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ख़ुदा करे, इक सांस बगावत की भी मयस्सर हो, ये ज़िंदगी तो बस सलीकों में सिमट गई। दिल ने चाहा कि ज़रा बेख़ौफ धड़क लें, मगर हर धड़कन अदब के साए में घुट गई। अब इल्तिज़ा है कि थोड़ा खुला आसमान मिले, वरना ये हसरत भी वक्त के साथ ही मिट गई। ज़िंदगी जो हँसते हुए बसर करनी थी, वो शिकायतों के दायरों में ही सिमट गई। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #कविता  ख़ुदा करे, इक सांस बगावत की भी मयस्सर हो,
ये ज़िंदगी तो बस सलीकों में सिमट गई।

दिल ने चाहा कि ज़रा बेख़ौफ धड़क लें,
मगर हर धड़कन अदब के साए में घुट गई।

अब इल्तिज़ा है कि थोड़ा खुला आसमान मिले,
वरना ये हसरत भी वक्त के साथ ही मिट गई।

ज़िंदगी जो हँसते हुए बसर करनी थी,
वो शिकायतों के दायरों में ही सिमट गई।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर ख़ुदा करे, इक सांस बगावत की भी मयस्सर हो, ये ज़िंदगी तो बस सलीकों में सिमट गई। दिल ने चाहा कि ज़रा बेख़ौफ धड़क लें, मगर हर धड

16 Love

इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे काग़ज़ पर गिरा, पानी का असर निकला। अरमान सजे थे जिनसे रोशन मेरी दुनिया, वो चिराग़ जला लेकिन हवा का असर निकला। मिलन की घड़ी आई तो जुदाई के साए थे, जिसे चाहा था अपना, वो भी बेख़बर निकला। ख़्वाबों की हक़ीक़त में जो देखा था कभी हमने, आईना दिखाया तो हर शक्ल बदल निकला। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक,
दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला।

जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता,
जैसे काग़ज़ पर गिरा, पानी का असर निकला।

अरमान सजे थे जिनसे रोशन मेरी दुनिया,
वो चिराग़ जला लेकिन हवा का असर निकला।

मिलन की घड़ी आई तो जुदाई के साए थे,
जिसे चाहा था अपना, वो भी बेख़बर निकला।

ख़्वाबों की हक़ीक़त में जो देखा था कभी हमने,
आईना दिखाया तो हर शक्ल बदल निकला।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे का

14 Love

Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey} अनुचित बात को ना कहना चाहिए, उचित का समर्थन करना परम आवश्यक है, चुप रहना हर बात खुला समर्थन है, किसी भी समस्या का हल नहीं होता, हम पाप को छुपाने में हम माहिर हैं, पूण्य का बखान करते हुए जीना एक दिन दूभर कर देता है, पाप छुपाने से बढ़ता है, और पूण्य का बखान करना, पूण्य को खर्च करना है। जय श्री राधेकृष्ण जी। N S Yadav GoldMine. ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #leafbook  Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey}
अनुचित बात को ना कहना चाहिए,
उचित का समर्थन करना परम
आवश्यक है, चुप रहना हर बात खुला
समर्थन है, किसी भी समस्या का 
हल नहीं होता, हम पाप को छुपाने
में हम माहिर हैं, पूण्य का बखान
करते हुए जीना एक दिन दूभर कर
देता है, पाप छुपाने से बढ़ता है, और
पूण्य का बखान करना, पूण्य को
खर्च करना है। जय श्री राधेकृष्ण जी।                                      N S Yadav GoldMine.

©N S Yadav GoldMine

#leafbook {Bolo Ji Radhey Radhey} अनुचित बात को ना कहना चाहिए, उचित का समर्थन करना परम आवश्यक है, चुप रहना हर बात खुला समर्थन है, किसी भी सम

11 Love

White खुला बादल गगन के ये सितारे.. सभी में अक्स दिखते हैँ तुम्हारे.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY

#खुला  White खुला बादल गगन के ये सितारे..

सभी में अक्स दिखते हैँ तुम्हारे..


यूसुफ़ आर खान....

©F M POETRY

#खुला बादल गगन के....

15 Love

White अगर मैं लिखूं किताब तो तुझे अपना लिखूंगा , खुली आंखों से देखा हुआ सपना लिखूंगा, लिख कर सारे दुख अपने हिस्से तेरे हिस्से बस हंसना लिखूंगा ©Palak Parmar

 White अगर मैं लिखूं किताब तो तुझे अपना लिखूंगा , 
खुली आंखों से देखा हुआ सपना लिखूंगा, लिख कर सारे दुख अपने हिस्से 
तेरे हिस्से बस हंसना लिखूंगा

©Palak Parmar

अगर मैं लिखूं किताब तो तुझे अपना लिखूंगा , खुली आंखों से देखा हुआ सपना लिखूंगा, लिख कर सारे दुख अपने हिस्से तेरे हिस्से बस हंसना लिखूंगा

10 Love

बाक़माल और बेमिसाल है वो एक दम बिंदास है वो दिल मे कुछ नहीं रखती वो ऐसी एक खुली किताब है वो bhawna ji you are the best ♥️👍 @Aditi Agrawal

