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#krishna_flute #Mahabharat

White ।।शहीद् का आखिरी खत ।। खत लिख रहा हु मां तुझे, लिख रहा अपना हाल हुं तुम चिंता ना करना मां , मै अपनी भारत माँ के पास हुं बड़े प्यार से रखती मुझको,अपनी ममता का आँचल फैला देती नींद मुझे जब आती हे ,अपनी बाहों मे मुझे सुला लेती तेरी जैसी ही तोह मूरत हे ,मै रोज ख्याब मे मिलता हुं मै उसका भी लाल हु मां , तभी बार्डर पर रहता हुं तूने जन्म देकर मुझे ,सौपा भारत मां के हाथों मे उसकी रक्षा करना ,मुझे बताया तूने हर बात मे लिख रहा हुं खत मे जो हकीकत मेरी हे पड़ के रोना नही मां ,तुझे सौंगध मेरी हे मै आऊ जब लिपट कर तिरंगे मे देख मुझे ना हार तु जाएगी वादा कर मां अपने लाल को अश्रु ना चढ़ायेगी मुस्करा कर भारत माँ की गोद मे मुझे सुलाएगी लूंगा फिर जन्म हर जन्म तेरा लाल बन कर हर जन्म मां मुझे तु सैनीक ही बनाएगी हर जन्म मां मुझे तु सैनीक ही बनाएगी।। ।।भावना शर्मा ।। ©Bh@Wn@ Sh@Rm@

#शहिद् #Motivational  White ।।शहीद् का आखिरी खत ।। 

खत लिख रहा हु मां तुझे, लिख रहा अपना हाल हुं
तुम चिंता ना करना मां , मै अपनी भारत माँ के पास हुं

बड़े प्यार से रखती मुझको,अपनी ममता का आँचल फैला देती 
नींद मुझे जब आती हे ,अपनी बाहों मे मुझे सुला लेती

तेरी जैसी ही तोह मूरत हे ,मै रोज ख्याब मे मिलता हुं 
मै उसका भी लाल हु मां , तभी बार्डर पर रहता हुं

तूने जन्म देकर मुझे ,सौपा भारत मां के हाथों मे
उसकी रक्षा करना ,मुझे बताया तूने हर बात मे

लिख रहा हुं खत मे जो हकीकत मेरी हे
पड़ के रोना नही मां ,तुझे सौंगध मेरी हे

मै आऊ जब लिपट कर तिरंगे मे
देख मुझे ना हार तु जाएगी

वादा कर मां अपने लाल को अश्रु ना चढ़ायेगी
मुस्करा कर भारत माँ की गोद मे मुझे सुलाएगी

लूंगा फिर जन्म हर जन्म तेरा लाल बन कर 
हर जन्म मां मुझे तु सैनीक ही बनाएगी

हर जन्म मां मुझे तु सैनीक ही बनाएगी।।

।।भावना शर्मा ।।

©Bh@Wn@ Sh@Rm@

#शहिद् का आखिरी खत

16 Love

कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था, दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था। धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन, सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन। व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया, भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया। मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ, किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ? पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना, पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना? जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए, आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए। "हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई, जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई। क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा, जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?" अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल, धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल। कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से, "जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है। हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो, धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो। यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है, तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है। ©Avinash Jha

#aeastheticthoughtes #संशय #Mahabharat #Krishna  कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था,
दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था।
धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन,
सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन।

व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया,
भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया।
मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ,
किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ?

पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना,
पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना?
जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए,
आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए।

"हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई,
जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई।
क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा,
जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?"

अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल,
धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल।
कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से,
"जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है।

हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो,
धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो।
यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है,
तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है।

©Avinash Jha

White हम कहीं भी नए स्थान पर जाते हैं नए लोगों से मिलते हैं तो हमारे मन में अजीब तरह की आशंकाएँ उठती रहती है कि वो जगह, वो लोग कैसे होंगे, हमें कैसा लगेगा, हमारे साथ कैसा व्यवहार किया जाएगा...?चाहे हम परिपक्व उम्र के ही क्यों न हो? ऐसे में जब छोटे- छोटे बच्चे नए-नए स्कूल में प्रवेश लेते हैं तब वे भी, उनके अभिभावक भी थोड़े डरे सहमे होते हैं नए वातावरण,पुराने बच्चों के प्रति, कि कैसा व्यवहार होगा उनका ?बच्चा सहज हो पाएगा..बैठ पाएगा...! ऐसे में उज्जवल भविष्य के सपने मन में संजोए, नए- नए किशोर,युवा,नए शहर,नए कॉलेज में प्रवेश लेते हैं तब उनकी, उनके अभिभावकों की मनःस्थिति कैसी होती होगी...कल्पना कर सकते है,क्योंकि ऐसी स्थिति से सभी दो-चार होते ही हैं!! ©Anjali Jain

#विचार #love_shayari  White हम कहीं भी नए स्थान पर जाते हैं नए लोगों से मिलते हैं तो हमारे मन में अजीब तरह की आशंकाएँ उठती रहती है कि वो जगह, वो लोग कैसे होंगे, हमें कैसा लगेगा, हमारे साथ कैसा व्यवहार किया जाएगा...?चाहे हम परिपक्व उम्र के ही क्यों न हो?
ऐसे में जब छोटे- छोटे बच्चे नए-नए स्कूल में प्रवेश लेते हैं तब वे भी, उनके अभिभावक भी थोड़े डरे सहमे होते हैं नए वातावरण,पुराने बच्चों के प्रति, कि कैसा व्यवहार होगा उनका ?बच्चा सहज हो पाएगा..बैठ पाएगा...!
ऐसे में उज्जवल भविष्य के सपने मन में संजोए, नए- नए किशोर,युवा,नए शहर,नए कॉलेज में प्रवेश लेते हैं तब उनकी, उनके अभिभावकों की मनःस्थिति कैसी होती होगी...कल्पना कर सकते है,क्योंकि ऐसी स्थिति से सभी दो-चार होते ही हैं!!

