Sonam Nautiyal

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आज हिज्र की रात थी, वो मेरे पास थी, प्यार नहीं चहरे पर दिखता सबकुछ अजीब था। कह तो रही थी नहीं जाना,पर जाना ही उसका नसीब था, कुछ भी कहो आंखों में जैसे मजबूरी थी, थी सामने मेरे और दिलों में जैसे दूरी थी। सेज फूलों की सजी थी उसकी पर राहों में मेरे कांटे थे, खुशियाँ यूँ तबाह हूई ये गम वक्त ने बांटें थे, शोर आसपास गूंज रहा, दिलों में अब सन्नाटे थे। एक बार तो मिलने आना था, हमेशा के लिए जो जाना था। खुशियाँ हिस्से तेरे थी,गम तो सारे मेरे थे, कुछ देर ही अब बाकी थी होने वाले तेरे फेरे थे। सच मानों यारों उस दिन मेरी बरबादी थी, बस चंद लम्हों में होने वाली उसकी शादी थी। जा रही हो अब ना लौटकर फिर आना तुम, कसमें उसके साथ जो ले ली हैं,उन्हें अच्छे से निभाना तुम।💔

#waiting  आज हिज्र की रात थी, 
वो मेरे पास थी, 
प्यार नहीं चहरे पर दिखता सबकुछ अजीब था। 
कह तो रही थी नहीं जाना,पर जाना ही उसका नसीब था, 
कुछ भी कहो आंखों में जैसे मजबूरी थी, 
थी सामने मेरे और दिलों में जैसे दूरी थी। 
सेज फूलों की सजी थी उसकी पर राहों में मेरे कांटे थे, 
खुशियाँ यूँ तबाह हूई ये गम वक्त ने बांटें थे, 
शोर आसपास गूंज रहा, दिलों में अब सन्नाटे थे। 
एक बार तो मिलने आना था, 
हमेशा के लिए जो जाना था। 
खुशियाँ हिस्से तेरे थी,गम तो सारे मेरे थे, 
कुछ देर ही अब बाकी थी होने वाले तेरे फेरे थे। 
सच मानों यारों उस दिन मेरी बरबादी थी, 
बस चंद लम्हों में होने वाली उसकी शादी थी। 
जा रही हो अब ना लौटकर फिर आना तुम, 
कसमें उसके साथ जो ले ली हैं,उन्हें अच्छे से निभाना तुम।💔

#waiting

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कभी बुझी आग से धुआँ सा उठता है, मेरे मर्ज की दवा का ना तुझे पता है ना मुझे पता है, दिल चीर के देख मेरा, कमबख़्त मर्ज दिन रात सीने में खंजर सा चुभता है।💔

#dhuaan  कभी बुझी आग से धुआँ सा उठता है, 
मेरे मर्ज की दवा का ना तुझे पता है ना मुझे पता है, 
दिल चीर के देख मेरा, 
कमबख़्त मर्ज दिन रात सीने में खंजर सा चुभता है।💔

#dhuaan

6 Love

#krishna_flute

कर्तव्य मार्मिक प्रदर्शन देख रहा, फिर भी निकले सड़कों पर, समझ विलुप्त क्यों हो रही,जब मौत झूले सैकड़ों पर, तिल तिल करते जूझ रहे एकल होकर उस बिस्तर पर। शंखनाद विनाश का गूंज रहा,परमाणु से भी घातक है, वो एक जीवाणु वैश्विक स्तर पर। सोच क्षीण कर बैठा तू, महसूस कर खौफनाक मंजर। अर्थव्यवस्था भी डोल रही,तरक्की को निचोड़ रही, अब भी लड़े तू धर्म के नाम पर। हिम्मत बढ़ा उनकी तू,करते जो अपना सर्वोच्च न्योछावर, नमन मेरा है उनको भी करे रात को दिन पहर। हौंसला बढ़ा,मचे जब मौत का कोलाहल, पारदर्शी प्रकृति हो रही,तू भी दूषित ह्रदय कर साफ जिगर। हंसकर जीत इस युद्ध को,लहरे तिरंगा हर ऊंच शिखर, घर बैठ जा रहे मानव तू, यह महामारी पहुंचे चरम शिखर।

#india🇮🇳  कर्तव्य 

 मार्मिक प्रदर्शन देख रहा, 
 फिर भी निकले सड़कों पर,
 समझ विलुप्त क्यों हो रही,जब मौत झूले सैकड़ों पर, 
 तिल तिल करते जूझ रहे एकल होकर उस बिस्तर पर। 
 शंखनाद विनाश का गूंज रहा,परमाणु से भी घातक है, 
 वो एक जीवाणु वैश्विक स्तर पर।
 सोच क्षीण कर बैठा तू, 
 महसूस कर खौफनाक मंजर। 
 अर्थव्यवस्था भी डोल रही,तरक्की को निचोड़ रही, 
 अब भी लड़े तू धर्म के नाम पर। 
  हिम्मत बढ़ा उनकी तू,करते जो अपना सर्वोच्च न्योछावर,
 नमन मेरा है उनको भी करे रात को दिन पहर। 
 हौंसला बढ़ा,मचे जब मौत का कोलाहल, 
 पारदर्शी प्रकृति हो रही,तू भी दूषित ह्रदय कर साफ जिगर। 
 हंसकर जीत इस युद्ध को,लहरे  तिरंगा हर ऊंच शिखर, 
 घर बैठ जा रहे मानव तू, यह महामारी पहुंचे चरम शिखर।
#krishna_flute  ये मौसम और लौकडाउन
#krishna_flute🎶🌼  👣
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