tags

New बालों Status, Photo, Video

Find the latest Status about बालों from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about बालों.

  • Latest
  • Popular
  • Video

किस कदर बेखबर है वो मुझसे, एक साया है मगर साथ कब से। ढूंढने की कोशिश में उलझा हूँ, जाने कहाँ खो गई है वो हमसे। अरसा हुआ, उसके चेहरे पर मुस्कान, खिला नहीं कोई गुलाब भी कब से। सवालों का पिटारा है मेरे दिल में, पर पूछने की इजाजत नहीं उससे। नज़रों से सवाल कर जाती है, अब नज़र मिलती नहीं मेरी उससे। देखकर मेरे बगल से गुजर जाती है, सोचता हूँ, सजा दूँ बालों में गजरे। कैसी बेताबी है, उसे क्या ख़बर, देख ले इश्क़, जो मिल जाए नज़रे। किस कदर सब्र का चोला पहना, इसी हाल में जी रहा 'अभय' कब से। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता  किस कदर बेखबर है वो मुझसे,
एक साया है मगर साथ कब से।

ढूंढने की कोशिश में उलझा हूँ,
जाने कहाँ खो गई है वो हमसे।

अरसा हुआ, उसके चेहरे पर मुस्कान,
खिला नहीं कोई गुलाब भी कब से।

सवालों का पिटारा है मेरे दिल में,
पर पूछने की इजाजत नहीं उससे।

नज़रों से सवाल कर जाती है,
अब नज़र मिलती नहीं मेरी उससे।

देखकर मेरे बगल से गुजर जाती है,
सोचता हूँ, सजा दूँ बालों में गजरे।

कैसी बेताबी है, उसे क्या ख़बर,
देख ले इश्क़, जो मिल जाए नज़रे।

किस कदर सब्र का चोला पहना,
इसी हाल में जी रहा 'अभय' कब से।

©theABHAYSINGH_BIPIN

किस कदर बेखबर है वो मुझसे, एक साया है मगर साथ कब से। ढूंढने की कोशिश में उलझा हूँ, जाने कहाँ खो गई है वो हमसे। अरसा हुआ, उसके चेहरे पर मुस

12 Love

Unsplash शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो इतनी आँखें गिरी जमीं पर कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ कॉलर में अटकी थी कुछ उलझी थी बालों में गर्दन के पीछे चिपकी मिली कुछ उंगलियों में पोरों में, कुछ नशीली कुछ रसीली कोई बेशर्मी से भरी हुई ये आंखें ऐसी क्यों हैं? उनकी हमारी सी आंखें पर इतना अंतर क्यों है? मैं रोज़ प्रार्थना करती हूँ कुछ न चिपका मिले मुझ पर जैसी मैं सुबह जाती हूँ घर से , वैसे साफ सुथरी आऊं वापस मगर ऐसा हो पाता नहीं बोझ उठाये नजरों का हरदम चलते रहना नियति है मेरी, शायद। ©Sushma

#Ladki  Unsplash शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो
इतनी आँखें गिरी जमीं पर
कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन
कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ कॉलर में अटकी थी
कुछ उलझी थी बालों में
गर्दन के पीछे चिपकी मिली
कुछ उंगलियों में पोरों में, कुछ नशीली कुछ रसीली
कोई बेशर्मी से भरी हुई
ये आंखें ऐसी क्यों हैं? उनकी हमारी सी आंखें
पर इतना अंतर क्यों है?
मैं रोज़ प्रार्थना करती हूँ
कुछ न चिपका मिले मुझ पर
जैसी मैं सुबह जाती हूँ घर से ,
वैसे साफ सुथरी आऊं वापस
मगर ऐसा हो पाता नहीं
बोझ उठाये नजरों का हरदम
चलते रहना नियति है मेरी, शायद।

©Sushma

#Ladki शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो इतनी आँखें गिरी जमीं पर कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ

11 Love

एक सुन्दर कविता यह है: “एक सावली लड़की, खूबसूरत है, उसकी मुस्कान, मेरे दिल को चुराती है। उसकी आँखों में, चाँद की रौशनी, उसके बालों में, हवा का साथ। उसकी आवाज़, मेरे दिल को बुलाती, उसकी मुस्कान, मेरे दिल को घायल करती। एक सावली लड़की, प्यार की रानी, मेरे दिल को है, उससे प्यार किया। उसकी हर अदा, मेरे दिल को भाटी, उसकी हर बात, मेरे दिल को सुनाती।”✨❤ ©Shivkumar barman

#बेजुबानशायर143 #मुस्कान #खूबसूरत #प्यार #कविता #आँखों  एक सुन्दर कविता यह है:

