आज शहीद-ऐआज़म भगत सिंह के जन्म दिवस 28 सितंबर पर विशेष
मेरा क्या ! मैं तो अब ऐसे ही गीत सुनाऊँगा ,
दर्द देश का देख रहा हूँ वही तुम्हें दिखलाऊँगा .
जब स्वयं नहीं झूला सावन के
झूलों पर, तो कैसे तुम्हें झुलाऊँगा ,
हाँ ! जिस झूले पर झूल गये थे हँसते- हँसते
भगत सिंह,सुखदेव,गुरु झूला मैं वही झुलाऊँगा.
मेरा क्या ! मैं तो अब ऐसे ही गीत सुनाऊँगा ,
दर्द देश का देख रहा हूँ वही तुम्हें दिखलाऊँगा .
©गिरिधर राय
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