©Anjali Jain

#love_shayari रैगिंग क्या...??भाग 1

14 Love

#HeartfeltMessage #शायरी

एक आखिरी अंजाम #HeartfeltMessage

153 View

White एक दुल्हन बनी लड़की मुंबई कि सूनसान सड़कों पर अपना लेहंगा संभालते हुए भाग रही थी उसके चेहरे पर डर से पसीने कि बूँदे चमक रहीं थी। वो लड़की बिना रुके लगातार भागे जा रही थी कि तभी कुछ बड़ी बड़ी और एक्स्पेन्सिव सात आठ गाड़ीयां आकर उस लड़की के चारों तरफ गोल गोल घूमने लगी। वो लड़की उन गाड़ीयों को देख अपना थूक निगल लेती है और डर से उन सब गाड़ीयों को देखने लगती है तभी सारी गाड़ीयां एक दम से रुक जाती हैं और उनमे से बहुत सारे आदमी जो ब्लैक सूट पहने थे वो बाहर आते हैं। उन गाड़ीयों मे से जो सबसे बड़ी और ज्यादा एक्स्पेन्सिव गाड़ी थी उसमें से शेरवानी पहने एक हैंडसम सा आदमी निकला जो देखने से हि किसी रोयल खानदान का लग रहा था जिसकी बिल्ली जैसी भूरी आँखे थी गोरा रंग हल्की हल्की दाढ़ी और सुर्ख लाल होंठ उस आदमी कि पर्सनालिटी बहुत अट्रेक्टिव थी। वो आदमी सीधा उस लड़की के पास आया जो अभी डर से अपना पसीना पोछ रही थी और नफ़रत से उस आदमी को घूर रही थी इतने मे उस आदमी ने दुल्हन बनी लड़की का हाथ पकड़ उसे ले जा कर अपनी गाड़ी में धकेल दिया वो लड़की अपना हाथ छुराते रह गई चीखती चिल्लाती रह गई लेकिन किसी पर कोई असर नहीं हुआ। कुछ देर मे सारी गाड़ीयां एक बड़े मेंसन के सामने आकर रुकीं तो वॉचमेन ने बड़ा सा गेट खोल दिया और सारी गाड़ीयां अंदर आ गई उनके अंदर आते हि वॉचमेन ने गेट बंद कर दिया और वापस अपनी पोजीशन में खड़ा हो गया। वो आदमी अपनी एक्स्पेन्सिव कार से बाहर निकला और उस दुल्हन बनी लड़की को अंदर ले जाने लगा वो भी लगभग खींचते हुए वो लड़की अपना हाथ छुराने कि कोशिश कर रही थी और लगातार उस आदमी पर चिल्ला रही थी लेकिन वो आदमी अपने चेहरे पर सख्त भाव लिए उसे अंदर लेके जा रहा था उसकी पकड़ लड़की के हाथ पर कसी हुई थी जिस वजह से उस लड़की के गोरे हाथ पर लाल निशान पड़ गए थे और उस लड़की को बहुत दर्द भी हो रहा था जिसे वो जाहिर नहीं होने दे रही थी और लगातार उस आदमी पर चिल्ला रही थी कि वो उसे छोड़ दे लेकिन वो आदमी छोरे तब ना। दोनों अंदर मेंसन मे आ गए जहाँ पहले से हि मंडप सजा हुआ था जहाँ पंडित जी अपना सर झुकाय खड़े थे वो आदमी खींचते हुए दुल्हन बनी लड़की को मंडप पर लाया और पंडित जी से बोला ''पंडित जी मंत्र पढना शुरू करो'' उस आदमी कि बात पर वो लड़की जिसकी आँखे इस वक़्त गुस्से और आंसुओ से लाल हो रही थी गुस्से से बोली ''मैं ये शादी नहीं करूंगी....सुना तुमने नहीं करुँगी.......तुम मुझे जबरदस्ती यहाँ तक ला सकते हो लेकिन जबरदस्ती शादी नहीं कर सकते'' उस लड़की कि बात पर वो आदमी शैतानी हंसी हस्ते बोला ''ओह रियली.....क्या तुम्हें अपनी बेस्ट फ्रेंड से प्यार नहीं'' तो वो लड़की हैरानी से बोली ''क्या.....मतलब क्या है तुम्हारा.....कहना क्या चाहते हो तुम......देखो तुमने अगर मेरी दोस्त को कुछ भी किया तो तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा.....समझे तुम(गुस्से से)'' तभी उस आदमी ने अपना मोबाइल निकाल उस लड़की के सामने कर दिया और बोला ''अगर ये शादी नहीं हुई तो  मैं जो भी करूँगा उसकी ज़िम्मेदार तुम खुद होगी'' वो विडीओ देख उस लड़की के रुके हुए आंसू भी बहने लगे उसकी हिम्मत अब टूट सी गई थी वो अपने साथ सब बर्दास्त कर सकती थी लेकिन अपनी बेस्ट फ्रेंड को ऐसे देख उसकी हिम्मत टूट गई। वो लड़की रोते हुए हाथ जोर बोली ''प्लीज़ मेरी दोस्त को छोड़ दो....मैं..मैं जो तुम कहोगे वो करूंगी.....मैं शादी करूंगी तुमसे बट प्लीज़ मेरी दोस्त को छोड़ दो'' उसकी बात सुन उस आदमी के चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई उसने ''गुड'' कह लड़की को बैठने का इशारा किया तो वो लड़की चुप चाप अपनी जगह बैठ गई। वो आदमी भी लड़की के बगल में बैठ गया और डेविल स्माइल के साथ बोला ''पंडित जी शादी कराओ'' वो पंडित डर से कांपती आवाज़ मे मंत्र पढ़ने लगा कुछ देर बाद पंडित जी बोले ''अब आप दोनों फेरों के लिए खड़े हो जाइये'' उनकी बात पर वो आदमी तो खड़ा हो गया लेकिन वो लड़की जमी सी वहीं बैठी रही जिसे देख वो आदमी सख्त आवाज़ में बोला ''सुना नहीं क्या कहा पंडित जी ने......उठो'' उसके केहने पर भी दुल्हन नहीं उठी तो उसने उसे अपनी गोद में उठा लिया और ऐसे हि फेरे लेना शुरू कर दिया। फेरों के बाद दोनों वापस अपनी जगह बैठ गए वो लड़की किसी मुहर्त कि तरफ बैठी थी जिसके चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं थे लेकिन आँखों मे मजबूरी और दर्द साफ दिखाई दे रहा था। तभी पंडित जी सिन्दूर कि डिब्बी दूल्हे को देते हुए बोले ''अब आप वधू कि माँग में सिन्दूर भरिये'' उस आदमी ने सिन्दूर कि डिब्बी ली और लड़की कि मांग में पूरा सिन्दूर उड़ेल दिया और वो लड़की बस आँखे मूँद के रह गई। आदमी के मंगलसूत्र पहनाने के बाद पंडित जी बोले ''शादी सम्पन्न हुई '' और वो आदमी डेविल स्माइल के साथ मन हि मन बोला ''इसी के साथ तुम्हारी बर्बादी भी शुरू हुई स्वीट हार्ट'' वो आदमी उठा और उस लड़की का हाथ पकड़ उसे खींचते हुए अपने रूम मे लाकर बंद कर दिया और खुद अपने स्टडी रूम मे आ गया। वो आदमी किसी राजा कि तरह अपने किंग साइज सोफे पर बड़े हि स्टाइल में पैर पर पैर रख बैठ गया। उसके सामने उसका असिस्टेंट अपना सर झुकाय् खड़ा था ''जो काम बोला था हो गया'' उस आदमी कि सख्त आवाज़ पर असिस्टेंट ने सर उठाया और कांपती आवाज़ में बोला ''यस सर'' ''ओके गुड.....नाउ गेट आउट''उस आदमी ने फिर सख्त लेह्जे मे बोला तो वो असिस्टेंट वहाँ से भाग गया। उसके जाते हि उस आदमी के चेहरे पर डेविल स्माइल तैर गई। आखिर कौन है ये आदमी?और कौन है वो लड़की जिसेसे इसने जबरदस्ती शादी कि है? ©Afifa

