tags

New urdu poetry to express love Status, Photo, Video

Find the latest Status about urdu poetry to express love from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about urdu poetry to express love.

Related Stories

  • Latest
  • Popular
  • Video
#sadShayari

#sadShayari poetry lovers poetry on love urdu poetry urdu poetry love poetry for her

324 View

poetry on love hindi poetry urdu poetry urdu poetry sad poetry

153 View

#sad_shayari

#sad_shayari urdu poetry sad poetry on love love poetry for her urdu poetry poetry

126 View

White अरसे से बस एक ही सवाल है। रोज़ क्यों आता उसी का खयाल है। बिना मौसम ये आसमां नहीं रोता। मानता हूं, इश्क़ दो बार नहीं होता। मसरूफियत में भी भूला नहीं हूं। उसका हूं, जिसने कुबूला नहीं हूं। वो इश्क क्यों हैं, ज़िद क्यों नहीं। हज क्यों है, मस्जिद क्यों नहीं। रात आती है, याद आती है। अधूरी बात, बहुत तड़पाती है। रोना है पर अश्क़ नहीं है। दोतरफा मेरा इश्क़ नहीं है। क्यों वो शख़्स इतना रूठा है। क्यों मेरा हर अल्फ़ाज़ झूठा है। सच का सबूत कैसे दिखाऊं। हाथ में क्या कलेजा रख लाऊं। मैं दुआ करूं, पत्थर ना माने। फकीरी ए इश्क, वो क्या पहचाने। कैसे दिखाऊं मुझे मुझमें वो टूटे लहजे, बिखरे एहसास वो जज्बातों के गहरे तहखाने। यहां उसके सिवा कोई बात नहीं है। मेरा नाम तक वहां याद नहीं है। नाउम्मीदी बची है, वो बेवफ़ा है। मन मेरा अहल-ए-सफ़ा है। मैं लम्हे अपने वसूला नहीं हूं। मसरूफियत में भी भूला नहीं हूं। मानता हूं इश्क़ दोबारा नहीं होता आज भी उसी का हूं, जिसने कुबूला नहीं हूं।। ©Rohit Bhargava (Monty)

#Thinking  White अरसे से बस एक ही सवाल है।
रोज़ क्यों आता उसी का खयाल है।
बिना मौसम ये आसमां नहीं रोता।
मानता हूं, इश्क़ दो बार नहीं होता।
मसरूफियत में भी भूला नहीं हूं।
उसका हूं, जिसने कुबूला नहीं हूं।
वो इश्क क्यों हैं, ज़िद क्यों नहीं।
हज क्यों है, मस्जिद क्यों नहीं।
रात आती है, याद आती है।
अधूरी बात, बहुत तड़पाती है।
रोना है पर अश्क़ नहीं है।
दोतरफा मेरा इश्क़ नहीं है।
क्यों वो शख़्स इतना रूठा है।
क्यों मेरा हर अल्फ़ाज़ झूठा है।
सच का सबूत कैसे दिखाऊं।
हाथ में क्या कलेजा रख लाऊं।
मैं दुआ करूं, पत्थर ना माने।
फकीरी ए इश्क, वो क्या पहचाने।
कैसे दिखाऊं मुझे मुझमें
वो टूटे लहजे, बिखरे एहसास 
वो जज्बातों के गहरे तहखाने।
यहां उसके सिवा कोई बात नहीं है।
मेरा नाम तक वहां याद नहीं है।
नाउम्मीदी बची है, वो बेवफ़ा है।
मन मेरा अहल-ए-सफ़ा है।
मैं लम्हे अपने वसूला नहीं हूं।
मसरूफियत में भी भूला नहीं हूं।
मानता हूं इश्क़ दोबारा नहीं होता
आज भी उसी का हूं,
जिसने कुबूला नहीं हूं।।

©Rohit Bhargava (Monty)

#Thinking urdu poetry urdu poetry urdu poetry sad sad poetry love poetry in hindi

