tags

New प्यार ओ रब्बा Status, Photo, Video

Find the latest Status about प्यार ओ रब्बा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about प्यार ओ रब्बा.

  • Latest
  • Popular
  • Video

"करीब रखकर दिल के पास, उसके एहसास-ओ-ख़्याल; लुटा बैठे हम तो, अपना चैन-ओ-क़रार।" ©Anjali Singhal

#AnjaliSinghal #waiting  "करीब रखकर दिल के पास,
उसके एहसास-ओ-ख़्याल;
लुटा बैठे हम तो,
अपना चैन-ओ-क़रार।"

©Anjali Singhal

#waiting "करीब रखकर दिल के पास, उसके एहसास-ओ-ख़्याल; लुटा बैठे हम तो, अपना चैन-ओ-क़रार।" #AnjaliSinghal

13 Love

#प्यार #विचार  White एक रिस्ता है जो
निभाए जा सकता है और एक फरिस्ता है जो
प्यार जैसा एहसास या अफ़सोस मन और आत्मा से किया जा सकता है जो आप अंदरों अंदर महसूस किया करते होंगे,

©Mahesh Vaghela

हम वो पीढ़ी हैं, जिसने महाकुम्भ भी देखा है। तपस्वीनी इस धारा को हमने, सजते-संवारते देखा है। पतित-पावनी इस धरती पर पतितों को पावन होते देखा है। साधु सन्तों से सजी धरती को, खुद पर इतराते देखा है। नर-नारी और किन्नर को एक घाट पर बसते देखा है। अर्पण-तर्पण की भूमि पर हमने, पूर्ण समर्पण देखा है। मोह-माया में फसे जनों को भक्ति में डूबा देखा है। नेता-अभिनेताओं को भी हमने, संगम में डुबकी लगाते देखा है। हाड़ कपाती सर्दी में हमने शाही स्नान भी देखा है। संगम की नदियों को हमने, मिलकर नृत्य करते देखा है। ‘गूगल बाबा’ को भी हमने ‘महाकुंभ’ का दीवाना देखा है, ‘महाकुंभ’ के नाम पर, पुष्प वर्षा करते देखा है। 144 साल बाद आने वाले इस पर्व को हमारी पीढ़ी ने देखा है। धन्य हैं हम! जो इस भूमि,इस पीढ़ी में जन्मे, हा हमने भी, ‘जन्नत’ को धरती पर देखा है। ‘जन्नत, को धरती पर देखा है। ©ANURAG

#सबको_हक़_हैं_इससे_आजाद_होना_ज़रूरी_हैं #पीढी_दर_पीढी #महाकुंभ2025 #सबको #wishes  हम वो पीढ़ी हैं, जिसने महाकुम्भ भी देखा है।
तपस्वीनी इस धारा को हमने,
सजते-संवारते देखा है।

पतित-पावनी इस धरती पर पतितों को पावन होते देखा है।
साधु सन्तों से सजी धरती को,
खुद पर इतराते देखा है।

नर-नारी और किन्नर को एक घाट पर बसते देखा है।
अर्पण-तर्पण की भूमि पर हमने,
पूर्ण समर्पण देखा है।

मोह-माया में फसे जनों को भक्ति में डूबा देखा है।
नेता-अभिनेताओं को भी हमने,
संगम में डुबकी लगाते देखा है।

हाड़ कपाती सर्दी में हमने शाही स्नान भी देखा है।
संगम की नदियों को हमने,
मिलकर नृत्य करते देखा है।

‘गूगल बाबा’ को भी हमने ‘महाकुंभ’ का दीवाना देखा है,
‘महाकुंभ’ के नाम पर,
पुष्प वर्षा करते देखा है।

144 साल बाद आने वाले इस पर्व को हमारी पीढ़ी ने देखा है।
धन्य हैं हम!
जो इस भूमि,इस पीढ़ी में जन्मे,
हा हमने भी, ‘जन्नत’ को धरती पर देखा है।
‘जन्नत, को धरती पर देखा है।

©ANURAG

कभी वो भी जवां थे हरे पत्ते थे बाग-ए-गुलिस्तां में हवा के संग जज़्बे रखाँ थे ढलती उम्र बता गई जब तक जोश था छायां पाने को लोग जमा थे सूखे हुए जो ही झटक कर तोड़ गए सब साथ भी छोड़ गए सब ©Dr Supreet Singh

#प्यार  कभी वो भी जवां थे हरे पत्ते थे 
बाग-ए-गुलिस्तां में 
हवा के संग जज़्बे रखाँ थे
ढलती उम्र बता गई
जब तक जोश था छायां पाने को लोग जमा थे
सूखे हुए जो ही झटक कर तोड़ गए 
सब साथ भी छोड़ गए सब

©Dr Supreet Singh

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset नज़रना जिंदगी का हमारे लिए निभाना साथ सनम सातों जन्म सांस थम जाए कभी " जालिम " हमेशा सागर की लहरों सा प्यार करना सदा के लिए ©Sanjay Kumar

 a-person-standing-on-a-beach-at-sunset नज़रना जिंदगी का हमारे लिए
 निभाना साथ सनम सातों जन्म
सांस थम जाए  कभी " जालिम "
हमेशा सागर की लहरों सा प्यार 
करना सदा के लिए

©Sanjay Kumar

## प्यार##

11 Love

New Year Resolutions जैसे हर साल गुज़र जाता है.. दर्द-ओ-ग़म क्यों गुज़र नहीं जाते.. यूसुफ़ आर खान. ©F M POETRY

#newyearresolutions  New Year Resolutions जैसे हर साल गुज़र जाता है..

दर्द-ओ-ग़म क्यों गुज़र नहीं जाते..

यूसुफ़ आर खान.