“एक सावली लड़की, खूबसूरत है,
उसकी मुस्कान, मेरे दिल को चुराती है।

उसकी आँखों में, चाँद की रौशनी,
उसके बालों में, हवा का साथ।

उसकी आवाज़, मेरे दिल को बुलाती,
उसकी मुस्कान, मेरे दिल को घायल करती।

एक सावली लड़की, प्यार की रानी,
मेरे दिल को है, उससे प्यार किया।

उसकी हर अदा, मेरे दिल को भाटी,
उसकी हर बात, मेरे दिल को सुनाती।”✨❤

©Shivkumar barman

एक सुन्दर कविता यह है: “एक सावली लड़की, #खूबसूरत है, उसकी #मुस्कान , मेरे दिल को चुराती है। उसकी #आँखों में, चाँद की #रौशनी , उसके बालों

16 Love

मेरे लिए मेरे मन का पुष्प भी तुम मेरे लिए मेरे जीवन का हर त्यौहार भी तुम नवंबर की सी शाम भी तुम दिसंबर की सौंधी धूप भी तुम बारिश की बूंद भी तुम बसंत की महक भी तुम पतझड़ में नारंगी पड़ता बाग भी तुम बरसात में हरियाली से भरता कोई चारागाह भी तुम पहाड़ों की सुबह भी तुम समंदर किनारे की हवा भी तुम कहीं सुकून से बैठे हुए मेरा कोई विचार भी तुम रात को आसमान में गिनता हुआ तारा भी तुम मेरी आधी किस्मत को पूरा करने का सहारा भी तुम मेरे बालों को सहलाने वाले हाथ भी तुम मुझे पुकारने वाली आवाज भी तुम तुम शायद सब हो मेरे जीवन में मुझे मिल के पूरा कर जाने वाले ख्वाब भी तुम .. ©बेजुबान शायर shivkumar

#त्यौहार #हरियाली #पुष्प #कविता #बारिश #सुकून  मेरे लिए मेरे मन का पुष्प भी तुम 
मेरे लिए मेरे जीवन का हर त्यौहार भी तुम 

नवंबर की सी शाम भी तुम 
दिसंबर की सौंधी  धूप भी तुम 

बारिश की बूंद भी तुम
बसंत की महक भी तुम 

पतझड़ में नारंगी पड़ता बाग भी तुम 
बरसात में हरियाली से भरता कोई चारागाह भी तुम 

पहाड़ों की सुबह भी तुम 
समंदर किनारे की हवा भी तुम 

कहीं सुकून से बैठे हुए मेरा 
कोई विचार भी तुम 

रात को आसमान में गिनता हुआ तारा भी तुम 
मेरी आधी किस्मत को पूरा करने का सहारा भी तुम 

मेरे बालों को सहलाने वाले हाथ भी तुम 
मुझे पुकारने वाली आवाज भी तुम 

तुम शायद सब हो मेरे जीवन में 
मुझे मिल के पूरा कर जाने वाले ख्वाब भी तुम ..

©बेजुबान शायर shivkumar

मेरे लिए मेरे मन का #पुष्प भी तुम मेरे लिए मेरे #जीवन का हर #त्यौहार भी तुम नवंबर की सी #शाम भी तुम दिसंबर की सौंधी #धूप भी तुम #

14 Love

उसने मुझे प्यार का तोहफा कुछ इस तरह दिया 😊🌹, " उनके बालों पर गुलाब " वो मुझे सब कुछ कह दिया उसका ये हुनर हम भी कभी आजमाएंगे 😊, देकर वो लम्हें प्यार के , हम भी इश्क को यु जताएंगे ! 🌺 ©बेजुबान शायर shivkumar

 उसने मुझे प्यार का तोहफा कुछ इस तरह दिया 😊🌹,
" उनके बालों पर गुलाब " वो मुझे सब कुछ कह दिया
उसका ये हुनर हम भी कभी आजमाएंगे 😊,
देकर वो लम्हें प्यार के , हम भी इश्क को यु जताएंगे ! 🌺

©बेजुबान शायर shivkumar

उसने मुझे #प्यार का #तोहफा कुछ इस तरह दिया 😊🌹, " उनके बालों पर #गुलाब " वो मुझे सब कुछ कह दिया उसका ये #हुनर हम भी कभी आजमाएंगे 😊, देकर

18 Love

सोलह शृंगार । (Read in caption) ©Jayesh gulati

#शायरी  सोलह शृंगार ।

(Read in caption)

©Jayesh gulati

*सोलह शृंगार* मैं नासमझ, कहां समझता था, किसी शृंगार को । वो जिसने किए मेरे लिए सोलह शृंगार ।। पहले पहना माथे उन्होंने, माँग–टिका । जैसे बा