#लव  White 






























एक दुल्हन बनी लड़की मुंबई कि सूनसान सड़कों पर अपना लेहंगा संभालते हुए भाग रही थी उसके चेहरे पर डर से पसीने कि बूँदे चमक रहीं थी।


वो लड़की बिना रुके लगातार भागे जा रही थी कि तभी कुछ बड़ी बड़ी और एक्स्पेन्सिव सात आठ गाड़ीयां आकर उस लड़की के चारों तरफ गोल गोल घूमने लगी।


वो लड़की उन गाड़ीयों को देख अपना थूक निगल लेती है और डर से उन सब गाड़ीयों को देखने लगती है तभी सारी गाड़ीयां एक दम से रुक जाती हैं और उनमे से बहुत सारे आदमी जो ब्लैक सूट पहने थे वो बाहर आते हैं।


उन गाड़ीयों मे से जो सबसे बड़ी और ज्यादा एक्स्पेन्सिव गाड़ी थी उसमें से शेरवानी पहने एक हैंडसम सा आदमी निकला जो देखने से हि किसी रोयल खानदान का लग रहा था जिसकी बिल्ली जैसी भूरी आँखे थी गोरा रंग हल्की हल्की दाढ़ी और सुर्ख लाल होंठ उस आदमी कि पर्सनालिटी बहुत अट्रेक्टिव थी।


वो आदमी सीधा उस लड़की के पास आया जो अभी डर से अपना पसीना पोछ रही थी और नफ़रत से उस आदमी को घूर रही थी इतने मे उस आदमी ने दुल्हन बनी लड़की का हाथ पकड़ उसे ले जा कर अपनी गाड़ी में धकेल दिया वो लड़की अपना हाथ छुराते रह गई चीखती चिल्लाती रह गई लेकिन किसी पर कोई असर नहीं हुआ।


कुछ देर मे सारी गाड़ीयां एक बड़े मेंसन के सामने आकर रुकीं तो वॉचमेन ने बड़ा सा गेट खोल दिया और सारी गाड़ीयां अंदर आ गई उनके अंदर आते हि वॉचमेन ने गेट बंद कर दिया और वापस अपनी पोजीशन में खड़ा हो गया।


