tags

New आशिकी बन गए हो तुम Status, Photo, Video

Find the latest Status about आशिकी बन गए हो तुम from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about आशिकी बन गए हो तुम.

  • Latest
  • Popular
  • Video

तुमने खबर ही कहाँ ली मेरी मेरे साथ रहते हुए भी बस मान लिया कि ठीक ही होगी, तुमने पूछा ही कहाँ कुछ मुझसे बस मेरी खामोशी को समझ लिया की मेरी हाँ ही होगी, मैं जरूरी ही कहाँ थी उतनी जितना मैंने खुद को तुम्हारी जिंदगी में समझ लिया, मैंने तो बस सोच लिया की मैं तुम्हारे लिए कुछ खास होऊँगी पर मैं स्वीकार ही कहाँ पायी कुछ सच बस पाले रही वहम की खुशी ऐसी ही होती होगी, ये जो मानने और होने के बीच का फर्क होता है न उसे स्वीकारने में एक उम्र साथ गुजार देते है दो लोग और फिर पता ही नहीं चलता की कब एक दूसरे की आदत बन गए..! ©Matangi Upadhyay( चिंका )

#विचार #matangiupadhyay #thought  तुमने खबर ही कहाँ ली मेरी
 मेरे साथ रहते हुए भी बस मान लिया कि ठीक ही होगी, 
तुमने पूछा ही कहाँ कुछ मुझसे
 बस मेरी खामोशी को समझ लिया 
की मेरी हाँ ही होगी, 
मैं जरूरी ही कहाँ थी उतनी 
जितना मैंने खुद को तुम्हारी जिंदगी में समझ लिया, 
मैंने तो बस सोच लिया की 
मैं तुम्हारे लिए कुछ खास होऊँगी
 पर मैं स्वीकार ही कहाँ पायी 
कुछ सच बस पाले रही वहम
 की खुशी ऐसी ही होती होगी, 
ये जो मानने और होने के बीच का फर्क होता है
 न उसे स्वीकारने में एक उम्र साथ गुजार देते है
 दो लोग और फिर पता ही नहीं चलता
 की कब एक दूसरे की आदत बन गए..!

©Matangi Upadhyay( चिंका )

आदत बन गए हो तुम 🤔 #matangiupadhyay #thought #Life #Love

16 Love

White आशिकी में पड़ गये हम तो धीरे धीरे, झटके पे झटके लगे धीरे धीरे! ..... Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey

#beingoriginal #nojotohindi  White आशिकी में पड़ गये हम तो धीरे धीरे, 
झटके पे झटके लगे धीरे धीरे! 
..... Er. Himanshu Pandey

©Kavi Himanshu Pandey

आशिकी.. #beingoriginal #nojotohindi

13 Love

White 🫂"बस तुम हो" 🫂 जीवन के गीत में ; हार या जीत में ; बस तुम हो ! सूनेपन की भीत में ; प्रहार या प्रीत में ; बस तुम हो ! समर्पण के रीत में ; बेकार या कृत में ; बस तुम हो ! प्रिया सिन्हा 𝟑𝟎. नवंबर 𝟐𝟎𝟐𝟒. (शनिवार). ©PRIYA SINHA

#तुम #बस #हो  White 🫂"बस तुम हो" 🫂

जीवन के गीत में ;
हार या जीत में ;
बस तुम हो  ! 

सूनेपन की भीत में ;
प्रहार या प्रीत में ;
बस तुम हो  ! 

समर्पण के रीत में ;
बेकार या कृत में ;
बस तुम हो  ! 

प्रिया सिन्हा  
𝟑𝟎. नवंबर 𝟐𝟎𝟐𝟒. 
(शनिवार).

©PRIYA SINHA
#लव

तुम इंग्लिश पड़े हुए हो

99 View

पहाड़ों से निकली एक धारा खास, सपनों से भरी, एक नई तलाश। पत्थरों से टकराई, राह बनाई, हर दर्द को हँसी में समेट लाई।। हर ठोकर को उसने गले लगाया, रुकना उसकी किस्मत में नहीं था। दर्द से उसने अपना राग बनाया, सच में, वो कभी थमा नहीं था।। जब सागर से मिली, वो हर्षित हुई, उसकी लहरों में हर पीड़ा समा गई।। सागर ने उसे अपनी बाहों में समेटा, उसकी हर बूंद में जीवन का सन्देश देखा। नदी ने कहा, "मैं खुद को समर्पित करती हूँ, पर हर बूंद से तुझे अमर कर देती हूँ।। फ़ना होकर भी, वो अमर हो गई, सागर के आँचल में हर याद बस गई। ©नवनीत ठाकुर