351 View

ख़ुदा करे, इक सांस बगावत की भी मयस्सर हो, ये ज़िंदगी तो बस सलीकों में सिमट गई। दिल ने चाहा कि ज़रा बेख़ौफ धड़क लें, मगर हर धड़कन अदब के साए में घुट गई। अब इल्तिज़ा है कि थोड़ा खुला आसमान मिले, वरना ये हसरत भी वक्त के साथ ही मिट गई। ज़िंदगी जो हँसते हुए बसर करनी थी, वो शिकायतों के दायरों में ही सिमट गई। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #कविता  ख़ुदा करे, इक सांस बगावत की भी मयस्सर हो,
ये ज़िंदगी तो बस सलीकों में सिमट गई।

दिल ने चाहा कि ज़रा बेख़ौफ धड़क लें,
मगर हर धड़कन अदब के साए में घुट गई।

अब इल्तिज़ा है कि थोड़ा खुला आसमान मिले,
वरना ये हसरत भी वक्त के साथ ही मिट गई।

ज़िंदगी जो हँसते हुए बसर करनी थी,
वो शिकायतों के दायरों में ही सिमट गई।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर ख़ुदा करे, इक सांस बगावत की भी मयस्सर हो, ये ज़िंदगी तो बस सलीकों में सिमट गई। दिल ने चाहा कि ज़रा बेख़ौफ धड़क लें, मगर हर धड

16 Love

इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे काग़ज़ पर गिरा, पानी का असर निकला। अरमान सजे थे जिनसे रोशन मेरी दुनिया, वो चिराग़ जला लेकिन हवा का असर निकला। मिलन की घड़ी आई तो जुदाई के साए थे, जिसे चाहा था अपना, वो भी बेख़बर निकला। ख़्वाबों की हक़ीक़त में जो देखा था कभी हमने, आईना दिखाया तो हर शक्ल बदल निकला। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर #शायरी  इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक,
दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला।

जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता,
जैसे काग़ज़ पर गिरा, पानी का असर निकला।

अरमान सजे थे जिनसे रोशन मेरी दुनिया,
वो चिराग़ जला लेकिन हवा का असर निकला।

मिलन की घड़ी आई तो जुदाई के साए थे,
जिसे चाहा था अपना, वो भी बेख़बर निकला।

ख़्वाबों की हक़ीक़त में जो देखा था कभी हमने,
आईना दिखाया तो हर शक्ल बदल निकला।

©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे का

14 Love

Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey} अनुचित बात को ना कहना चाहिए, उचित का समर्थन करना परम आवश्यक है, चुप रहना हर बात खुला समर्थन है, किसी भी समस्या का हल नहीं होता, हम पाप को छुपाने में हम माहिर हैं, पूण्य का बखान करते हुए जीना एक दिन दूभर कर देता है, पाप छुपाने से बढ़ता है, और पूण्य का बखान करना, पूण्य को खर्च करना है। जय श्री राधेकृष्ण जी। N S Yadav GoldMine. ©N S Yadav GoldMine

#मोटिवेशनल #leafbook  Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey}
अनुचित बात को ना कहना चाहिए,
उचित का समर्थन करना परम
आवश्यक है, चुप रहना हर बात खुला
समर्थन है, किसी भी समस्या का 
हल नहीं होता, हम पाप को छुपाने
में हम माहिर हैं, पूण्य का बखान
करते हुए जीना एक दिन दूभर कर
देता है, पाप छुपाने से बढ़ता है, और
पूण्य का बखान करना, पूण्य को
खर्च करना है। जय श्री राधेकृष्ण जी।                                      N S Yadav GoldMine.

©N S Yadav GoldMine

#leafbook {Bolo Ji Radhey Radhey} अनुचित बात को ना कहना चाहिए, उचित का समर्थन करना परम आवश्यक है, चुप रहना हर बात खुला समर्थन है, किसी भी सम

11 Love

White खुला बादल गगन के ये सितारे.. सभी में अक्स दिखते हैँ तुम्हारे.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY

#खुला  White खुला बादल गगन के ये सितारे..

सभी में अक्स दिखते हैँ तुम्हारे..


यूसुफ़ आर खान....

©F M POETRY

#खुला बादल गगन के....

15 Love

White अगर मैं लिखूं किताब तो तुझे अपना लिखूंगा , खुली आंखों से देखा हुआ सपना लिखूंगा, लिख कर सारे दुख अपने हिस्से तेरे हिस्से बस हंसना लिखूंगा ©Palak Parmar

 White अगर मैं लिखूं किताब तो तुझे अपना लिखूंगा , 
खुली आंखों से देखा हुआ सपना लिखूंगा, लिख कर सारे दुख अपने हिस्से 
तेरे हिस्से बस हंसना लिखूंगा

©Palak Parmar

अगर मैं लिखूं किताब तो तुझे अपना लिखूंगा , खुली आंखों से देखा हुआ सपना लिखूंगा, लिख कर सारे दुख अपने हिस्से तेरे हिस्से बस हंसना लिखूंगा

10 Love

बाक़माल और बेमिसाल है वो एक दम बिंदास है वो दिल मे कुछ नहीं रखती वो ऐसी एक खुली किताब है वो bhawna ji you are the best ♥️👍 @Aditi Agrawal

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