navroop singh

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White झोका हवा का सरससरता है पनघट पे इस तरह इन गुलाबी शामों को महकाता है कोई जिस तरह उन शबनमी आखों में डूब जाए हम इस कदर इन गुलाबी श्यामो में मदहोश हो जाए अक्सर ! यह सर्द शामों की रूहानियत और तुम्हे क्या कहे हम जैसे सागर सी गहरी सासों में खोए हम तेरे अक्स में ढूंढे यह परवाना परछाई अपनी कहा हो तुम मेरे हमनवा आओ फिर एक हो जाए हम ! झोका हवा का आता है कुछ इस तरह दिल की धड़कनों को बढ़ाता है कोई इस तरह ना जाने कहां है वो साथी वो हमसफर एक नादान सा परिंदा जो आसमान को छूले ! सांझ ढले तेरी राह देखे यह नयन मेरे लौट आ अब अपने आशियाने में ज़रा ! झोका हवा का आता है बस इस तरह कोई पैगाम लाता है जिस तरह ! ©navroop singh

#Jhokha  White झोका हवा का सरससरता है पनघट पे इस तरह 
इन गुलाबी शामों को महकाता है कोई जिस तरह
उन शबनमी आखों में डूब जाए हम इस कदर 
इन गुलाबी श्यामो में मदहोश हो जाए अक्सर !

यह सर्द शामों की रूहानियत और तुम्हे क्या कहे हम
जैसे सागर सी गहरी सासों में खोए हम
तेरे अक्स में ढूंढे यह परवाना परछाई अपनी 
कहा हो तुम मेरे हमनवा आओ फिर एक हो जाए हम !

झोका हवा का आता है कुछ इस तरह 
दिल की धड़कनों को बढ़ाता है कोई इस तरह 
ना जाने कहां है वो साथी वो हमसफर 
एक नादान सा परिंदा जो आसमान को छूले !

सांझ ढले तेरी राह देखे यह नयन मेरे
लौट आ अब अपने आशियाने में ज़रा !
झोका हवा का आता है बस इस तरह 
कोई पैगाम लाता है जिस तरह !

©navroop singh

#Jhokha

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#tarane  White "इस दिल की आहटों को सुनो ज़रा 
लफ़्ज़ कहानी के यह सुना रही हैं 
इस दिल की धड़कन को सुनो ज़रा 
उस प्रेम कहानी की गाथा गा रही है 
मुस्कुराते चेहरों के पीछे ना जाने कितने राज़ हैं
हस्ती है सूरत और अक्स नासाज़ है 

तेरे इश्क़ में जोगन बने हम ओ सनम 
प्यार की इन कसौटियों में कितने बिखरे हम
जीवन का फ़लसफ़ा तो देखो यारों 
इस दिल की आवाज़ तो सुनो मेरे प्यारों 
जीते हैं हम उसे दीवानों की तरह आज भी 
हम तो वह परवाने जो जले सुबह शाम भी 

एक मधुर सी ज़िंदगी यह धुन गुनगुना रही है
फिर एक शाम यह धड़कन वही गीत गा रही है 
चाहेंगे तुझे सदियों भर यह इश्क़ कवायत है हमारी
तेरी अक्स में महफ़ूज़ रहे हम सनम यह जन्नत है हमारी 
सदा ख़ुश रहे तू ए हसीन बस यही दुआ है हमारी 
गाता है दिल इस धड़कन को सुनो ज़रा
फिर मिलेंगे हम बेदर्दी बालमा तराने गाता है यह मन मेरा….”

©navroop singh

#tarane

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Shree Ram अयोध्या में पधारो मेरे रघुवर श्री राम जग है पुकारे तुम्हे इस पावन धाम मुख पे सूरज सा तेज और कोमल काया धर्म के प्रतिबिंब और न्याय के पालनहार है मर्यादा पुरषोत्तम मेरे प्रभु श्री राम मैया सीता और लक्ष्मण के प्रिय प्रभु श्री राम संसार है गाए तुम्हारी लीला हे नाथ दशरथ है पूछे क्यों जाए तुम वनवास हे राम कहे राम माता कैकई अज्ञा धर्म अनुसार विधि का यही विधान रघुकुल वचन प्राण समान परम भक्त हनुमान के अराध्य प्रभु श्री राम असुरों के तारणहार मेरे प्रिय कौशल्या लाल एक बार फिर पधारो यह पावन अयोध्या धाम नारायण की लीला और नारायणी का साथ युगों युगों है ज्ञात नाम तुम्हारा हे जानकी राम जय सियाराम ! जय सियाराम 🙏🏻🪔🕉️ ©navroop singh