17 Love

तसव्वुर-ए-इश्क़ में डूबा रहता हूँ, हर लम्हा बस तुझे सोचता रहता हूँ। जब भी दिल में तिश्नगी उठती है, नज़्मों में तेरा अक्स ढूँढ़ा करता हूँ। सदियों से मेरी तिश्नगी का मरकज़ है तू, हर शब मेरी तन्हाइयों की राहत है तू। दूरियों के सहरा में जब भी खो जाता हूँ, तेरी यादों की बारिश में भीग जाता हूँ। हर सहर तेरी यादों का साया लाती है, हर शब मेरी रूह को तड़पाती है। मुलाक़ात तुमसे मुमकिन नहीं है, ख़्वाबों में तुझे बाहों में भर लेता हूँ। डॉ दीपक कुमार 'दीप' . ©Dr Deepak Kumar Deep

 तसव्वुर-ए-इश्क़ में डूबा रहता हूँ,
हर लम्हा बस तुझे सोचता रहता हूँ।
जब भी दिल में तिश्नगी उठती है,
नज़्मों में तेरा अक्स ढूँढ़ा करता हूँ।

सदियों से मेरी तिश्नगी का मरकज़ है तू,
हर शब मेरी तन्हाइयों की राहत है तू।
दूरियों के सहरा में जब भी खो जाता हूँ,
तेरी यादों की बारिश में भीग जाता हूँ।

हर सहर तेरी यादों का साया लाती है,
हर शब मेरी रूह को तड़पाती है।
मुलाक़ात तुमसे मुमकिन नहीं है,
ख़्वाबों में तुझे बाहों में भर लेता हूँ। 

 डॉ दीपक कुमार 'दीप'





.

©Dr Deepak Kumar Deep

sad poetry urdu poetry love poetry in hindi urdu poetry poetry on love

16 Love

#love_shayari  White *_🌱 اس کو میسر ہیں، جہاں میں اور بھی لوگ_*
 *_ہمارے مخلص ہونے سے اسے فرق نہیں پڑتا🎗️_*

👉उस को मयस्सर हैं, जहां में ओर भी लोग 🥺
हमारे मुखलिस होने से उसे फर्क नहीं पड़ता 💔

©Faijan Khan

#love_shayari hindi poetry poetry on love urdu poetry sad urdu poetry poetry

144 View

#sadShayari

#sadShayari poetry lovers poetry on love urdu poetry urdu poetry love poetry for her

324 View

poetry on love hindi poetry urdu poetry urdu poetry sad poetry

153 View

#sad_shayari

#sad_shayari urdu poetry sad poetry on love love poetry for her urdu poetry poetry

126 View

White अरसे से बस एक ही सवाल है। रोज़ क्यों आता उसी का खयाल है। बिना मौसम ये आसमां नहीं रोता। मानता हूं, इश्क़ दो बार नहीं होता। मसरूफियत में भी भूला नहीं हूं। उसका हूं, जिसने कुबूला नहीं हूं। वो इश्क क्यों हैं, ज़िद क्यों नहीं। हज क्यों है, मस्जिद क्यों नहीं। रात आती है, याद आती है। अधूरी बात, बहुत तड़पाती है। रोना है पर अश्क़ नहीं है। दोतरफा मेरा इश्क़ नहीं है। क्यों वो शख़्स इतना रूठा है। क्यों मेरा हर अल्फ़ाज़ झूठा है। सच का सबूत कैसे दिखाऊं। हाथ में क्या कलेजा रख लाऊं। मैं दुआ करूं, पत्थर ना माने। फकीरी ए इश्क, वो क्या पहचाने। कैसे दिखाऊं मुझे मुझमें वो टूटे लहजे, बिखरे एहसास वो जज्बातों के गहरे तहखाने। यहां उसके सिवा कोई बात नहीं है। मेरा नाम तक वहां याद नहीं है। नाउम्मीदी बची है, वो बेवफ़ा है। मन मेरा अहल-ए-सफ़ा है। मैं लम्हे अपने वसूला नहीं हूं। मसरूफियत में भी भूला नहीं हूं। मानता हूं इश्क़ दोबारा नहीं होता आज भी उसी का हूं, जिसने कुबूला नहीं हूं।। ©Rohit Bhargava (Monty)