वो आदमी अपनी एक्स्पेन्सिव कार से बाहर निकला और उस दुल्हन बनी लड़की को अंदर ले जाने लगा वो भी लगभग खींचते हुए वो लड़की अपना हाथ छुराने कि कोशिश कर रही थी और लगातार उस आदमी पर चिल्ला रही थी लेकिन वो आदमी अपने चेहरे पर सख्त भाव लिए उसे अंदर लेके जा रहा था उसकी पकड़ लड़की के हाथ पर कसी हुई थी जिस वजह से उस लड़की के गोरे हाथ पर लाल निशान पड़ गए थे और उस लड़की को बहुत दर्द भी हो रहा था जिसे वो जाहिर नहीं होने दे रही थी और लगातार उस आदमी पर चिल्ला रही थी कि वो उसे छोड़ दे लेकिन वो आदमी छोरे तब ना।


दोनों अंदर मेंसन मे आ गए जहाँ पहले से हि मंडप सजा हुआ था जहाँ पंडित जी अपना सर झुकाय खड़े थे वो आदमी खींचते हुए दुल्हन बनी लड़की को मंडप पर लाया और पंडित जी से बोला ''पंडित जी मंत्र पढना शुरू करो''


उस आदमी कि बात पर वो लड़की जिसकी आँखे इस वक़्त गुस्से और आंसुओ से लाल हो रही थी गुस्से से बोली ''मैं ये शादी नहीं करूंगी....सुना तुमने नहीं करुँगी.......तुम मुझे जबरदस्ती यहाँ तक ला सकते हो लेकिन जबरदस्ती शादी नहीं कर सकते''


उस लड़की कि बात पर वो आदमी शैतानी हंसी हस्ते बोला ''ओह रियली.....क्या तुम्हें अपनी बेस्ट फ्रेंड से प्यार नहीं'' तो वो लड़की हैरानी से बोली ''क्या.....मतलब क्या है तुम्हारा.....कहना क्या चाहते हो तुम......देखो तुमने अगर मेरी दोस्त को कुछ भी किया तो तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा.....समझे तुम(गुस्से से)''


तभी उस आदमी ने अपना मोबाइल निकाल उस लड़की के सामने कर दिया और बोला ''अगर ये शादी नहीं हुई तो  मैं जो भी करूँगा उसकी ज़िम्मेदार तुम खुद होगी''


वो विडीओ देख उस लड़की के रुके हुए आंसू भी बहने लगे उसकी हिम्मत अब टूट सी गई थी वो अपने साथ सब बर्दास्त कर सकती थी लेकिन अपनी बेस्ट फ्रेंड को ऐसे देख उसकी हिम्मत टूट गई।


वो लड़की रोते हुए हाथ जोर बोली ''प्लीज़ मेरी दोस्त को छोड़ दो....मैं..मैं जो तुम कहोगे वो करूंगी.....मैं शादी करूंगी तुमसे बट प्लीज़ मेरी दोस्त को छोड़ दो''


उसकी बात सुन उस आदमी के चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई उसने ''गुड'' कह लड़की को बैठने का इशारा किया तो वो लड़की चुप चाप अपनी जगह बैठ गई।


वो आदमी भी लड़की के बगल में बैठ गया और डेविल स्माइल के साथ बोला ''पंडित जी शादी कराओ''


वो पंडित डर से कांपती आवाज़ मे मंत्र पढ़ने लगा कुछ देर बाद पंडित जी बोले ''अब आप दोनों फेरों के लिए खड़े हो जाइये''


उनकी बात पर वो आदमी तो खड़ा हो गया लेकिन वो लड़की जमी सी वहीं बैठी रही जिसे देख वो आदमी सख्त आवाज़ में बोला ''सुना नहीं क्या कहा पंडित जी ने......उठो''


उसके केहने पर भी दुल्हन नहीं उठी तो उसने उसे अपनी गोद में उठा लिया और ऐसे हि फेरे लेना शुरू कर दिया।


फेरों के बाद दोनों वापस अपनी जगह बैठ गए वो लड़की किसी मुहर्त कि तरफ बैठी थी जिसके चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं थे लेकिन आँखों मे मजबूरी और दर्द साफ दिखाई दे रहा था।


तभी पंडित जी सिन्दूर कि डिब्बी दूल्हे को देते हुए बोले ''अब आप वधू कि माँग में सिन्दूर भरिये''


उस आदमी ने सिन्दूर कि डिब्बी ली और लड़की कि मांग में पूरा सिन्दूर उड़ेल दिया और वो लड़की बस आँखे मूँद के रह गई।


आदमी के मंगलसूत्र पहनाने के बाद पंडित जी बोले ''शादी सम्पन्न हुई '' और वो आदमी डेविल स्माइल के साथ मन हि मन बोला ''इसी के साथ तुम्हारी बर्बादी भी शुरू हुई स्वीट हार्ट''


वो आदमी उठा और उस लड़की का हाथ पकड़ उसे खींचते हुए अपने रूम मे लाकर बंद कर दिया और खुद अपने स्टडी रूम मे आ गया।


वो आदमी किसी राजा कि तरह अपने किंग साइज सोफे पर बड़े हि स्टाइल में पैर पर पैर रख बैठ गया।


उसके सामने उसका असिस्टेंट अपना सर झुकाय् खड़ा था ''जो काम बोला था हो गया'' उस आदमी कि सख्त आवाज़ पर असिस्टेंट ने सर उठाया और कांपती आवाज़ में बोला ''यस सर''


''ओके गुड.....नाउ गेट आउट''उस आदमी ने फिर सख्त लेह्जे मे बोला तो वो असिस्टेंट वहाँ से भाग गया।


उसके जाते हि उस आदमी के चेहरे पर डेविल स्माइल तैर गई।


आखिर कौन है ये आदमी?और कौन है वो लड़की जिसेसे इसने जबरदस्ती शादी कि है?

