White इशक मै तो इंसान मै भी भगवान दिखया करह,,,,,,नयु थोडी मै पागल शायर बन गया,बागवान ,,,,तेरे जाये बाद मेरे दिन नयु कटन लागगे,,,,,जयुकर सकुल के प्रेमीया की जुन आली छुट्टी कटया करह,,,,और हो दो चार कदम पर सपनो की मंजिल,,,,तो कोई पेड़ की छाव निचह थोड़ी डटया करह,,,,और तु तो घनी समझदार थी बागवान,,,,तनह तो बैरा था,,,, डालीं काटे पेड़ नी सुकते,,,,, जड़ काटनी पड़या करह,,,,,बाकी बनी रहिये समाज कि नजरा मै भोली,,,,,पर मजा तो तब आवगा,जद सिसे आगे तु खुद न शरिफ कवगी,,,,,बेसक हुस्न क दम पर तु अमीर बनगी होगी बागवान,,,,पर मारी नजरा मै तो तु हमेशा गरिब हि रवगी
©PAGAL,SHAYAR,BEIMAN ISAK
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