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White मन अपनी धुन में क्यूँ भागे है, चिंतन में मन क्यूँ लागे है? छेड़ रण अब ख़ुद के मन से, भजन कीर्तन कैसे न रागे है? जग झूठे सुख में अभियोग है, जो लिप्त हुआ, सुख न पाया है। जब अंतःमन प्रभु पुकारा है, हर हृदय ने प्रभु को पाया है। शरण में सर्वत्र न्यौछार दिया, प्रभु ने उस जीवन को तार दिया। जो नित ध्यान प्रभु में धारिता, उसके जीवन का सार किया। जीवन के सारे सुख निरर्थक हैं, बिन प्रभु के कुछ भी सार्थक नहीं है। जीवन का कोई राह दिखे न, तो फिर प्रभु शरण ही उपाय है। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता #good_night  White मन अपनी धुन में क्यूँ भागे है,
चिंतन में मन क्यूँ लागे है?
छेड़ रण अब ख़ुद के मन से,
भजन कीर्तन कैसे न रागे है?

जग झूठे सुख में अभियोग है,
जो लिप्त हुआ, सुख न पाया है।
जब अंतःमन प्रभु पुकारा है,
हर हृदय ने प्रभु को पाया है।

शरण में सर्वत्र न्यौछार दिया,
प्रभु ने उस जीवन को तार दिया।
जो नित ध्यान प्रभु में धारिता,
उसके जीवन का सार किया।

जीवन के सारे सुख निरर्थक हैं,
बिन प्रभु के कुछ भी सार्थक नहीं है।
जीवन का कोई राह दिखे न,
तो फिर प्रभु शरण ही उपाय है।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#good_night मन अपनी धुन में क्यूँ भागे है, चिंतन में मन क्यूँ लागे है? छेड़ रण अब ख़ुद के मन से, भजन कीर्तन कैसे न रागे है? जग झूठे सुख म

9 Love

तुमने कभी याद न किया, हम भी क्या करते, लेकिन तुम्हारी यादों ने हमें तार तार कर दिया। तुमसे दूर होकर भी जिन्दा थे जैसे हम, लेकिन तेरी यादों ने हमें टूट कर जीने पर मजबूर कर दिया। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #कविता  तुमने कभी याद न किया, हम भी क्या करते,
लेकिन तुम्हारी यादों ने हमें तार तार कर दिया।

तुमसे दूर होकर भी जिन्दा थे जैसे हम,
लेकिन तेरी यादों ने हमें टूट कर जीने पर मजबूर कर दिया।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर तुमने कभी याद न किया, हम भी क्या करते, लेकिन तुम्हारी यादों ने हमें तार तार करदिया। तुमसे दूर होकर भी जिन्दा थे जैसे हम, लेकिन

15 Love

#shayari_challenge #urdupoetrylines #shayrioftheday #top_newser #urduposts  शोर यूँ ही न परिंदों ने मचाया होगा
कोई जंगल की तरफ़ शहर से आया होगा

पेड़ के काटने वालों को ये मालूम तो था
जिस्म जल जाएँगे जब सर पे न साया होगा

बानी-ए-जश्ने-बहाराँ ने ये सोचा भी नहीं
किस ने काटों को लहू अपना पिलाया होगा

अपने जंगल से जो घबरा के उड़े थे प्यासे
ये सराब उन को समंदर नज़र आया होगा

बिजली के तार पर बैठा हुआ तन्हा पंछी
सोचता है कि वो जंगल तो पराया होगा

 कैफ़ी आज़मी

#haadse शोर यूँ ही न परिंदों ने मचाया होगा कोई जंगल की तरफ़ शहर से आया होगा पेड़ के काटने वालों को ये मालूम तो था जिस्म जल जाएँगे जब सर प

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White मन अपनी धुन में क्यूँ भागे है, चिंतन में मन क्यूँ लागे है? छेड़ रण अब ख़ुद के मन से, भजन कीर्तन कैसे न रागे है? जग झूठे सुख में अभियोग है, जो लिप्त हुआ, सुख न पाया है। जब अंतःमन प्रभु पुकारा है, हर हृदय ने प्रभु को पाया है। शरण में सर्वत्र न्यौछार दिया, प्रभु ने उस जीवन को तार दिया। जो नित ध्यान प्रभु में धारिता, उसके जीवन का सार किया। जीवन के सारे सुख निरर्थक हैं, बिन प्रभु के कुछ भी सार्थक नहीं है। जीवन का कोई राह दिखे न, तो फिर प्रभु शरण ही उपाय है। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता #good_night  White मन अपनी धुन में क्यूँ भागे है,
चिंतन में मन क्यूँ लागे है?
छेड़ रण अब ख़ुद के मन से,
भजन कीर्तन कैसे न रागे है?

जग झूठे सुख में अभियोग है,
जो लिप्त हुआ, सुख न पाया है।
जब अंतःमन प्रभु पुकारा है,
हर हृदय ने प्रभु को पाया है।

शरण में सर्वत्र न्यौछार दिया,
प्रभु ने उस जीवन को तार दिया।
जो नित ध्यान प्रभु में धारिता,
उसके जीवन का सार किया।

जीवन के सारे सुख निरर्थक हैं,
बिन प्रभु के कुछ भी सार्थक नहीं है।
जीवन का कोई राह दिखे न,
तो फिर प्रभु शरण ही उपाय है।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#good_night मन अपनी धुन में क्यूँ भागे है, चिंतन में मन क्यूँ लागे है? छेड़ रण अब ख़ुद के मन से, भजन कीर्तन कैसे न रागे है? जग झूठे सुख म

9 Love

तुमने कभी याद न किया, हम भी क्या करते, लेकिन तुम्हारी यादों ने हमें तार तार कर दिया। तुमसे दूर होकर भी जिन्दा थे जैसे हम, लेकिन तेरी यादों ने हमें टूट कर जीने पर मजबूर कर दिया। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #कविता  तुमने कभी याद न किया, हम भी क्या करते,
लेकिन तुम्हारी यादों ने हमें तार तार कर दिया।

तुमसे दूर होकर भी जिन्दा थे जैसे हम,
लेकिन तेरी यादों ने हमें टूट कर जीने पर मजबूर कर दिया।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर तुमने कभी याद न किया, हम भी क्या करते, लेकिन तुम्हारी यादों ने हमें तार तार करदिया। तुमसे दूर होकर भी जिन्दा थे जैसे हम, लेकिन

15 Love

#shayari_challenge #urdupoetrylines #shayrioftheday #top_newser #urduposts  शोर यूँ ही न परिंदों ने मचाया होगा
कोई जंगल की तरफ़ शहर से आया होगा

पेड़ के काटने वालों को ये मालूम तो था
जिस्म जल जाएँगे जब सर पे न साया होगा

बानी-ए-जश्ने-बहाराँ ने ये सोचा भी नहीं
किस ने काटों को लहू अपना पिलाया होगा

अपने जंगल से जो घबरा के उड़े थे प्यासे
ये सराब उन को समंदर नज़र आया होगा

बिजली के तार पर बैठा हुआ तन्हा पंछी
सोचता है कि वो जंगल तो पराया होगा

 कैफ़ी आज़मी

#haadse शोर यूँ ही न परिंदों ने मचाया होगा कोई जंगल की तरफ़ शहर से आया होगा पेड़ के काटने वालों को ये मालूम तो था जिस्म जल जाएँगे जब सर प

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