#shreeram  Shree Ram अयोध्या में पधारो मेरे रघुवर श्री राम
जग है पुकारे तुम्हे इस पावन धाम
मुख पे सूरज सा तेज और कोमल काया
धर्म के प्रतिबिंब और न्याय के पालनहार
है मर्यादा पुरषोत्तम मेरे प्रभु श्री राम

मैया सीता और लक्ष्मण के प्रिय प्रभु श्री राम
संसार है गाए तुम्हारी लीला हे नाथ
दशरथ है पूछे क्यों जाए तुम वनवास हे राम
कहे राम माता कैकई अज्ञा धर्म अनुसार
विधि का यही विधान रघुकुल वचन प्राण समान

परम भक्त हनुमान के अराध्य प्रभु श्री राम
असुरों के तारणहार मेरे प्रिय कौशल्या लाल
एक बार फिर पधारो यह पावन अयोध्या धाम
नारायण की लीला और नारायणी का साथ
युगों युगों है ज्ञात नाम तुम्हारा हे जानकी राम

जय सियाराम ! जय सियाराम 🙏🏻🪔🕉️

©navroop singh

#shreeram

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आज फिर दिल से एक फरियाद निकली जैसे तेरे ख्वाबों की बारात निकली खोजते तुम्हें हम सुबह शाम ओ हमनशीन परछाई तेरी जैसे आस पास से गुज़री आज फिर एक बार तेरी बात निकली इन वीरान शामों को रोज़ बिखरते हम जैसे सूरज की वो आखरी किरण निकली चांदनी रातों के सिलवटों में कुछ खोए से हम इन आंखों से वो ओस की बूंदें बह चली आज फिर दिल से एक फरियाद निकली उन किस्से कहानियों की याद गुज़री तेरे अक्स को महफूज रखें हम एक कोने में जैसे दिल से धीमे धीमे धड़कन निकली ©navroop singh

#Fariyaad  आज फिर दिल से एक फरियाद निकली
जैसे तेरे ख्वाबों की बारात निकली
खोजते तुम्हें हम सुबह शाम ओ हमनशीन
परछाई तेरी जैसे आस पास से गुज़री 

आज फिर एक बार तेरी बात निकली 
इन वीरान शामों को रोज़ बिखरते हम
जैसे सूरज की वो आखरी किरण निकली
चांदनी रातों के सिलवटों में कुछ खोए से हम
 इन आंखों से वो ओस की बूंदें बह चली 

आज फिर दिल से एक फरियाद निकली 
उन किस्से कहानियों की याद गुज़री
तेरे अक्स को महफूज रखें हम एक कोने में
जैसे दिल से धीमे धीमे धड़कन निकली

©navroop singh

#Fariyaad

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#safar  "वक्त के दरमियान न जाने कितने फलसफे हैं
तेरी मेरी चाहतों के ना जाने कितने किस्से हैं 
रहेगी सदा तेरी यादें मेरे संग वो खुशबू बन कर
जैसे भंवरे से मंडराते हम उस बगीचे घूमकर..

इन सुरमई रातों के पहर जितने काले है
काजल से उन नयन में विष के प्यालें है
जी करता है झूम उठूं इस मदहोश समय में
तुम क्या जानो मैंने यह दिन कैसे निकाले हैं..

वक्त के दरमियान कितने ख्वाब सजाने हैं
कुछ पूरे तो कुछ अधूरे रह जाने है 
जिंदगी का यही फलसफा है देखो यारो
यह लम्हे तो बस पल में बीत जाने है..

छोटी सी है जिंदगी जीलो किसी अपने संग
ना जाने वो रिश्ते कहां छूट जाने है 
अपना सफर तो बस यही तक था ओ साथी
चल अब चलें इस सफर में कई अफसाने है.. "

©navroop singh

#safar

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#humsafar💖  'अंजाने रस्तों पे सफर आसान ना था,
कोई हमसफर मिला पर वोह अपना ना था,
कहता है जी ले अपनी ज़िन्दगी कुछ लम्हों की,
बस कम्बखत वक़्त ना था,
पाना चाहा उसे पर ना समझा वोह,
लौट आया एक दिन फिर वोह
पर इतेफ़कान वक़्त कम था,
अंजाना सा सफर बस 
वोह हमसफर जो अपना सा था..'

©navroop singh

#humsafar💖

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