#कविता  पहाड़ों से निकली एक धारा खास,
सपनों से भरी, एक नई तलाश।
पत्थरों से टकराई, राह बनाई,
हर दर्द को हँसी में समेट लाई।।
हर ठोकर को उसने गले लगाया,
रुकना उसकी किस्मत में नहीं था।
दर्द से उसने अपना राग बनाया,
सच में, वो कभी थमा नहीं था।।
जब सागर से मिली, वो हर्षित हुई,
उसकी लहरों में हर पीड़ा समा गई।।
सागर ने उसे अपनी बाहों में समेटा,
उसकी हर बूंद में जीवन का सन्देश देखा।
नदी ने कहा, "मैं खुद को समर्पित करती हूँ,
पर हर बूंद से तुझे अमर कर देती हूँ।।
फ़ना होकर भी, वो अमर हो गई,
सागर के आँचल में हर याद बस गई।

©नवनीत ठाकुर

फना हो कर भी अमर हो गए

14 Love

White बात न करना तो बहाना है, सबसे क्यों छिपते फिरते हो। आज कर दो ऐलान, के सच में तुम उससे डरते हो।। ख़ामोशी में छुपी इक चीख़, हर सांस में दबी है कहीं, अब और क्यों खुद को छलते हो। मान लो, तुम वाक़ई डरते हो।। क्यों न गिरा देते झूठ का पर्दा, बनाए हुए है जो दिल पर बोझ, डर के आगे भी एक जहां है, जहां सच बोलना आसां है। एक कदम बढ़ाओ, खुद को आइने में कभी तो देखो, सच के साए में चलना सिखो। ©नवनीत ठाकुर

#विचार #तुम  White बात न करना तो बहाना है,
सबसे क्यों छिपते फिरते हो।
आज कर दो ऐलान,
के सच में तुम उससे डरते हो।।

ख़ामोशी में छुपी  इक चीख़,
 हर सांस में दबी है कहीं,
अब और क्यों खुद को छलते हो।
मान लो, तुम वाक़ई डरते हो।।

क्यों न गिरा देते झूठ का पर्दा,
बनाए हुए है जो दिल पर बोझ,
डर के आगे भी एक जहां है,
जहां सच बोलना आसां है।

एक कदम बढ़ाओ, 
खुद को आइने में कभी तो देखो,
सच के साए में चलना सिखो।

©नवनीत ठाकुर

#तुम उससे डरते हो

11 Love

तुमने खबर ही कहाँ ली मेरी मेरे साथ रहते हुए भी बस मान लिया कि ठीक ही होगी, तुमने पूछा ही कहाँ कुछ मुझसे बस मेरी खामोशी को समझ लिया की मेरी हाँ ही होगी, मैं जरूरी ही कहाँ थी उतनी जितना मैंने खुद को तुम्हारी जिंदगी में समझ लिया, मैंने तो बस सोच लिया की मैं तुम्हारे लिए कुछ खास होऊँगी पर मैं स्वीकार ही कहाँ पायी कुछ सच बस पाले रही वहम की खुशी ऐसी ही होती होगी, ये जो मानने और होने के बीच का फर्क होता है न उसे स्वीकारने में एक उम्र साथ गुजार देते है दो लोग और फिर पता ही नहीं चलता की कब एक दूसरे की आदत बन गए..! ©Matangi Upadhyay( चिंका )

#विचार #matangiupadhyay #thought  तुमने खबर ही कहाँ ली मेरी
 मेरे साथ रहते हुए भी बस मान लिया कि ठीक ही होगी, 
तुमने पूछा ही कहाँ कुछ मुझसे
 बस मेरी खामोशी को समझ लिया 
की मेरी हाँ ही होगी, 
मैं जरूरी ही कहाँ थी उतनी 
जितना मैंने खुद को तुम्हारी जिंदगी में समझ लिया, 
मैंने तो बस सोच लिया की 
मैं तुम्हारे लिए कुछ खास होऊँगी
 पर मैं स्वीकार ही कहाँ पायी 
कुछ सच बस पाले रही वहम
 की खुशी ऐसी ही होती होगी, 
ये जो मानने और होने के बीच का फर्क होता है
 न उसे स्वीकारने में एक उम्र साथ गुजार देते है
 दो लोग और फिर पता ही नहीं चलता
 की कब एक दूसरे की आदत बन गए..!

