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आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain

#विचार  आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है 
भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है
 अपनी सुख सुविधाओं के लिए....
फिर स्वयं विवश होती है
 अपने दुःख और दुविधाओं से...!!

©Anjali Jain

आज का विचार 08.12.24 आज का विचार

16 Love

White पूछती है लेखिनी कह कौन चित्त का चोर है..!! कह कौन मनमंदिर बसा कह कौन वह सिरमोर है..!! कहता हूं तब,जब जो मिला सब भावना का जोर है.. इक यंत्र हूं कुछ भी नहीं कागज़ कलम तक तोर है..!! जो जल रही है ज्योत पावन प्रेम जिसका नाम है बस है वही निर्मल छवि दैदीप्यता नहि थोर है..!! भावों की माटी में मिला मैं नीर अपने प्रेम का गढ़ता हूं जब मूरत मनोहर न दिखा कोई छोर है..!! तृण का हूं तृण, सर्वज्ञ वो , जिससे उजाला है मेरा हूँ मैं अपावन पावना वो , मैं निशा वो भोर है..!! उसमें मुझे जो भी दिखा, उसका ही उसको सौंपता फिर भी ना जाने क्यूँ लगे व्यक्तित्व वो घनघोर है..!! उससे ही मिलती प्रेरणा उससे ही मिलती है दिशा फिर भी ना जाने क्यूँ मेरी चर्चाएं चारों ओर है.. ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#अनुपमा #शायरी  White पूछती है लेखिनी कह कौन चित्त का चोर है..!! 
कह कौन मनमंदिर बसा कह कौन वह सिरमोर है..!! 

कहता हूं तब,जब जो मिला सब भावना का जोर है.. 
इक यंत्र हूं कुछ भी नहीं कागज़ कलम तक तोर है..!!

जो जल रही है ज्योत पावन प्रेम जिसका नाम है 
बस है वही निर्मल छवि दैदीप्यता नहि थोर है..!!

भावों की माटी में मिला मैं नीर अपने प्रेम का 
गढ़ता हूं जब मूरत मनोहर न दिखा कोई छोर है..!!

तृण का हूं तृण, सर्वज्ञ वो , जिससे उजाला है मेरा 
हूँ मैं अपावन पावना वो , मैं निशा वो भोर है..!!

उसमें मुझे जो भी दिखा, उसका ही उसको सौंपता 
फिर भी ना जाने क्यूँ लगे व्यक्तित्व वो घनघोर है..!!

उससे ही मिलती प्रेरणा उससे ही मिलती है दिशा 
फिर भी ना जाने क्यूँ मेरी चर्चाएं चारों ओर है..

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
#विचार

आज का विचार सुप्रभात Entrance examination आज का विचार

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White सज्जन व्यक्ति स्वतः प्रसन्न रहते हैं दुर्जन व्यक्तियों को प्रसन्न करना पड़ता है फिर भी वे प्रसन्न नहीं होते, अतः निरर्थक प्रयास करना छोड़ें और स्वयं प्रसन्न रहें!! ©Anjali Jain

#विचार #sad_dp  White  सज्जन व्यक्ति स्वतः प्रसन्न रहते हैं 
दुर्जन व्यक्तियों को प्रसन्न करना पड़ता है 
फिर भी वे प्रसन्न नहीं होते,
अतः निरर्थक प्रयास करना छोड़ें और 
स्वयं प्रसन्न रहें!!

©Anjali Jain

#sad_dp आज का विचार 22.10.24 आज का विचार

23 Love

आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain

#विचार  आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है 
भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है
 अपनी सुख सुविधाओं के लिए....
फिर स्वयं विवश होती है
 अपने दुःख और दुविधाओं से...!!

©Anjali Jain

आज का विचार 08.12.24 आज का विचार

16 Love

White पूछती है लेखिनी कह कौन चित्त का चोर है..!! कह कौन मनमंदिर बसा कह कौन वह सिरमोर है..!! कहता हूं तब,जब जो मिला सब भावना का जोर है.. इक यंत्र हूं कुछ भी नहीं कागज़ कलम तक तोर है..!! जो जल रही है ज्योत पावन प्रेम जिसका नाम है बस है वही निर्मल छवि दैदीप्यता नहि थोर है..!! भावों की माटी में मिला मैं नीर अपने प्रेम का गढ़ता हूं जब मूरत मनोहर न दिखा कोई छोर है..!! तृण का हूं तृण, सर्वज्ञ वो , जिससे उजाला है मेरा हूँ मैं अपावन पावना वो , मैं निशा वो भोर है..!! उसमें मुझे जो भी दिखा, उसका ही उसको सौंपता फिर भी ना जाने क्यूँ लगे व्यक्तित्व वो घनघोर है..!! उससे ही मिलती प्रेरणा उससे ही मिलती है दिशा फिर भी ना जाने क्यूँ मेरी चर्चाएं चारों ओर है.. ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#अनुपमा #शायरी  White पूछती है लेखिनी कह कौन चित्त का चोर है..!! 
कह कौन मनमंदिर बसा कह कौन वह सिरमोर है..!! 

कहता हूं तब,जब जो मिला सब भावना का जोर है.. 
इक यंत्र हूं कुछ भी नहीं कागज़ कलम तक तोर है..!!

जो जल रही है ज्योत पावन प्रेम जिसका नाम है 
बस है वही निर्मल छवि दैदीप्यता नहि थोर है..!!

भावों की माटी में मिला मैं नीर अपने प्रेम का 
गढ़ता हूं जब मूरत मनोहर न दिखा कोई छोर है..!!

तृण का हूं तृण, सर्वज्ञ वो , जिससे उजाला है मेरा 
हूँ मैं अपावन पावना वो , मैं निशा वो भोर है..!!

उसमें मुझे जो भी दिखा, उसका ही उसको सौंपता 
फिर भी ना जाने क्यूँ लगे व्यक्तित्व वो घनघोर है..!!

उससे ही मिलती प्रेरणा उससे ही मिलती है दिशा 
फिर भी ना जाने क्यूँ मेरी चर्चाएं चारों ओर है..

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
#विचार

आज का विचार सुप्रभात Entrance examination आज का विचार

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White सज्जन व्यक्ति स्वतः प्रसन्न रहते हैं दुर्जन व्यक्तियों को प्रसन्न करना पड़ता है फिर भी वे प्रसन्न नहीं होते, अतः निरर्थक प्रयास करना छोड़ें और स्वयं प्रसन्न रहें!! ©Anjali Jain

#विचार #sad_dp  White  सज्जन व्यक्ति स्वतः प्रसन्न रहते हैं 
दुर्जन व्यक्तियों को प्रसन्न करना पड़ता है 
फिर भी वे प्रसन्न नहीं होते,
अतः निरर्थक प्रयास करना छोड़ें और 
स्वयं प्रसन्न रहें!!

©Anjali Jain

#sad_dp आज का विचार 22.10.24 आज का विचार

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