इस नए बदलते साल में मैं भी बदल जाना चाहती हूं चा | हिंदी कविता

"इस नए बदलते साल में मैं भी बदल जाना चाहती हूं चाहती हूं कुछ पुराने धब्बों को साफ करना बीत गई बातों को मन से माफ करना नदी की मानिंद बह जाना चाहती हूं इस नए बदलते साल में मै भी बदल जाना चाहती हूं चाहती हूं कुछ और व्यवस्थित हो जाना जिम्मेदारियां होते हुए भी बहुत मुस्कुराना फूलों के रंग और महकती सांसें चाहती हूं इस नए बदलते साल में मैं भी बदल जाना चाहती हूं अपने काम से काम रखना अपनी कही बातों को थाम रखना यूं नहीं किसी से उलझना चाहती हूं इस नए बदलते साल में मैं भी बदल जाना चाहती हूं कुछ सेवा कुछ सत्कर्म कर‌ना प्रेम सभी से ओर दान-धर्म करना सुबुद्धि, सुख-समृद्धि ओर शांति चाहती हूं इस नए बदलते साल में मै भी बदल जाना चाहती हूं हर पल को बाहों में स्वाभिमान से भरना चंचल हंसना ओर खूब सजना संवरना हर बीतते लम्हे को भरपूर जीना चाहती हूं इस नए बदलते साल में मै भी बदल जाना चाहती हूं।।। © Anjali Ansh"

 इस नए बदलते साल में 
मैं भी बदल जाना चाहती हूं

चाहती हूं कुछ पुराने धब्बों को साफ करना
बीत गई बातों को मन से माफ करना
नदी की मानिंद बह जाना चाहती हूं 
इस नए बदलते साल में 
 मै भी बदल जाना चाहती हूं

चाहती हूं कुछ और व्यवस्थित हो जाना
जिम्मेदारियां होते हुए भी बहुत मुस्कुराना 
फूलों के रंग और महकती सांसें चाहती हूं 
इस नए बदलते साल में 
 मैं भी बदल जाना चाहती हूं

अपने काम से काम रखना 
अपनी कही बातों को थाम रखना
यूं नहीं किसी से उलझना चाहती हूं
इस नए बदलते साल में 
 मैं  भी बदल जाना चाहती हूं

कुछ सेवा कुछ सत्कर्म कर‌ना
प्रेम सभी से ओर दान-धर्म करना 
सुबुद्धि, सुख-समृद्धि ओर शांति चाहती हूं 
इस नए बदलते साल में 
मै भी बदल जाना चाहती हूं

हर  पल को बाहों में स्वाभिमान से भरना 
चंचल हंसना ओर खूब सजना संवरना 
हर बीतते लम्हे को भरपूर  जीना चाहती हूं 
इस नए बदलते साल में 
मै भी बदल जाना चाहती हूं।।।

© Anjali Ansh

इस नए बदलते साल में मैं भी बदल जाना चाहती हूं चाहती हूं कुछ पुराने धब्बों को साफ करना बीत गई बातों को मन से माफ करना नदी की मानिंद बह जाना चाहती हूं इस नए बदलते साल में मै भी बदल जाना चाहती हूं चाहती हूं कुछ और व्यवस्थित हो जाना जिम्मेदारियां होते हुए भी बहुत मुस्कुराना फूलों के रंग और महकती सांसें चाहती हूं इस नए बदलते साल में मैं भी बदल जाना चाहती हूं अपने काम से काम रखना अपनी कही बातों को थाम रखना यूं नहीं किसी से उलझना चाहती हूं इस नए बदलते साल में मैं भी बदल जाना चाहती हूं कुछ सेवा कुछ सत्कर्म कर‌ना प्रेम सभी से ओर दान-धर्म करना सुबुद्धि, सुख-समृद्धि ओर शांति चाहती हूं इस नए बदलते साल में मै भी बदल जाना चाहती हूं हर पल को बाहों में स्वाभिमान से भरना चंचल हंसना ओर खूब सजना संवरना हर बीतते लम्हे को भरपूर जीना चाहती हूं इस नए बदलते साल में मै भी बदल जाना चाहती हूं।।। © Anjali Ansh

#नया साल

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