करें ।
जरूरी नहीं कि सभी के parent,s इतने 
समझदार हो । ये चीजें कल आपके लिए 
मीठा जहर भी साबित हो सकती हैं ।










ये लेख सिर्फ उन नवयुवकों के लिए है 
जो Midlle Class family से belong 
करते है ।

©Vs Nagerkoti

#good_night parent,s का हद से ज्यादा सनेह भी कभी आपके लिए किस प्रकार अचानक अभिशाप मैं परवर्तित हो जाता है ।

11 Love

#वीडियो

किसी भी प्रकार के वायलेंस में फोन करें 112 नंबर पर

144 View

#teachershailesh #Motivational

जानिए तीन प्रकार कम्यूनिकेशन..... #teachershailesh

117 View

White {Bolo Ji Radhey Radhey} आत्म हत्या शब्द का उच्चारण या बोला जाना गलत है, जब आत्मा को कोई भी जला, गला, सुखा, मिटा या किसी भी प्रकार से नाश नही हो सकता, तो यह बोलना गलत है, आत्म हत्या ये तो देह या शरीर को खत्म करना बोला जाना चाहिए? जय श्री राधेकृष्ण जी। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #sad_shayari  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
आत्म हत्या शब्द का उच्चारण या 
बोला जाना गलत है, जब आत्मा 
को कोई भी जला, गला, सुखा, 
मिटा या किसी भी प्रकार से नाश 
नही हो सकता, तो यह बोलना 
गलत है, आत्म हत्या ये तो देह 
या शरीर को खत्म करना 
बोला जाना चाहिए?
जय श्री राधेकृष्ण जी।

©N S Yadav GoldMine

#sad_shayari {Bolo Ji Radhey Radhey} आत्म हत्या शब्द का उच्चारण या बोला जाना गलत है, जब आत्मा को कोई भी जला, गला, सुखा, मिटा या किसी भी प

17 Love

White {Bolo Ji Radhey Radhey} शरीर की सुंदरता, कुल, शील, विधा, और यत्न पूर्वक की गई, सेवा, ये कोई भी किसी काम में नहीं आते, पर आपके द्वारा पूर्व में, संचित कर्म समय आने पर, आपके प्राबर्द्ध की वर्षा की बरसात करके नाना प्रकार के फल जरूर देते हैं, सब कुछ सोच समझ कर करना चाहिए।। (यह समझने में थोड़ा परेशानी हो सकती हैं)।। जय श्री राधेकृष्ण जी। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #good_night  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
शरीर की सुंदरता, कुल, शील, विधा, 
और यत्न पूर्वक की गई, सेवा, ये कोई 
भी किसी काम में नहीं आते, पर आपके 
द्वारा पूर्व में, संचित कर्म समय आने पर, 
आपके प्राबर्द्ध की वर्षा की बरसात करके
नाना प्रकार के फल जरूर देते हैं, सब 
कुछ सोच समझ कर करना चाहिए।।
(यह समझने में थोड़ा परेशानी हो 
सकती हैं)।। जय श्री राधेकृष्ण जी।

©N S Yadav GoldMine

#good_night {Bolo Ji Radhey Radhey} शरीर की सुंदरता, कुल, शील, विधा, और यत्न पूर्वक की गई, सेवा, ये कोई भी किसी काम में नहीं आते, पर आपके

13 Love

इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा , लालची स्वभाव , नास्तिक व्यवहार , असत्य ,झूठ , अपशब्द , दुष्टता, यह सब नरक के द्वार खोलते हैं और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं ©person

#Motivational  इस कलयुग में 
मनुष्य ही 
असुर हैं और आसुरी भी
मन के भाव और भावनाएं दूषित हो 
तो नकारात्मक सोच 
और विकार ग्रसित कर देती हैं 
मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य 
स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा ,
लालची स्वभाव ,
नास्तिक व्यवहार ,
असत्य ,झूठ ,
अपशब्द , दुष्टता,
यह सब नरक  के द्वार खोलते हैं 
और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं

©person

इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके

10 Love

White कही आपके मां बाप का अपार स्नेह आपको अपाहिज तो नही बना रहा । क्या आप जानते है । आपके parent किस प्रकार अंजाने में आपका जीवन नष्ट कर देते है । बेपनाह प्रेम हर वक्त फिक्र करना । बेमतलब हमेशा कीमती gift और हर रोज अनावश्यक पैसा देना । जो आपके कल को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है । जो कल आपको बेहद कमजोर और अकेला कर सकता है । जो कल आपको अपने पैरों में खड़ा भी नहीं होने देगा । इसलिए खुद संभलने की कोशिश करें । जरूरी नहीं कि सभी के parent,s इतने समझदार हो । ये चीजें कल आपके लिए मीठा जहर भी साबित हो सकती हैं । ये लेख सिर्फ उन नवयुवकों के लिए है जो Midlle Class family से belong करते है । ©Vs Nagerkoti

