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New हमरी गगरिया रे कान्हा Status, Photo, Video

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#कविता #sad_shayari

#sad_shayari मेरे कान्हा

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White श्याम सुंदर ना देरी लगाओ कब से ठाड़े हैं दर्शन कराओ अर्जी सुनो.. अब ना बनो...2 हमनें सुना जब आये सुदामा नंगे पग तुम दौड़े थे कान्हा जरा हमको भी करके दिखाओ..! श्यामसुंदर ना देरी लगाओ..! बिदुरानी घर तुम पहुना से खा गये छिलके तुम केला के जरा हमको भी खाके दिखाओ..! श्यामसुंदर ना देरी लगाओ..! जब प्रहलाद ने तुमको पुकारा तब प्रगटे नरसिंह अवतारा जरा हमको भी करतब दिखाओ..! श्यामसुंदर ना देरी लगाओ..! कहते हैं तुम भक्तों के चाकर बंध गये द्वारे बलि के जाकर कभी अंगना हमारे भी आओ..! श्यामसुंदर ना देरी लगाओ..! ©अज्ञात

#कान्हा #कविता  White श्याम सुंदर ना देरी लगाओ
   कब से ठाड़े हैं दर्शन कराओ
अर्जी सुनो.. अब ना बनो...2

हमनें सुना जब आये सुदामा
नंगे पग तुम दौड़े थे कान्हा
जरा हमको भी करके दिखाओ..!
श्यामसुंदर ना देरी लगाओ..!

बिदुरानी घर तुम पहुना से
खा गये छिलके तुम केला के 
जरा हमको भी खाके दिखाओ..!
श्यामसुंदर ना देरी लगाओ..!

जब प्रहलाद ने तुमको पुकारा
तब प्रगटे नरसिंह अवतारा
जरा हमको भी करतब दिखाओ..!
श्यामसुंदर ना देरी लगाओ..!

कहते हैं तुम भक्तों के चाकर
बंध गये द्वारे बलि के जाकर
कभी अंगना हमारे भी आओ..!
श्यामसुंदर ना देरी लगाओ..!

©अज्ञात

White कान्हा है हर रूप में तू सुख दुःख छांव धूप में तू ग्वाल बाल के संग में तू प्रेम के जितने रंग में तू जगत का पालनहार है तू मीरा का गिरधार है तू दीन हीन का दाता तू गीता का निर्माता तू गोप-ग्वाल की हृदय गति उद्धव मन मस्तिष्क मति मैया यशोदा की ममता युग परिवर्तन की तू क्षमता देवकी माँ की वेदना हो ब्रज की सब संवेदना हो रुक्मणी जी का दर्पण हो श्री राधा का समर्पण हो वृंदावन की शांति हो मथुरा की शुभ क्रांति हो विकृतियों का दहन हो तुम आसुरी शक्ति हनन हो तुम अर्जुन की साहस शक्ति मित्र सुदामा की भक्ति तुम सर्वग्य तुम्हीं सृष्टि दीन सुधा की तू दृष्टि भावों से मिल जाओगे तब कान्हा कहलाओगे..! ©अज्ञात

#कान्हा #कविता  White कान्हा है हर रूप में तू
सुख दुःख छांव धूप में तू
ग्वाल बाल के संग में तू
प्रेम के जितने रंग में तू
जगत का पालनहार है तू 
मीरा का गिरधार है तू 
दीन हीन का दाता तू 
गीता का निर्माता तू 
गोप-ग्वाल की हृदय गति 
उद्धव मन मस्तिष्क मति 
मैया यशोदा की ममता 
युग परिवर्तन की तू क्षमता 
देवकी माँ की वेदना हो
ब्रज की सब संवेदना हो
रुक्मणी जी का दर्पण हो 
श्री राधा का समर्पण हो
वृंदावन की शांति हो
मथुरा की शुभ क्रांति हो
विकृतियों का दहन हो तुम 
आसुरी शक्ति हनन हो तुम 
अर्जुन की साहस शक्ति
मित्र सुदामा की भक्ति
तुम सर्वग्य तुम्हीं सृष्टि
दीन सुधा की तू दृष्टि
भावों से मिल जाओगे
तब कान्हा कहलाओगे..!

©अज्ञात

White माणूस मेल्यावर शरीराचं दर्शन घेऊन अंघोळ करतो.. निष्पाप जीवाला खाताना अंगा मांसांचं रक्त पितो.. प्रत्येक दगड मंदिरात जाऊन देव बनून जातो.. माणूस मंदिरात जाऊन सुध्धा दगड बनून राहतो.. ज्या मासिक पाळीमुळे जन्म माणसाचा होतो.. तिलाच आयुष्यभर समाज विटाळ म्हणत राहतो.. माझं माझं म्हणत सगळं भ्रमात जगत राहतो.. सगळं काही इथेच सोडून एकटाच सोडून जातो.. ©गोरक्ष अशोक उंबरकर

#मराठीकविता  White माणूस मेल्यावर शरीराचं 
दर्शन घेऊन अंघोळ करतो..
निष्पाप जीवाला खाताना 
अंगा मांसांचं रक्त पितो..

प्रत्येक दगड मंदिरात जाऊन 
देव बनून जातो..
माणूस मंदिरात जाऊन सुध्धा 
दगड बनून राहतो..

ज्या मासिक पाळीमुळे
जन्म माणसाचा होतो..
तिलाच आयुष्यभर समाज 
विटाळ म्हणत राहतो..

माझं माझं म्हणत सगळं 
भ्रमात जगत राहतो..
सगळं काही इथेच सोडून
 एकटाच सोडून जातो..

©गोरक्ष अशोक उंबरकर

वाह रे माणसा..

