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Doubt & do nothing Or accept challenge
इस नए बदलते साल में मैं भी बदल जाना चाहती हूं चाहती हूं कुछ पुराने धब्बों को साफ करना बीत गई बातों को मन से माफ करना नदी की मानिंद बह जाना चाहती हूं इस नए बदलते साल में मै भी बदल जाना चाहती हूं चाहती हूं कुछ और व्यवस्थित हो जाना जिम्मेदारियां होते हुए भी बहुत मुस्कुराना फूलों के रंग और महकती सांसें चाहती हूं इस नए बदलते साल में मैं भी बदल जाना चाहती हूं अपने काम से काम रखना अपनी कही बातों को थाम रखना यूं नहीं किसी से उलझना चाहती हूं इस नए बदलते साल में मैं भी बदल जाना चाहती हूं कुछ सेवा कुछ सत्कर्म करना प्रेम सभी से ओर दान-धर्म करना सुबुद्धि, सुख-समृद्धि ओर शांति चाहती हूं इस नए बदलते साल में मै भी बदल जाना चाहती हूं हर पल को बाहों में स्वाभिमान से भरना चंचल हंसना ओर खूब सजना संवरना हर बीतते लम्हे को भरपूर जीना चाहती हूं इस नए बदलते साल में मै भी बदल जाना चाहती हूं।।। © Anjali Ansh
Anjali Ansh
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बदल गई है रूत, बदल गये हैं बोल बदले हैं लोग और बदला है माहौल बदल रहा, दुआ सलाम का सलीका न रहा कहीं झुकने का तरीका चेले खुद को लगे,उस्ताद से ज्यादा आंकने और लगे, स्वयं का ही गढ़ा ज्ञान बांचने कोई अपने को किसी से कम समझता नहीं सब गुरु ही गुरु है, शिष्य कहीं कोई दिखता नहीं।।। © Anjali Ansh
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