©Afifa

"जुनून''(नफ़रत से इश्क़) - {भाग-1}

11 Love

#krishna_flute #Mahabharat

White ।।शहीद् का आखिरी खत ।। खत लिख रहा हु मां तुझे, लिख रहा अपना हाल हुं तुम चिंता ना करना मां , मै अपनी भारत माँ के पास हुं बड़े प्यार से रखती मुझको,अपनी ममता का आँचल फैला देती नींद मुझे जब आती हे ,अपनी बाहों मे मुझे सुला लेती तेरी जैसी ही तोह मूरत हे ,मै रोज ख्याब मे मिलता हुं मै उसका भी लाल हु मां , तभी बार्डर पर रहता हुं तूने जन्म देकर मुझे ,सौपा भारत मां के हाथों मे उसकी रक्षा करना ,मुझे बताया तूने हर बात मे लिख रहा हुं खत मे जो हकीकत मेरी हे पड़ के रोना नही मां ,तुझे सौंगध मेरी हे मै आऊ जब लिपट कर तिरंगे मे देख मुझे ना हार तु जाएगी वादा कर मां अपने लाल को अश्रु ना चढ़ायेगी मुस्करा कर भारत माँ की गोद मे मुझे सुलाएगी लूंगा फिर जन्म हर जन्म तेरा लाल बन कर हर जन्म मां मुझे तु सैनीक ही बनाएगी हर जन्म मां मुझे तु सैनीक ही बनाएगी।। ।।भावना शर्मा ।। ©Bh@Wn@ Sh@Rm@

#शहिद् #Motivational  White ।।शहीद् का आखिरी खत ।। 

खत लिख रहा हु मां तुझे, लिख रहा अपना हाल हुं
तुम चिंता ना करना मां , मै अपनी भारत माँ के पास हुं

बड़े प्यार से रखती मुझको,अपनी ममता का आँचल फैला देती 
नींद मुझे जब आती हे ,अपनी बाहों मे मुझे सुला लेती

तेरी जैसी ही तोह मूरत हे ,मै रोज ख्याब मे मिलता हुं 
मै उसका भी लाल हु मां , तभी बार्डर पर रहता हुं

तूने जन्म देकर मुझे ,सौपा भारत मां के हाथों मे
उसकी रक्षा करना ,मुझे बताया तूने हर बात मे

लिख रहा हुं खत मे जो हकीकत मेरी हे
पड़ के रोना नही मां ,तुझे सौंगध मेरी हे

मै आऊ जब लिपट कर तिरंगे मे
देख मुझे ना हार तु जाएगी

वादा कर मां अपने लाल को अश्रु ना चढ़ायेगी
मुस्करा कर भारत माँ की गोद मे मुझे सुलाएगी

लूंगा फिर जन्म हर जन्म तेरा लाल बन कर 
हर जन्म मां मुझे तु सैनीक ही बनाएगी

हर जन्म मां मुझे तु सैनीक ही बनाएगी।।

।।भावना शर्मा ।।

©Bh@Wn@ Sh@Rm@

#शहिद् का आखिरी खत

16 Love

कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था, दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था। धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन, सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन। व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया, भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया। मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ, किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ? पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना, पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना? जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए, आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए। "हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई, जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई। क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा, जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?" अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल, धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल। कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से, "जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है। हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो, धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो। यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है, तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है। ©Avinash Jha

#aeastheticthoughtes #संशय #Mahabharat #Krishna  कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था,
दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था।
धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन,
सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन।

व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया,
भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया।
मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ,
किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ?

पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना,
पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना?
जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए,
आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए।

"हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई,
जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई।
क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा,
जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?"

अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल,
धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल।
कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से,
"जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है।

हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो,
धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो।
यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है,
तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है।

©Avinash Jha

White हम कहीं भी नए स्थान पर जाते हैं नए लोगों से मिलते हैं तो हमारे मन में अजीब तरह की आशंकाएँ उठती रहती है कि वो जगह, वो लोग कैसे होंगे, हमें कैसा लगेगा, हमारे साथ कैसा व्यवहार किया जाएगा...?चाहे हम परिपक्व उम्र के ही क्यों न हो? ऐसे में जब छोटे- छोटे बच्चे नए-नए स्कूल में प्रवेश लेते हैं तब वे भी, उनके अभिभावक भी थोड़े डरे सहमे होते हैं नए वातावरण,पुराने बच्चों के प्रति, कि कैसा व्यवहार होगा उनका ?बच्चा सहज हो पाएगा..बैठ पाएगा...! ऐसे में उज्जवल भविष्य के सपने मन में संजोए, नए- नए किशोर,युवा,नए शहर,नए कॉलेज में प्रवेश लेते हैं तब उनकी, उनके अभिभावकों की मनःस्थिति कैसी होती होगी...कल्पना कर सकते है,क्योंकि ऐसी स्थिति से सभी दो-चार होते ही हैं!! ©Anjali Jain

#विचार #love_shayari  White हम कहीं भी नए स्थान पर जाते हैं नए लोगों से मिलते हैं तो हमारे मन में अजीब तरह की आशंकाएँ उठती रहती है कि वो जगह, वो लोग कैसे होंगे, हमें कैसा लगेगा, हमारे साथ कैसा व्यवहार किया जाएगा...?चाहे हम परिपक्व उम्र के ही क्यों न हो?
ऐसे में जब छोटे- छोटे बच्चे नए-नए स्कूल में प्रवेश लेते हैं तब वे भी, उनके अभिभावक भी थोड़े डरे सहमे होते हैं नए वातावरण,पुराने बच्चों के प्रति, कि कैसा व्यवहार होगा उनका ?बच्चा सहज हो पाएगा..बैठ पाएगा...!
ऐसे में उज्जवल भविष्य के सपने मन में संजोए, नए- नए किशोर,युवा,नए शहर,नए कॉलेज में प्रवेश लेते हैं तब उनकी, उनके अभिभावकों की मनःस्थिति कैसी होती होगी...कल्पना कर सकते है,क्योंकि ऐसी स्थिति से सभी दो-चार होते ही हैं!!

