जो बातें करने की थी
वो बातें तो कभी की ही नहीं हमनें।
न इक-दूसरे से कोई सवाल किया,
न इक-दूसरे को कोई वज़ाहतें दी हमने।
यूॅं तो शिकायतें भी बहुत थी हम दोनों को भी,
वो शिकायतें भी इक-दूसरे के सामने ज़ाहिर नहीं की हमनें।
बस समझाते ही रहे एक-दूसरे को और
इक-दूसरे को समझने के रास्ते ही बंद कर दिए हमने।
चाहते अगर हम तो इंतज़ार ख़त्म हो जाता आसानी से
और फ़िर भी इंतज़ार में ही बेहतरीन वक़्त गॅंवा दिया हमनें।
बस बातें ही करते रह गए मोहब्बत की,
और जैसे करनी चाहिए थी वैसी मोहब्बत तो की ही नहीं हमनें।
ये हमारी अना है या फ़िर तक़दीर ही कुछ ऐसी है,
ये तो पता नहीं लेकिन कहीं कोई ग़लती तो की है हमनें।
जो बातें करने की थी वो बातें तो की ही नहीं हमनें
बस ख़ामोशियों में ही इक तवील अर्सा गुज़ार दिया हमनें।
#bas yunhi .......
©Sh@kila Niy@z
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