#मोटिवेशनल #good_night  White कही आपके मां बाप का अपार स्नेह आपको 
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कर सकता है । जो कल आपको बेहद कमजोर 
और अकेला कर सकता है । जो कल आपको 
अपने पैरों में खड़ा भी नहीं होने देगा ।
इसलिए खुद संभलने की कोशिश करें ।
जरूरी नहीं कि सभी के parent,s इतने 
समझदार हो । ये चीजें कल आपके लिए 
मीठा जहर भी साबित हो सकती हैं ।










ये लेख सिर्फ उन नवयुवकों के लिए है 
जो Midlle Class family से belong 
करते है ।

©Vs Nagerkoti

#good_night parent,s का हद से ज्यादा सनेह भी कभी आपके लिए किस प्रकार अचानक अभिशाप मैं परवर्तित हो जाता है ।

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किसी भी प्रकार के वायलेंस में फोन करें 112 नंबर पर

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#teachershailesh #Motivational

जानिए तीन प्रकार कम्यूनिकेशन..... #teachershailesh

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White {Bolo Ji Radhey Radhey} आत्म हत्या शब्द का उच्चारण या बोला जाना गलत है, जब आत्मा को कोई भी जला, गला, सुखा, मिटा या किसी भी प्रकार से नाश नही हो सकता, तो यह बोलना गलत है, आत्म हत्या ये तो देह या शरीर को खत्म करना बोला जाना चाहिए? जय श्री राधेकृष्ण जी। ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #sad_shayari  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
आत्म हत्या शब्द का उच्चारण या 
बोला जाना गलत है, जब आत्मा 
को कोई भी जला, गला, सुखा, 
मिटा या किसी भी प्रकार से नाश 
नही हो सकता, तो यह बोलना 
गलत है, आत्म हत्या ये तो देह 
या शरीर को खत्म करना 
बोला जाना चाहिए?
जय श्री राधेकृष्ण जी।

©N S Yadav GoldMine

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White {Bolo Ji Radhey Radhey} शरीर की सुंदरता, कुल, शील, विधा, और यत्न पूर्वक की गई, सेवा, ये कोई भी किसी काम में नहीं आते, पर आपके द्वारा पूर्व में, संचित कर्म समय आने पर, आपके प्राबर्द्ध की वर्षा की बरसात करके नाना प्रकार के फल जरूर देते हैं, सब कुछ सोच समझ कर करना चाहिए।। (यह समझने में थोड़ा परेशानी हो सकती हैं)।। जय श्री राधेकृष्ण जी। ©N S Yadav GoldMine

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शरीर की सुंदरता, कुल, शील, विधा, 
और यत्न पूर्वक की गई, सेवा, ये कोई 
भी किसी काम में नहीं आते, पर आपके 
द्वारा पूर्व में, संचित कर्म समय आने पर, 
आपके प्राबर्द्ध की वर्षा की बरसात करके
नाना प्रकार के फल जरूर देते हैं, सब 
कुछ सोच समझ कर करना चाहिए।।
(यह समझने में थोड़ा परेशानी हो 
सकती हैं)।। जय श्री राधेकृष्ण जी।

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#good_night {Bolo Ji Radhey Radhey} शरीर की सुंदरता, कुल, शील, विधा, और यत्न पूर्वक की गई, सेवा, ये कोई भी किसी काम में नहीं आते, पर आपके

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इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा , लालची स्वभाव , नास्तिक व्यवहार , असत्य ,झूठ , अपशब्द , दुष्टता, यह सब नरक के द्वार खोलते हैं और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं ©person

#Motivational  इस कलयुग में 
मनुष्य ही 
असुर हैं और आसुरी भी
मन के भाव और भावनाएं दूषित हो 
तो नकारात्मक सोच 
और विकार ग्रसित कर देती हैं 
मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य 
स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा ,
लालची स्वभाव ,
नास्तिक व्यवहार ,
असत्य ,झूठ ,
अपशब्द , दुष्टता,
यह सब नरक  के द्वार खोलते हैं 
और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं

©person

इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके

10 Love

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