जब तुम्हारी जरूरत थी, तुम थे नहीं ।
अब तुम हो, मगर तुम्हारी जरूरत नहीं ।।
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ना वो सवाल करती है, ना कोई जवाब देती है ।
तो मैंने अब तुम्हारी तस्वीरों से भी नाता तोड दिया है ।।
शायद वो जो था तुमसे, बस दिलकशी¹ ही थी ।
या वहम में भी दिल ज़ोरो से धड़कता है क्या?
हमे लगा के वो भी थे, कुछ उन्स² हमसे।
या यूं कहूं हमे ही कोई, ग़लतफहमी थी क्या ?
मैं नहीं जानता उनसे कब इश्क हुआ हमको।
हां वो शायद इश्क ही था, या शायद कोई सजा थी क्या?
मुझे यार कभी मोहब्बत नहीं हुई ।
हां। मतलब उनके अलावा किसी से नहीं हुई।।
किया नहीं इज़हार इस हाल-ए-दिल का कभी ।
मिला लूं उनसे नज़रे ऐसी जुर्अत नहीं हुई ।।
मिले तो थे वो हमे गलती से ही शायद।
उसके बाद हमसे कभी कोई गलती नहीं हुई ।।
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