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White ये जो आसान से दीखते है हज़ारो रास्ते इश्क़ और मोहब्बत के है कठिन रास्ते... Urmee ki Diary ©Urmeela Raikwar (parihar)

#sad_quotes  White ये जो आसान से दीखते है हज़ारो रास्ते 
इश्क़ और मोहब्बत के है कठिन रास्ते...

Urmee ki Diary

©Urmeela Raikwar (parihar)

#sad_quotes रास्ते

18 Love

White अपने रास्ते हमे खुद धुंड ने चाहिये, जब तक मंजिल ना मिले, कितनी भी रुकावटे आये.एकन एक दिन मंजिल हमे खुद मिल जायेगी, बस खुद पे और अपने ईश्वर पे भरोसा होना चाहिये. ©Kalpana Korgaonkar

#Motivational  White अपने रास्ते हमे खुद धुंड ने चाहिये, जब तक मंजिल ना मिले, कितनी भी रुकावटे आये.एकन एक दिन मंजिल हमे खुद मिल जायेगी, बस खुद पे और अपने ईश्वर पे भरोसा होना चाहिये.

©Kalpana Korgaonkar

मंजिल और रास्ते.

16 Love

White जिसे पाने के लिए मै उम्र भर तरसता रहा वो मुझे आज मिला भी तो एक कब्र के सुनसान मोड़ पर ©Parasram Arora

 White जिसे पाने के लिए 
मै उम्र भर तरसता रहा 

वो मुझे आज मिला भी तो 
एक  कब्र के 
सुनसान मोड़ पर

©Parasram Arora

सुनसान मोड़

18 Love

ढयरबडथरभहयबबडण मयढमर डमतय मय ©Dev Rishi

#कविता  ढयरबडथरभहयबबडण
मयढमर


डमतय

मय

©Dev Rishi

सस्ते रास्ते..!!

13 Love

#शायरी #vksrivastav #दिल #Trending #viral  White मैं कई बार उसी रास्ते से गुज़रा हूं

जहां से लोग आते जाते हैं

मगर अफसोस इसी बात का है

कहां है जाना यही जान नही पाते हैं

©Vk srivastav

मैं कई बार उसी रास्ते से गुज़रा हूं #शायरी #Trending #viral #SAD #दिल #vksrivastav

81 View

White अनजान शहर के गलियारों में,दाएं बाएं मुड़ती गलियां,जाने क्यों ?जानी पहचानी लगती हैं। सुनसान,शांत,शीतल तुषार में भीगे राहों में बिखरे काटें,जाने क्यों ?ना चुभते हैं। हृदय वेदना से स्पंदित उष्ण वायु से जनित ताप कोरी कल्पित रह गई ख्वाब को जाने क्यों? आज आह में भरते हैं। ठहर गया श्वासो का चलना,आंख अश्रु से भीग़ गया,फिर भी ना जाने क्यों? लोग हमें आवारा यूं कहते हैं। ©डॉ.अजय कुमार मिश्र

#कविता  White अनजान शहर के गलियारों में,दाएं बाएं मुड़ती गलियां,जाने क्यों ?जानी पहचानी लगती हैं।

सुनसान,शांत,शीतल तुषार में भीगे राहों में बिखरे काटें,जाने क्यों ?ना चुभते हैं।

हृदय वेदना से स्पंदित उष्ण वायु से जनित ताप कोरी कल्पित रह गई ख्वाब को जाने क्यों? आज आह में भरते हैं।

ठहर गया श्वासो का चलना,आंख अश्रु से भीग़  गया,फिर भी ना जाने क्यों? लोग हमें आवारा यूं कहते हैं।

©डॉ.अजय कुमार मिश्र

सुनसान

15 Love

White ये जो आसान से दीखते है हज़ारो रास्ते इश्क़ और मोहब्बत के है कठिन रास्ते... Urmee ki Diary ©Urmeela Raikwar (parihar)

#sad_quotes  White ये जो आसान से दीखते है हज़ारो रास्ते 
इश्क़ और मोहब्बत के है कठिन रास्ते...

Urmee ki Diary

©Urmeela Raikwar (parihar)

#sad_quotes रास्ते

18 Love

White अपने रास्ते हमे खुद धुंड ने चाहिये, जब तक मंजिल ना मिले, कितनी भी रुकावटे आये.एकन एक दिन मंजिल हमे खुद मिल जायेगी, बस खुद पे और अपने ईश्वर पे भरोसा होना चाहिये. ©Kalpana Korgaonkar

#Motivational  White अपने रास्ते हमे खुद धुंड ने चाहिये, जब तक मंजिल ना मिले, कितनी भी रुकावटे आये.एकन एक दिन मंजिल हमे खुद मिल जायेगी, बस खुद पे और अपने ईश्वर पे भरोसा होना चाहिये.

©Kalpana Korgaonkar

मंजिल और रास्ते.

16 Love

White जिसे पाने के लिए मै उम्र भर तरसता रहा वो मुझे आज मिला भी तो एक कब्र के सुनसान मोड़ पर ©Parasram Arora

 White जिसे पाने के लिए 
मै उम्र भर तरसता रहा 

वो मुझे आज मिला भी तो 
एक  कब्र के 
सुनसान मोड़ पर

©Parasram Arora

सुनसान मोड़

18 Love

ढयरबडथरभहयबबडण मयढमर डमतय मय ©Dev Rishi

#कविता  ढयरबडथरभहयबबडण
मयढमर


डमतय

मय

©Dev Rishi

सस्ते रास्ते..!!

13 Love

#शायरी #vksrivastav #दिल #Trending #viral  White मैं कई बार उसी रास्ते से गुज़रा हूं

जहां से लोग आते जाते हैं

मगर अफसोस इसी बात का है

कहां है जाना यही जान नही पाते हैं

©Vk srivastav

मैं कई बार उसी रास्ते से गुज़रा हूं #शायरी #Trending #viral #SAD #दिल #vksrivastav

81 View

White अनजान शहर के गलियारों में,दाएं बाएं मुड़ती गलियां,जाने क्यों ?जानी पहचानी लगती हैं। सुनसान,शांत,शीतल तुषार में भीगे राहों में बिखरे काटें,जाने क्यों ?ना चुभते हैं। हृदय वेदना से स्पंदित उष्ण वायु से जनित ताप कोरी कल्पित रह गई ख्वाब को जाने क्यों? आज आह में भरते हैं। ठहर गया श्वासो का चलना,आंख अश्रु से भीग़ गया,फिर भी ना जाने क्यों? लोग हमें आवारा यूं कहते हैं। ©डॉ.अजय कुमार मिश्र

#कविता  White अनजान शहर के गलियारों में,दाएं बाएं मुड़ती गलियां,जाने क्यों ?जानी पहचानी लगती हैं।

सुनसान,शांत,शीतल तुषार में भीगे राहों में बिखरे काटें,जाने क्यों ?ना चुभते हैं।

हृदय वेदना से स्पंदित उष्ण वायु से जनित ताप कोरी कल्पित रह गई ख्वाब को जाने क्यों? आज आह में भरते हैं।

ठहर गया श्वासो का चलना,आंख अश्रु से भीग़  गया,फिर भी ना जाने क्यों? लोग हमें आवारा यूं कहते हैं।

©डॉ.अजय कुमार मिश्र

सुनसान

15 Love

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