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#कविता #sad_shayari

#sad_shayari मेरे कान्हा

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White श्याम सुंदर ना देरी लगाओ कब से ठाड़े हैं दर्शन कराओ अर्जी सुनो.. अब ना बनो...2 हमनें सुना जब आये सुदामा नंगे पग तुम दौड़े थे कान्हा जरा हमको भी करके दिखाओ..! श्यामसुंदर ना देरी लगाओ..! बिदुरानी घर तुम पहुना से खा गये छिलके तुम केला के जरा हमको भी खाके दिखाओ..! श्यामसुंदर ना देरी लगाओ..! जब प्रहलाद ने तुमको पुकारा तब प्रगटे नरसिंह अवतारा जरा हमको भी करतब दिखाओ..! श्यामसुंदर ना देरी लगाओ..! कहते हैं तुम भक्तों के चाकर बंध गये द्वारे बलि के जाकर कभी अंगना हमारे भी आओ..! श्यामसुंदर ना देरी लगाओ..! ©अज्ञात

#कान्हा #कविता  White श्याम सुंदर ना देरी लगाओ
   कब से ठाड़े हैं दर्शन कराओ
अर्जी सुनो.. अब ना बनो...2

हमनें सुना जब आये सुदामा
नंगे पग तुम दौड़े थे कान्हा
जरा हमको भी करके दिखाओ..!
श्यामसुंदर ना देरी लगाओ..!

बिदुरानी घर तुम पहुना से
खा गये छिलके तुम केला के 
जरा हमको भी खाके दिखाओ..!
श्यामसुंदर ना देरी लगाओ..!

जब प्रहलाद ने तुमको पुकारा
तब प्रगटे नरसिंह अवतारा
जरा हमको भी करतब दिखाओ..!
श्यामसुंदर ना देरी लगाओ..!

कहते हैं तुम भक्तों के चाकर
बंध गये द्वारे बलि के जाकर
कभी अंगना हमारे भी आओ..!
श्यामसुंदर ना देरी लगाओ..!

©अज्ञात

White कान्हा है हर रूप में तू सुख दुःख छांव धूप में तू ग्वाल बाल के संग में तू प्रेम के जितने रंग में तू जगत का पालनहार है तू मीरा का गिरधार है तू दीन हीन का दाता तू गीता का निर्माता तू गोप-ग्वाल की हृदय गति उद्धव मन मस्तिष्क मति मैया यशोदा की ममता युग परिवर्तन की तू क्षमता देवकी माँ की वेदना हो ब्रज की सब संवेदना हो रुक्मणी जी का दर्पण हो श्री राधा का समर्पण हो वृंदावन की शांति हो मथुरा की शुभ क्रांति हो विकृतियों का दहन हो तुम आसुरी शक्ति हनन हो तुम अर्जुन की साहस शक्ति मित्र सुदामा की भक्ति तुम सर्वग्य तुम्हीं सृष्टि दीन सुधा की तू दृष्टि भावों से मिल जाओगे तब कान्हा कहलाओगे..! ©अज्ञात

#कान्हा #कविता  White कान्हा है हर रूप में तू
सुख दुःख छांव धूप में तू
ग्वाल बाल के संग में तू
प्रेम के जितने रंग में तू
जगत का पालनहार है तू 
मीरा का गिरधार है तू 
दीन हीन का दाता तू 
गीता का निर्माता तू 
गोप-ग्वाल की हृदय गति 
उद्धव मन मस्तिष्क मति 
मैया यशोदा की ममता 
युग परिवर्तन की तू क्षमता 
देवकी माँ की वेदना हो
ब्रज की सब संवेदना हो
रुक्मणी जी का दर्पण हो 
श्री राधा का समर्पण हो
वृंदावन की शांति हो
मथुरा की शुभ क्रांति हो
विकृतियों का दहन हो तुम 
आसुरी शक्ति हनन हो तुम 
अर्जुन की साहस शक्ति
मित्र सुदामा की भक्ति
तुम सर्वग्य तुम्हीं सृष्टि
दीन सुधा की तू दृष्टि
भावों से मिल जाओगे
तब कान्हा कहलाओगे..!

©अज्ञात

White माणूस मेल्यावर शरीराचं दर्शन घेऊन अंघोळ करतो.. निष्पाप जीवाला खाताना अंगा मांसांचं रक्त पितो.. प्रत्येक दगड मंदिरात जाऊन देव बनून जातो.. माणूस मंदिरात जाऊन सुध्धा दगड बनून राहतो.. ज्या मासिक पाळीमुळे जन्म माणसाचा होतो.. तिलाच आयुष्यभर समाज विटाळ म्हणत राहतो.. माझं माझं म्हणत सगळं भ्रमात जगत राहतो.. सगळं काही इथेच सोडून एकटाच सोडून जातो.. ©गोरक्ष अशोक उंबरकर

#मराठीकविता  White माणूस मेल्यावर शरीराचं 
दर्शन घेऊन अंघोळ करतो..
निष्पाप जीवाला खाताना 
अंगा मांसांचं रक्त पितो..

प्रत्येक दगड मंदिरात जाऊन 
देव बनून जातो..
माणूस मंदिरात जाऊन सुध्धा 
दगड बनून राहतो..

ज्या मासिक पाळीमुळे
जन्म माणसाचा होतो..
तिलाच आयुष्यभर समाज 
विटाळ म्हणत राहतो..

माझं माझं म्हणत सगळं 
भ्रमात जगत राहतो..
सगळं काही इथेच सोडून
 एकटाच सोडून जातो..

©गोरक्ष अशोक उंबरकर

वाह रे माणसा..

14 Love

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