Jitender Kumar

Jitender Kumar

बहुत सारी किताबें पढ़ना चाहता हूं।

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#shayari_challenge #urdupoetrylines #shayrioftheday #top_newser #urduposts  शोर यूँ ही न परिंदों ने मचाया होगा
कोई जंगल की तरफ़ शहर से आया होगा

पेड़ के काटने वालों को ये मालूम तो था
जिस्म जल जाएँगे जब सर पे न साया होगा

बानी-ए-जश्ने-बहाराँ ने ये सोचा भी नहीं
किस ने काटों को लहू अपना पिलाया होगा

अपने जंगल से जो घबरा के उड़े थे प्यासे
ये सराब उन को समंदर नज़र आया होगा

बिजली के तार पर बैठा हुआ तन्हा पंछी
सोचता है कि वो जंगल तो पराया होगा

 कैफ़ी आज़मी

#haadse शोर यूँ ही न परिंदों ने मचाया होगा कोई जंगल की तरफ़ शहर से आया होगा पेड़ के काटने वालों को ये मालूम तो था जिस्म जल जाएँगे जब सर पे न साया होगा

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#shayari_challenge #urdupoetrylines #shayrioftheday #emotionalstory #top_newser  कभी साया है कभी धूप मुक़द्दर मेरा
होता रहता है यूँ ही क़र्ज़ बराबर मेरा

टूट जाते हैं कभी मेरे किनारे मुझ में
डूब जाता है कभी मुझ में समुंदर मेरा

किसी सहरा में बिछड़ जाएँगे सब यार मिरे
किसी जंगल में भटक जाए गा लश्कर मेरा

बा-वफ़ा था तो मुझे पूछने वाले भी न थे
बे-वफ़ा हूँ तो हुआ नाम भी घर घर मेरा

कितने हँसते हुए मौसम अभी आते लेकिन
एक ही धूप ने कुम्हला दिया मंज़र मेरा

आख़िरी ज़ुरअ-ए-पुर-कैफ़ हो शायद बाक़ी
अब जो छलका तो छलक जाए गा साग़र मेरा

अतहर नफ़ीस

#emotionalstory कभी साया है कभी धूप मुक़द्दर मेरा होता रहता है यूँ ही क़र्ज़ बराबर मेरा टूट जाते हैं कभी मेरे किनारे मुझ में डूब जाता है कभी मुझ में समुंदर मेरा

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#shayari_challenge #urdupoetrylines #shayrioftheday #top_newser #Sadmusic  टूटी है मेरी नींद मगर तुमको इससे क्या
बजते रहें हवाओं से दर, तुमको इससे क्या

तुम मौज-मौज मिस्ल-ए-सबा घूमते फिरो
कट जाएँ मेरी सोच के पर, तुमको इससे क्या

औरों के हाथ थामो उन्हें रास्ता दिखाओ
मैं भूल जाऊँ अपना ही घर, तुमको इससे क्या

अब्र-ए-गुरेज़-पा को बरसने से क्या गरज़
सीपी में बन न पाए गुहर तुमको इससे क्या

तुमने तो थक के दश्त में ख़ेमे लगा दिए
तन्हा कटे किसी का सफ़र, तुमको इससे क्या

~  परवीन शाकिर

#Sadmusic टूटी है मेरी नींद मगर तुमको इससे क्या बजते रहें हवाओं से दर, तुमको इससे क्या तुम मौज-मौज मिस्ल-ए-सबा घूमते फिरो कट जाएँ मेरी सोच के पर, तुमको इससे क्या

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#shayari_challenge #urdupoetrylines #shayrioftheday #top_newser #shayri  तू नहीं तो ज़िंदगी में और क्या रह जाएगा
दूर तक तन्हाइयों का सिलसिला रह जाएगा

कीजिए क्या गुफ़्तुगू क्या उन से मिल कर सोचिए
दिल-शिकस्ता ख़्वाहिशों का ज़ाइक़ा रह जाएगा

दर्द की सारी तहें और सारे गुज़रे हादसे
सब धुआँ हो जाएँगे इक वाक़िआ रह जाएगा

ये भी होगा वो मुझे दिल से भुला देगा मगर
यूँ भी होगा ख़ुद उसी में इक ख़ला रह जाएगा

दाएरे इंकार के इक़रार की सरगोशियाँ
ये अगर टूटे कभी तो फ़ासला रह जाएगा

इफ़्तिख़ार इमाम सिद्दीक़ी

#Hope तू नहीं तो ज़िंदगी में और क्या रह जाएगा दूर तक तन्हाइयों का सिलसिला रह जाएगा कीजिए क्या गुफ़्तुगू क्या उन से मिल कर सोचिए दिल-शिकस्ता ख़्वाहिशों का ज़ाइक़ा रह जाएगा

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#love_shayari  वही ताज है वही तख़्त है वही ज़हर है वही जाम है
ये वही ख़ुदा की ज़मीन है ये वही बुतों का निज़ाम है

बड़े शौक़ से मिरा घर जला कोई आँच तुझ पे न आएगी
ये ज़बाँ किसी ने ख़रीद ली ये क़लम किसी का ग़ुलाम है

यहाँ एक बच्चे के ख़ून से जो लिखा हुआ है उसे पढ़ें
तिरा कीर्तन अभी पाप है अभी मेरा सज्दा हराम है

मैं ये मानता हूँ मिरे दिए तिरी आँधियों ने बुझा दिए
मगर एक जुगनू हवाओं में अभी रौशनी का इमाम है

मिरे फ़िक्र-ओ-फ़न तिरी अंजुमन न उरूज था न ज़वाल है
मिरे लब पे तेरा ही नाम था मिरे लब पे तेरा ही नाम है

बशीर बद्र

#love_shayari वही ताज है वही तख़्त है वही ज़हर है वही जाम है ये वही ख़ुदा की ज़मीन है ये वही बुतों का निज़ाम है बड़े शौक़ से मिरा घर जला कोई आँच तुझ पे न आएगी ये ज़बाँ किसी ने ख़रीद ली ये क़लम किसी का ग़ुलाम है

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#shayari_challenge #urdupoetrylines #shayrioftheday #top_newser #shayri  कभी साया है कभी धूप मुक़द्दर मेरा
होता रहता है यूँ ही क़र्ज़ बराबर मेरा

टूट जाते हैं कभी मेरे किनारे मुझ में
डूब जाता है कभी मुझ में समुंदर मेरा

किसी सहरा में बिछड़ जाएँगे सब यार मिरे
किसी जंगल में भटक जाए गा लश्कर मेरा

बा-वफ़ा था तो मुझे पूछने वाले भी न थे
बे-वफ़ा हूँ तो हुआ नाम भी घर घर मेरा

कितने हँसते हुए मौसम अभी आते लेकिन
एक ही धूप ने कुम्हला दिया मंज़र मेरा

आख़िरी ज़ुरअ-ए-पुर-कैफ़ हो शायद बाक़ी
अब जो छलका तो छलक जाए गा साग़र मेरा

~ अतहर नफ़ीस

#ateet कभी साया है कभी धूप मुक़द्दर मेरा होता रहता है यूँ ही क़र्ज़ बराबर मेरा टूट जाते हैं कभी मेरे किनारे मुझ में डूब जाता है कभी मुझ में समुंदर मेरा

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