©Anjali Jain

#love_shayari रैगिंग क्या...??भाग 1

14 Love

#HeartfeltMessage #शायरी

एक आखिरी अंजाम #HeartfeltMessage

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White एक दुल्हन बनी लड़की मुंबई कि सूनसान सड़कों पर अपना लेहंगा संभालते हुए भाग रही थी उसके चेहरे पर डर से पसीने कि बूँदे चमक रहीं थी। वो लड़की बिना रुके लगातार भागे जा रही थी कि तभी कुछ बड़ी बड़ी और एक्स्पेन्सिव सात आठ गाड़ीयां आकर उस लड़की के चारों तरफ गोल गोल घूमने लगी। वो लड़की उन गाड़ीयों को देख अपना थूक निगल लेती है और डर से उन सब गाड़ीयों को देखने लगती है तभी सारी गाड़ीयां एक दम से रुक जाती हैं और उनमे से बहुत सारे आदमी जो ब्लैक सूट पहने थे वो बाहर आते हैं। उन गाड़ीयों मे से जो सबसे बड़ी और ज्यादा एक्स्पेन्सिव गाड़ी थी उसमें से शेरवानी पहने एक हैंडसम सा आदमी निकला जो देखने से हि किसी रोयल खानदान का लग रहा था जिसकी बिल्ली जैसी भूरी आँखे थी गोरा रंग हल्की हल्की दाढ़ी और सुर्ख लाल होंठ उस आदमी कि पर्सनालिटी बहुत अट्रेक्टिव थी। वो आदमी सीधा उस लड़की के पास आया जो अभी डर से अपना पसीना पोछ रही थी और नफ़रत से उस आदमी को घूर रही थी इतने मे उस आदमी ने दुल्हन बनी लड़की का हाथ पकड़ उसे ले जा कर अपनी गाड़ी में धकेल दिया वो लड़की अपना हाथ छुराते रह गई चीखती चिल्लाती रह गई लेकिन किसी पर कोई असर नहीं हुआ। कुछ देर मे सारी गाड़ीयां एक बड़े मेंसन के सामने आकर रुकीं तो वॉचमेन ने बड़ा सा गेट खोल दिया और सारी गाड़ीयां अंदर आ गई उनके अंदर आते हि वॉचमेन ने गेट बंद कर दिया और वापस अपनी पोजीशन में खड़ा हो गया। वो आदमी अपनी एक्स्पेन्सिव कार से बाहर निकला और उस दुल्हन बनी लड़की को अंदर ले जाने लगा वो भी लगभग खींचते हुए वो लड़की अपना हाथ छुराने कि कोशिश कर रही थी और लगातार उस आदमी पर चिल्ला रही थी लेकिन वो आदमी अपने चेहरे पर सख्त भाव लिए उसे अंदर लेके जा रहा था उसकी पकड़ लड़की के हाथ पर कसी हुई थी जिस वजह से उस लड़की के गोरे हाथ पर लाल निशान पड़ गए थे और उस लड़की को बहुत दर्द भी हो रहा था जिसे वो जाहिर नहीं होने दे रही थी और लगातार उस आदमी पर चिल्ला रही थी कि वो उसे छोड़ दे लेकिन वो आदमी छोरे तब ना। दोनों अंदर मेंसन मे आ गए जहाँ पहले से हि मंडप सजा हुआ था जहाँ पंडित जी अपना सर झुकाय खड़े थे वो आदमी खींचते हुए दुल्हन बनी लड़की को मंडप पर लाया और पंडित जी से बोला ''पंडित जी मंत्र पढना शुरू करो'' उस आदमी कि बात पर वो लड़की जिसकी आँखे इस वक़्त गुस्से और आंसुओ से लाल हो रही थी गुस्से से बोली ''मैं ये शादी नहीं करूंगी....सुना तुमने नहीं करुँगी.......तुम मुझे जबरदस्ती यहाँ तक ला सकते हो लेकिन जबरदस्ती शादी नहीं कर सकते'' उस लड़की कि बात पर वो आदमी शैतानी हंसी हस्ते बोला ''ओह रियली.....क्या तुम्हें अपनी बेस्ट फ्रेंड से प्यार नहीं'' तो वो लड़की हैरानी से बोली ''क्या.....मतलब क्या है तुम्हारा.....कहना क्या चाहते हो तुम......देखो तुमने अगर मेरी दोस्त को कुछ भी किया तो तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा.....समझे तुम(गुस्से से)'' तभी उस आदमी ने अपना मोबाइल निकाल उस लड़की के सामने कर दिया और बोला ''अगर ये शादी नहीं हुई तो  मैं जो भी करूँगा उसकी ज़िम्मेदार तुम खुद होगी'' वो विडीओ देख उस लड़की के रुके हुए आंसू भी बहने लगे उसकी हिम्मत अब टूट सी गई थी वो अपने साथ सब बर्दास्त कर सकती थी लेकिन अपनी बेस्ट फ्रेंड को ऐसे देख उसकी हिम्मत टूट गई। वो लड़की रोते हुए हाथ जोर बोली ''प्लीज़ मेरी दोस्त को छोड़ दो....मैं..मैं जो तुम कहोगे वो करूंगी.....मैं शादी करूंगी तुमसे बट प्लीज़ मेरी दोस्त को छोड़ दो'' उसकी बात सुन उस आदमी के चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई उसने ''गुड'' कह लड़की को बैठने का इशारा किया तो वो लड़की चुप चाप अपनी जगह बैठ गई। वो आदमी भी लड़की के बगल में बैठ गया और डेविल स्माइल के साथ बोला ''पंडित जी शादी कराओ'' वो पंडित डर से कांपती आवाज़ मे मंत्र पढ़ने लगा कुछ देर बाद पंडित जी बोले ''अब आप दोनों फेरों के लिए खड़े हो जाइये'' उनकी बात पर वो आदमी तो खड़ा हो गया लेकिन वो लड़की जमी सी वहीं बैठी रही जिसे देख वो आदमी सख्त आवाज़ में बोला ''सुना नहीं क्या कहा पंडित जी ने......उठो'' उसके केहने पर भी दुल्हन नहीं उठी तो उसने उसे अपनी गोद में उठा लिया और ऐसे हि फेरे लेना शुरू कर दिया। फेरों के बाद दोनों वापस अपनी जगह बैठ गए वो लड़की किसी मुहर्त कि तरफ बैठी थी जिसके चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं थे लेकिन आँखों मे मजबूरी और दर्द साफ दिखाई दे रहा था। तभी पंडित जी सिन्दूर कि डिब्बी दूल्हे को देते हुए बोले ''अब आप वधू कि माँग में सिन्दूर भरिये'' उस आदमी ने सिन्दूर कि डिब्बी ली और लड़की कि मांग में पूरा सिन्दूर उड़ेल दिया और वो लड़की बस आँखे मूँद के रह गई। आदमी के मंगलसूत्र पहनाने के बाद पंडित जी बोले ''शादी सम्पन्न हुई '' और वो आदमी डेविल स्माइल के साथ मन हि मन बोला ''इसी के साथ तुम्हारी बर्बादी भी शुरू हुई स्वीट हार्ट'' वो आदमी उठा और उस लड़की का हाथ पकड़ उसे खींचते हुए अपने रूम मे लाकर बंद कर दिया और खुद अपने स्टडी रूम मे आ गया। वो आदमी किसी राजा कि तरह अपने किंग साइज सोफे पर बड़े हि स्टाइल में पैर पर पैर रख बैठ गया। उसके सामने उसका असिस्टेंट अपना सर झुकाय् खड़ा था ''जो काम बोला था हो गया'' उस आदमी कि सख्त आवाज़ पर असिस्टेंट ने सर उठाया और कांपती आवाज़ में बोला ''यस सर'' ''ओके गुड.....नाउ गेट आउट''उस आदमी ने फिर सख्त लेह्जे मे बोला तो वो असिस्टेंट वहाँ से भाग गया। उसके जाते हि उस आदमी के चेहरे पर डेविल स्माइल तैर गई। आखिर कौन है ये आदमी?और कौन है वो लड़की जिसेसे इसने जबरदस्ती शादी कि है? ©Afifa

