अब ये चाहत नहीं कि वो ढूॅंढे मुझे,
अब दिल ये चाहता है कि उसके दिल-ओ-ज़ेहन से ही निकल जाऊॅं मैं।
इस बड़ी सी दुनिया के किसी गुमनाम से कोने में बस खो जाऊॅं मैं।
यूॅं लगता था मुझे की मोहब्बत के साथ वो यक़ीन भी करता है मुझ पर
खैर, इस ग़लत-फ़हमी से अब और कितना अपने दिल को बहलाऊँ मैं??
इक मेरे सिवा उसे बाक़ी सब नज़र आते हैं,
लेकिन मलाल सिर्फ़ इस बात का है कि उसे बस मैं ही नज़र नहीं आती,
अब कोशिश मैं भी करुॅंगी कि अब उस की नज़र को नज़र ही न आऊॅं मैं।
ग़लती मेरी थी ही नहीं कोई लेकिन अंजाने में ही सही
उसके दर्द और तकलीफ़ की वजह मैं बन गई,
अब बेहतर यही है कि दिल से उसके उतर ही जाऊॅं मैं।
उसने जो भी किया उसकी सज़ा उस से भी ज़्यादा मुझे मिली है,
दिल की तड़प कितनी ही बार ऑंसू बन कर आँखों से निकली है।
ये बात उसे अब कैसे और कहाॅं तक समझाऊॅं मैं ??
दिल चाहता है कि सब कुछ ठीक हो जाए
लेकिन दिल की ये चाहत उसे कैसे दिखाऊॅं मैं??
अब उम्मीद ही ना रही कोई बाक़ी, अब दिल ये चाहता है कि ,
बस कहीं खो जाऊॅं मैं,उसकी नज़र से ओझल हो जाऊॅं मैं।
हो सकता है कि फ़िर आसानी हो उसके लिए मुझे भूल जाने में
लेकिन ये मुमकिन ही नहीं कि उसे भूल जाऊॅं मैं।
#bas yunhi ek khayaal .......
©Sh@kila Niy@z
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