©Matangi Upadhyay( चिंका )

आदत बन गए हो तुम 🤔 #matangiupadhyay #thought #Life #Love

16 Love

White आशिकी में पड़ गये हम तो धीरे धीरे, झटके पे झटके लगे धीरे धीरे! ..... Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey

#beingoriginal #nojotohindi  White आशिकी में पड़ गये हम तो धीरे धीरे, 
झटके पे झटके लगे धीरे धीरे! 
..... Er. Himanshu Pandey

©Kavi Himanshu Pandey

आशिकी.. #beingoriginal #nojotohindi

13 Love

White 🫂"बस तुम हो" 🫂 जीवन के गीत में ; हार या जीत में ; बस तुम हो ! सूनेपन की भीत में ; प्रहार या प्रीत में ; बस तुम हो ! समर्पण के रीत में ; बेकार या कृत में ; बस तुम हो ! प्रिया सिन्हा 𝟑𝟎. नवंबर 𝟐𝟎𝟐𝟒. (शनिवार). ©PRIYA SINHA

#तुम #बस #हो  White 🫂"बस तुम हो" 🫂

जीवन के गीत में ;
हार या जीत में ;
बस तुम हो  ! 

सूनेपन की भीत में ;
प्रहार या प्रीत में ;
बस तुम हो  ! 

समर्पण के रीत में ;
बेकार या कृत में ;
बस तुम हो  ! 

प्रिया सिन्हा  
𝟑𝟎. नवंबर 𝟐𝟎𝟐𝟒. 
(शनिवार).

©PRIYA SINHA
#लव

तुम इंग्लिश पड़े हुए हो

99 View

पहाड़ों से निकली एक धारा खास, सपनों से भरी, एक नई तलाश। पत्थरों से टकराई, राह बनाई, हर दर्द को हँसी में समेट लाई।। हर ठोकर को उसने गले लगाया, रुकना उसकी किस्मत में नहीं था। दर्द से उसने अपना राग बनाया, सच में, वो कभी थमा नहीं था।। जब सागर से मिली, वो हर्षित हुई, उसकी लहरों में हर पीड़ा समा गई।। सागर ने उसे अपनी बाहों में समेटा, उसकी हर बूंद में जीवन का सन्देश देखा। नदी ने कहा, "मैं खुद को समर्पित करती हूँ, पर हर बूंद से तुझे अमर कर देती हूँ।। फ़ना होकर भी, वो अमर हो गई, सागर के आँचल में हर याद बस गई। ©नवनीत ठाकुर

#कविता  पहाड़ों से निकली एक धारा खास,
सपनों से भरी, एक नई तलाश।
पत्थरों से टकराई, राह बनाई,
हर दर्द को हँसी में समेट लाई।।
हर ठोकर को उसने गले लगाया,
रुकना उसकी किस्मत में नहीं था।
दर्द से उसने अपना राग बनाया,
सच में, वो कभी थमा नहीं था।।
जब सागर से मिली, वो हर्षित हुई,
उसकी लहरों में हर पीड़ा समा गई।।
सागर ने उसे अपनी बाहों में समेटा,
उसकी हर बूंद में जीवन का सन्देश देखा।
नदी ने कहा, "मैं खुद को समर्पित करती हूँ,
पर हर बूंद से तुझे अमर कर देती हूँ।।
फ़ना होकर भी, वो अमर हो गई,
सागर के आँचल में हर याद बस गई।

©नवनीत ठाकुर

फना हो कर भी अमर हो गए

14 Love

White बात न करना तो बहाना है, सबसे क्यों छिपते फिरते हो। आज कर दो ऐलान, के सच में तुम उससे डरते हो।। ख़ामोशी में छुपी इक चीख़, हर सांस में दबी है कहीं, अब और क्यों खुद को छलते हो। मान लो, तुम वाक़ई डरते हो।। क्यों न गिरा देते झूठ का पर्दा, बनाए हुए है जो दिल पर बोझ, डर के आगे भी एक जहां है, जहां सच बोलना आसां है। एक कदम बढ़ाओ, खुद को आइने में कभी तो देखो, सच के साए में चलना सिखो। ©नवनीत ठाकुर

#विचार #तुम  White बात न करना तो बहाना है,
सबसे क्यों छिपते फिरते हो।
आज कर दो ऐलान,
के सच में तुम उससे डरते हो।।

ख़ामोशी में छुपी  इक चीख़,
 हर सांस में दबी है कहीं,
अब और क्यों खुद को छलते हो।
मान लो, तुम वाक़ई डरते हो।।

क्यों न गिरा देते झूठ का पर्दा,
बनाए हुए है जो दिल पर बोझ,
डर के आगे भी एक जहां है,
जहां सच बोलना आसां है।

एक कदम बढ़ाओ, 
खुद को आइने में कभी तो देखो,
सच के साए में चलना सिखो।

©नवनीत ठाकुर

#तुम उससे डरते हो

11 Love

Trending Topic