11 Love

किस कदर बेखबर है वो मुझसे, एक साया है मगर साथ कब से। ढूंढने की कोशिश में उलझा हूँ, जाने कहाँ खो गई है वो हमसे। अरसा हुआ, उसके चेहरे पर मुस्कान, खिला नहीं कोई गुलाब भी कब से। सवालों का पिटारा है मेरे दिल में, पर पूछने की इजाजत नहीं उससे। नज़रों से सवाल कर जाती है, अब नज़र मिलती नहीं मेरी उससे। देखकर मेरे बगल से गुजर जाती है, सोचता हूँ, सजा दूँ बालों में गजरे। कैसी बेताबी है, उसे क्या ख़बर, देख ले इश्क़, जो मिल जाए नज़रे। किस कदर सब्र का चोला पहना, इसी हाल में जी रहा 'अभय' कब से। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता  किस कदर बेखबर है वो मुझसे,
एक साया है मगर साथ कब से।

ढूंढने की कोशिश में उलझा हूँ,
जाने कहाँ खो गई है वो हमसे।

अरसा हुआ, उसके चेहरे पर मुस्कान,
खिला नहीं कोई गुलाब भी कब से।

सवालों का पिटारा है मेरे दिल में,
पर पूछने की इजाजत नहीं उससे।

नज़रों से सवाल कर जाती है,
अब नज़र मिलती नहीं मेरी उससे।

देखकर मेरे बगल से गुजर जाती है,
सोचता हूँ, सजा दूँ बालों में गजरे।

कैसी बेताबी है, उसे क्या ख़बर,
देख ले इश्क़, जो मिल जाए नज़रे।

किस कदर सब्र का चोला पहना,
इसी हाल में जी रहा 'अभय' कब से।

©theABHAYSINGH_BIPIN

किस कदर बेखबर है वो मुझसे, एक साया है मगर साथ कब से। ढूंढने की कोशिश में उलझा हूँ, जाने कहाँ खो गई है वो हमसे। अरसा हुआ, उसके चेहरे पर मुस

12 Love

Unsplash शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो इतनी आँखें गिरी जमीं पर कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ कॉलर में अटकी थी कुछ उलझी थी बालों में गर्दन के पीछे चिपकी मिली कुछ उंगलियों में पोरों में, कुछ नशीली कुछ रसीली कोई बेशर्मी से भरी हुई ये आंखें ऐसी क्यों हैं? उनकी हमारी सी आंखें पर इतना अंतर क्यों है? मैं रोज़ प्रार्थना करती हूँ कुछ न चिपका मिले मुझ पर जैसी मैं सुबह जाती हूँ घर से , वैसे साफ सुथरी आऊं वापस मगर ऐसा हो पाता नहीं बोझ उठाये नजरों का हरदम चलते रहना नियति है मेरी, शायद। ©Sushma

#Ladki  Unsplash शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो
इतनी आँखें गिरी जमीं पर
कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन
कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ कॉलर में अटकी थी
कुछ उलझी थी बालों में
गर्दन के पीछे चिपकी मिली
कुछ उंगलियों में पोरों में, कुछ नशीली कुछ रसीली
कोई बेशर्मी से भरी हुई
ये आंखें ऐसी क्यों हैं? उनकी हमारी सी आंखें
पर इतना अंतर क्यों है?
मैं रोज़ प्रार्थना करती हूँ
कुछ न चिपका मिले मुझ पर
जैसी मैं सुबह जाती हूँ घर से ,
वैसे साफ सुथरी आऊं वापस
मगर ऐसा हो पाता नहीं
बोझ उठाये नजरों का हरदम
चलते रहना नियति है मेरी, शायद।

©Sushma

#Ladki शाम घर आकर जब मशायद खुद को झड़ाया तो इतनी आँखें गिरी जमीं पर कुछ घूरती, कुछ रेंगती ,कुछ टटोलती मेरा तन मन कुछ आस्तीन में फंसी थी ,कुछ

11 Love

एक सुन्दर कविता यह है: “एक सावली लड़की, खूबसूरत है, उसकी मुस्कान, मेरे दिल को चुराती है। उसकी आँखों में, चाँद की रौशनी, उसके बालों में, हवा का साथ। उसकी आवाज़, मेरे दिल को बुलाती, उसकी मुस्कान, मेरे दिल को घायल करती। एक सावली लड़की, प्यार की रानी, मेरे दिल को है, उससे प्यार किया। उसकी हर अदा, मेरे दिल को भाटी, उसकी हर बात, मेरे दिल को सुनाती।”✨❤ ©Shivkumar barman

#बेजुबानशायर143 #मुस्कान #खूबसूरत #प्यार #कविता #आँखों  एक सुन्दर कविता यह है:

