कभी मिल तुझे बताये हम,
तुझे इस तरह सताये हम।
तेरा इश्क तुझसे छीन के,
मय पिला के रुलाये हम।।
तुझे दर्द दू तू न सह सके,
तुझे दू जुबा तू न कह सके।
तुझे दू मका तू न रह सके।।
तुझे मुश्किलों में घिरा के।
कोई ऐसा रास्ता निकाल दू।।
तेरे दर्द की मै दवा करू।
किसी गर्ज की मै सेवा करू।।
तुझे हर नजर पर ऊबोर दू।
तुझे जिंदगी का शाउर दू।।
कभी मिल भी जाये गम न कर,
हम गिर भी जाये तो गम न कर।
तेरे एक होने में शक नहीं....
मेरे नियतों को तू साफ कर।।
तेरे शान में भी कमी नहीं।
मेरे इस कलाम को माफ़ कर।।
©Amit Singh
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