#लव  White 






























एक दुल्हन बनी लड़की मुंबई कि सूनसान सड़कों पर अपना लेहंगा संभालते हुए भाग रही थी उसके चेहरे पर डर से पसीने कि बूँदे चमक रहीं थी।


वो लड़की बिना रुके लगातार भागे जा रही थी कि तभी कुछ बड़ी बड़ी और एक्स्पेन्सिव सात आठ गाड़ीयां आकर उस लड़की के चारों तरफ गोल गोल घूमने लगी।


वो लड़की उन गाड़ीयों को देख अपना थूक निगल लेती है और डर से उन सब गाड़ीयों को देखने लगती है तभी सारी गाड़ीयां एक दम से रुक जाती हैं और उनमे से बहुत सारे आदमी जो ब्लैक सूट पहने थे वो बाहर आते हैं।


उन गाड़ीयों मे से जो सबसे बड़ी और ज्यादा एक्स्पेन्सिव गाड़ी थी उसमें से शेरवानी पहने एक हैंडसम सा आदमी निकला जो देखने से हि किसी रोयल खानदान का लग रहा था जिसकी बिल्ली जैसी भूरी आँखे थी गोरा रंग हल्की हल्की दाढ़ी और सुर्ख लाल होंठ उस आदमी कि पर्सनालिटी बहुत अट्रेक्टिव थी।


वो आदमी सीधा उस लड़की के पास आया जो अभी डर से अपना पसीना पोछ रही थी और नफ़रत से उस आदमी को घूर रही थी इतने मे उस आदमी ने दुल्हन बनी लड़की का हाथ पकड़ उसे ले जा कर अपनी गाड़ी में धकेल दिया वो लड़की अपना हाथ छुराते रह गई चीखती चिल्लाती रह गई लेकिन किसी पर कोई असर नहीं हुआ।


कुछ देर मे सारी गाड़ीयां एक बड़े मेंसन के सामने आकर रुकीं तो वॉचमेन ने बड़ा सा गेट खोल दिया और सारी गाड़ीयां अंदर आ गई उनके अंदर आते हि वॉचमेन ने गेट बंद कर दिया और वापस अपनी पोजीशन में खड़ा हो गया।