#Thinking  White अरसे से बस एक ही सवाल है।
रोज़ क्यों आता उसी का खयाल है।
बिना मौसम ये आसमां नहीं रोता।
मानता हूं, इश्क़ दो बार नहीं होता।
मसरूफियत में भी भूला नहीं हूं।
उसका हूं, जिसने कुबूला नहीं हूं।
वो इश्क क्यों हैं, ज़िद क्यों नहीं।
हज क्यों है, मस्जिद क्यों नहीं।
रात आती है, याद आती है।
अधूरी बात, बहुत तड़पाती है।
रोना है पर अश्क़ नहीं है।
दोतरफा मेरा इश्क़ नहीं है।
क्यों वो शख़्स इतना रूठा है।
क्यों मेरा हर अल्फ़ाज़ झूठा है।
सच का सबूत कैसे दिखाऊं।
हाथ में क्या कलेजा रख लाऊं।
मैं दुआ करूं, पत्थर ना माने।
फकीरी ए इश्क, वो क्या पहचाने।
कैसे दिखाऊं मुझे मुझमें
वो टूटे लहजे, बिखरे एहसास 
वो जज्बातों के गहरे तहखाने।
यहां उसके सिवा कोई बात नहीं है।
मेरा नाम तक वहां याद नहीं है।
नाउम्मीदी बची है, वो बेवफ़ा है।
मन मेरा अहल-ए-सफ़ा है।
मैं लम्हे अपने वसूला नहीं हूं।
मसरूफियत में भी भूला नहीं हूं।
मानता हूं इश्क़ दोबारा नहीं होता
आज भी उसी का हूं,
जिसने कुबूला नहीं हूं।।

©Rohit Bhargava (Monty)

#Thinking urdu poetry urdu poetry urdu poetry sad sad poetry love poetry in hindi

17 Love

तसव्वुर-ए-इश्क़ में डूबा रहता हूँ, हर लम्हा बस तुझे सोचता रहता हूँ। जब भी दिल में तिश्नगी उठती है, नज़्मों में तेरा अक्स ढूँढ़ा करता हूँ। सदियों से मेरी तिश्नगी का मरकज़ है तू, हर शब मेरी तन्हाइयों की राहत है तू। दूरियों के सहरा में जब भी खो जाता हूँ, तेरी यादों की बारिश में भीग जाता हूँ। हर सहर तेरी यादों का साया लाती है, हर शब मेरी रूह को तड़पाती है। मुलाक़ात तुमसे मुमकिन नहीं है, ख़्वाबों में तुझे बाहों में भर लेता हूँ। डॉ दीपक कुमार 'दीप' . ©Dr Deepak Kumar Deep

 तसव्वुर-ए-इश्क़ में डूबा रहता हूँ,
हर लम्हा बस तुझे सोचता रहता हूँ।
जब भी दिल में तिश्नगी उठती है,
नज़्मों में तेरा अक्स ढूँढ़ा करता हूँ।

सदियों से मेरी तिश्नगी का मरकज़ है तू,
हर शब मेरी तन्हाइयों की राहत है तू।
दूरियों के सहरा में जब भी खो जाता हूँ,
तेरी यादों की बारिश में भीग जाता हूँ।

हर सहर तेरी यादों का साया लाती है,
हर शब मेरी रूह को तड़पाती है।
मुलाक़ात तुमसे मुमकिन नहीं है,
ख़्वाबों में तुझे बाहों में भर लेता हूँ। 

 डॉ दीपक कुमार 'दीप'





.

©Dr Deepak Kumar Deep

sad poetry urdu poetry love poetry in hindi urdu poetry poetry on love

16 Love

#love_shayari  White *_🌱 اس کو میسر ہیں، جہاں میں اور بھی لوگ_*
 *_ہمارے مخلص ہونے سے اسے فرق نہیں پڑتا🎗️_*

👉उस को मयस्सर हैं, जहां में ओर भी लोग 🥺
हमारे मुखलिस होने से उसे फर्क नहीं पड़ता 💔

©Faijan Khan

#love_shayari hindi poetry poetry on love urdu poetry sad urdu poetry poetry

144 View

Trending Topic