©F M POETRY

#newyearresolutions दर्द-ओ-ग़म....

14 Love

"करीब रखकर दिल के पास, उसके एहसास-ओ-ख़्याल; लुटा बैठे हम तो, अपना चैन-ओ-क़रार।" ©Anjali Singhal

#AnjaliSinghal #waiting  "करीब रखकर दिल के पास,
उसके एहसास-ओ-ख़्याल;
लुटा बैठे हम तो,
अपना चैन-ओ-क़रार।"

©Anjali Singhal

#waiting "करीब रखकर दिल के पास, उसके एहसास-ओ-ख़्याल; लुटा बैठे हम तो, अपना चैन-ओ-क़रार।" #AnjaliSinghal

13 Love

#प्यार #विचार  White एक रिस्ता है जो
निभाए जा सकता है और एक फरिस्ता है जो
प्यार जैसा एहसास या अफ़सोस मन और आत्मा से किया जा सकता है जो आप अंदरों अंदर महसूस किया करते होंगे,

©Mahesh Vaghela

हम वो पीढ़ी हैं, जिसने महाकुम्भ भी देखा है। तपस्वीनी इस धारा को हमने, सजते-संवारते देखा है। पतित-पावनी इस धरती पर पतितों को पावन होते देखा है। साधु सन्तों से सजी धरती को, खुद पर इतराते देखा है। नर-नारी और किन्नर को एक घाट पर बसते देखा है। अर्पण-तर्पण की भूमि पर हमने, पूर्ण समर्पण देखा है। मोह-माया में फसे जनों को भक्ति में डूबा देखा है। नेता-अभिनेताओं को भी हमने, संगम में डुबकी लगाते देखा है। हाड़ कपाती सर्दी में हमने शाही स्नान भी देखा है। संगम की नदियों को हमने, मिलकर नृत्य करते देखा है। ‘गूगल बाबा’ को भी हमने ‘महाकुंभ’ का दीवाना देखा है, ‘महाकुंभ’ के नाम पर, पुष्प वर्षा करते देखा है। 144 साल बाद आने वाले इस पर्व को हमारी पीढ़ी ने देखा है। धन्य हैं हम! जो इस भूमि,इस पीढ़ी में जन्मे, हा हमने भी, ‘जन्नत’ को धरती पर देखा है। ‘जन्नत, को धरती पर देखा है। ©ANURAG

#सबको_हक़_हैं_इससे_आजाद_होना_ज़रूरी_हैं #पीढी_दर_पीढी #महाकुंभ2025 #सबको #wishes  हम वो पीढ़ी हैं, जिसने महाकुम्भ भी देखा है।
तपस्वीनी इस धारा को हमने,
सजते-संवारते देखा है।

पतित-पावनी इस धरती पर पतितों को पावन होते देखा है।
साधु सन्तों से सजी धरती को,
खुद पर इतराते देखा है।

नर-नारी और किन्नर को एक घाट पर बसते देखा है।
अर्पण-तर्पण की भूमि पर हमने,
पूर्ण समर्पण देखा है।

मोह-माया में फसे जनों को भक्ति में डूबा देखा है।
नेता-अभिनेताओं को भी हमने,
संगम में डुबकी लगाते देखा है।

हाड़ कपाती सर्दी में हमने शाही स्नान भी देखा है।
संगम की नदियों को हमने,
मिलकर नृत्य करते देखा है।

‘गूगल बाबा’ को भी हमने ‘महाकुंभ’ का दीवाना देखा है,
‘महाकुंभ’ के नाम पर,
पुष्प वर्षा करते देखा है।

144 साल बाद आने वाले इस पर्व को हमारी पीढ़ी ने देखा है।
धन्य हैं हम!
जो इस भूमि,इस पीढ़ी में जन्मे,
हा हमने भी, ‘जन्नत’ को धरती पर देखा है।
‘जन्नत, को धरती पर देखा है।

©ANURAG

कभी वो भी जवां थे हरे पत्ते थे बाग-ए-गुलिस्तां में हवा के संग जज़्बे रखाँ थे ढलती उम्र बता गई जब तक जोश था छायां पाने को लोग जमा थे सूखे हुए जो ही झटक कर तोड़ गए सब साथ भी छोड़ गए सब ©Dr Supreet Singh

#प्यार  कभी वो भी जवां थे हरे पत्ते थे 
बाग-ए-गुलिस्तां में 
हवा के संग जज़्बे रखाँ थे
ढलती उम्र बता गई
जब तक जोश था छायां पाने को लोग जमा थे
सूखे हुए जो ही झटक कर तोड़ गए 
सब साथ भी छोड़ गए सब

©Dr Supreet Singh

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset नज़रना जिंदगी का हमारे लिए निभाना साथ सनम सातों जन्म सांस थम जाए कभी " जालिम " हमेशा सागर की लहरों सा प्यार करना सदा के लिए ©Sanjay Kumar

 a-person-standing-on-a-beach-at-sunset नज़रना जिंदगी का हमारे लिए
 निभाना साथ सनम सातों जन्म
सांस थम जाए  कभी " जालिम "
हमेशा सागर की लहरों सा प्यार 
करना सदा के लिए

©Sanjay Kumar

## प्यार##

11 Love

New Year Resolutions जैसे हर साल गुज़र जाता है.. दर्द-ओ-ग़म क्यों गुज़र नहीं जाते.. यूसुफ़ आर खान. ©F M POETRY

#newyearresolutions  New Year Resolutions जैसे हर साल गुज़र जाता है..

दर्द-ओ-ग़म क्यों गुज़र नहीं जाते..

यूसुफ़ आर खान.

©F M POETRY

#newyearresolutions दर्द-ओ-ग़म....

14 Love

Trending Topic