“एक सावली लड़की, खूबसूरत है,
उसकी मुस्कान, मेरे दिल को चुराती है।

उसकी आँखों में, चाँद की रौशनी,
उसके बालों में, हवा का साथ।

उसकी आवाज़, मेरे दिल को बुलाती,
उसकी मुस्कान, मेरे दिल को घायल करती।

एक सावली लड़की, प्यार की रानी,
मेरे दिल को है, उससे प्यार किया।

उसकी हर अदा, मेरे दिल को भाटी,
उसकी हर बात, मेरे दिल को सुनाती।”✨❤

©Shivkumar barman

एक सुन्दर कविता यह है: “एक सावली लड़की, #खूबसूरत है, उसकी #मुस्कान , मेरे दिल को चुराती है। उसकी #आँखों में, चाँद की #रौशनी , उसके बालों

16 Love

मेरे लिए मेरे मन का पुष्प भी तुम मेरे लिए मेरे जीवन का हर त्यौहार भी तुम नवंबर की सी शाम भी तुम दिसंबर की सौंधी धूप भी तुम बारिश की बूंद भी तुम बसंत की महक भी तुम पतझड़ में नारंगी पड़ता बाग भी तुम बरसात में हरियाली से भरता कोई चारागाह भी तुम पहाड़ों की सुबह भी तुम समंदर किनारे की हवा भी तुम कहीं सुकून से बैठे हुए मेरा कोई विचार भी तुम रात को आसमान में गिनता हुआ तारा भी तुम मेरी आधी किस्मत को पूरा करने का सहारा भी तुम मेरे बालों को सहलाने वाले हाथ भी तुम मुझे पुकारने वाली आवाज भी तुम तुम शायद सब हो मेरे जीवन में मुझे मिल के पूरा कर जाने वाले ख्वाब भी तुम .. ©बेजुबान शायर shivkumar

#त्यौहार #हरियाली #पुष्प #कविता #बारिश #सुकून  मेरे लिए मेरे मन का पुष्प भी तुम 
मेरे लिए मेरे जीवन का हर त्यौहार भी तुम 

नवंबर की सी शाम भी तुम 
दिसंबर की सौंधी  धूप भी तुम 

बारिश की बूंद भी तुम
बसंत की महक भी तुम 

पतझड़ में नारंगी पड़ता बाग भी तुम 
बरसात में हरियाली से भरता कोई चारागाह भी तुम 

पहाड़ों की सुबह भी तुम 
समंदर किनारे की हवा भी तुम 

कहीं सुकून से बैठे हुए मेरा 
कोई विचार भी तुम 

रात को आसमान में गिनता हुआ तारा भी तुम 
मेरी आधी किस्मत को पूरा करने का सहारा भी तुम 

मेरे बालों को सहलाने वाले हाथ भी तुम 
मुझे पुकारने वाली आवाज भी तुम 

तुम शायद सब हो मेरे जीवन में 
मुझे मिल के पूरा कर जाने वाले ख्वाब भी तुम ..

©बेजुबान शायर shivkumar

मेरे लिए मेरे मन का #पुष्प भी तुम मेरे लिए मेरे #जीवन का हर #त्यौहार भी तुम नवंबर की सी #शाम भी तुम दिसंबर की सौंधी #धूप भी तुम #

14 Love

उसने मुझे प्यार का तोहफा कुछ इस तरह दिया 😊🌹, " उनके बालों पर गुलाब " वो मुझे सब कुछ कह दिया उसका ये हुनर हम भी कभी आजमाएंगे 😊, देकर वो लम्हें प्यार के , हम भी इश्क को यु जताएंगे ! 🌺 ©बेजुबान शायर shivkumar

 उसने मुझे प्यार का तोहफा कुछ इस तरह दिया 😊🌹,
" उनके बालों पर गुलाब " वो मुझे सब कुछ कह दिया
उसका ये हुनर हम भी कभी आजमाएंगे 😊,
देकर वो लम्हें प्यार के , हम भी इश्क को यु जताएंगे ! 🌺

©बेजुबान शायर shivkumar

उसने मुझे #प्यार का #तोहफा कुछ इस तरह दिया 😊🌹, " उनके बालों पर #गुलाब " वो मुझे सब कुछ कह दिया उसका ये #हुनर हम भी कभी आजमाएंगे 😊, देकर

18 Love

सोलह शृंगार । (Read in caption) ©Jayesh gulati

#शायरी  सोलह शृंगार ।

(Read in caption)

©Jayesh gulati

*सोलह शृंगार* मैं नासमझ, कहां समझता था, किसी शृंगार को । वो जिसने किए मेरे लिए सोलह शृंगार ।। पहले पहना माथे उन्होंने, माँग–टिका । जैसे बा

11 Love

Trending Topic