वो आदमी अपनी एक्स्पेन्सिव कार से बाहर निकला और उस दुल्हन बनी लड़की को अंदर ले जाने लगा वो भी लगभग खींचते हुए वो लड़की अपना हाथ छुराने कि कोशिश कर रही थी और लगातार उस आदमी पर चिल्ला रही थी लेकिन वो आदमी अपने चेहरे पर सख्त भाव लिए उसे अंदर लेके जा रहा था उसकी पकड़ लड़की के हाथ पर कसी हुई थी जिस वजह से उस लड़की के गोरे हाथ पर लाल निशान पड़ गए थे और उस लड़की को बहुत दर्द भी हो रहा था जिसे वो जाहिर नहीं होने दे रही थी और लगातार उस आदमी पर चिल्ला रही थी कि वो उसे छोड़ दे लेकिन वो आदमी छोरे तब ना।


दोनों अंदर मेंसन मे आ गए जहाँ पहले से हि मंडप सजा हुआ था जहाँ पंडित जी अपना सर झुकाय खड़े थे वो आदमी खींचते हुए दुल्हन बनी लड़की को मंडप पर लाया और पंडित जी से बोला ''पंडित जी मंत्र पढना शुरू करो''


उस आदमी कि बात पर वो लड़की जिसकी आँखे इस वक़्त गुस्से और आंसुओ से लाल हो रही थी गुस्से से बोली ''मैं ये शादी नहीं करूंगी....सुना तुमने नहीं करुँगी.......तुम मुझे जबरदस्ती यहाँ तक ला सकते हो लेकिन जबरदस्ती शादी नहीं कर सकते''


उस लड़की कि बात पर वो आदमी शैतानी हंसी हस्ते बोला ''ओह रियली.....क्या तुम्हें अपनी बेस्ट फ्रेंड से प्यार नहीं'' तो वो लड़की हैरानी से बोली ''क्या.....मतलब क्या है तुम्हारा.....कहना क्या चाहते हो तुम......देखो तुमने अगर मेरी दोस्त को कुछ भी किया तो तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा.....समझे तुम(गुस्से से)''


तभी उस आदमी ने अपना मोबाइल निकाल उस लड़की के सामने कर दिया और बोला ''अगर ये शादी नहीं हुई तो  मैं जो भी करूँगा उसकी ज़िम्मेदार तुम खुद होगी''


वो विडीओ देख उस लड़की के रुके हुए आंसू भी बहने लगे उसकी हिम्मत अब टूट सी गई थी वो अपने साथ सब बर्दास्त कर सकती थी लेकिन अपनी बेस्ट फ्रेंड को ऐसे देख उसकी हिम्मत टूट गई।


वो लड़की रोते हुए हाथ जोर बोली ''प्लीज़ मेरी दोस्त को छोड़ दो....मैं..मैं जो तुम कहोगे वो करूंगी.....मैं शादी करूंगी तुमसे बट प्लीज़ मेरी दोस्त को छोड़ दो''


उसकी बात सुन उस आदमी के चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई उसने ''गुड'' कह लड़की को बैठने का इशारा किया तो वो लड़की चुप चाप अपनी जगह बैठ गई।


वो आदमी भी लड़की के बगल में बैठ गया और डेविल स्माइल के साथ बोला ''पंडित जी शादी कराओ''


वो पंडित डर से कांपती आवाज़ मे मंत्र पढ़ने लगा कुछ देर बाद पंडित जी बोले ''अब आप दोनों फेरों के लिए खड़े हो जाइये''


उनकी बात पर वो आदमी तो खड़ा हो गया लेकिन वो लड़की जमी सी वहीं बैठी रही जिसे देख वो आदमी सख्त आवाज़ में बोला ''सुना नहीं क्या कहा पंडित जी ने......उठो''


उसके केहने पर भी दुल्हन नहीं उठी तो उसने उसे अपनी गोद में उठा लिया और ऐसे हि फेरे लेना शुरू कर दिया।


फेरों के बाद दोनों वापस अपनी जगह बैठ गए वो लड़की किसी मुहर्त कि तरफ बैठी थी जिसके चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं थे लेकिन आँखों मे मजबूरी और दर्द साफ दिखाई दे रहा था।


तभी पंडित जी सिन्दूर कि डिब्बी दूल्हे को देते हुए बोले ''अब आप वधू कि माँग में सिन्दूर भरिये''


उस आदमी ने सिन्दूर कि डिब्बी ली और लड़की कि मांग में पूरा सिन्दूर उड़ेल दिया और वो लड़की बस आँखे मूँद के रह गई।


आदमी के मंगलसूत्र पहनाने के बाद पंडित जी बोले ''शादी सम्पन्न हुई '' और वो आदमी डेविल स्माइल के साथ मन हि मन बोला ''इसी के साथ तुम्हारी बर्बादी भी शुरू हुई स्वीट हार्ट''


वो आदमी उठा और उस लड़की का हाथ पकड़ उसे खींचते हुए अपने रूम मे लाकर बंद कर दिया और खुद अपने स्टडी रूम मे आ गया।


वो आदमी किसी राजा कि तरह अपने किंग साइज सोफे पर बड़े हि स्टाइल में पैर पर पैर रख बैठ गया।


उसके सामने उसका असिस्टेंट अपना सर झुकाय् खड़ा था ''जो काम बोला था हो गया'' उस आदमी कि सख्त आवाज़ पर असिस्टेंट ने सर उठाया और कांपती आवाज़ में बोला ''यस सर''


''ओके गुड.....नाउ गेट आउट''उस आदमी ने फिर सख्त लेह्जे मे बोला तो वो असिस्टेंट वहाँ से भाग गया।


उसके जाते हि उस आदमी के चेहरे पर डेविल स्माइल तैर गई।


आखिर कौन है ये आदमी?और कौन है वो लड़की जिसेसे इसने जबरदस्ती शादी कि है?

©Afifa

"जुनून''(नफ़रत से इश्क़) - {भाग-1}

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