आगाज़

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हंसी देख कर किसी ने कहा कायल है तेरी इसी अदा के बस ऐसे ही मुस्कुराते रहना तेरी मुस्कान ही मेरा जीवन है ©आगाज़

#शायरी #हंसी  हंसी देख कर किसी ने कहा 
कायल है तेरी इसी अदा के
बस ऐसे ही मुस्कुराते रहना
तेरी मुस्कान ही मेरा जीवन है

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हया से लबरेज़ उसकी आँखें, जैसे सावन में भरी हों शाखें। नज़रें झुकीं, खामोशियां गहरी, दिल की बातें जैसे हों ठहरी। हर अल्फ़ाज़ में कुछ छिपा सा राज़, मुस्कान में बसा हुआ था साज़। उसके लम्स में था एहसास, जैसे फिज़ाओं में हो मधुमास। उसकी चाल में थी एक नरमी, जैसे लहराती हो कोई सरगी। आँखों की हया, चेहरे की नमी, खामोशी में बसी एक नयी ज़मीं। ©आगाज़

#कविता #navratri  हया से लबरेज़ उसकी आँखें,
जैसे सावन में भरी हों शाखें।
नज़रें झुकीं, खामोशियां गहरी,
दिल की बातें जैसे हों ठहरी।

हर अल्फ़ाज़ में कुछ छिपा सा राज़,
मुस्कान में बसा हुआ था साज़।
उसके लम्स में था एहसास,
जैसे फिज़ाओं में हो मधुमास।

उसकी चाल में थी एक नरमी,
जैसे लहराती हो कोई सरगी।
आँखों की हया, चेहरे की नमी,
खामोशी में बसी एक नयी ज़मीं।

©आगाज़

रूह की गहराईयों में, सुकून का जहाँ है, वहां कोई हलचल नहीं, बस ख़ामोशियाँ हैं। जैसे सागर की लहरें, किनारे से मिलतीं, रूह की तरंगें, अनंत में खो जातीं। बाहरी दुनिया के शोर में, अक्सर गुम हो जाती, पर अंदर की आवाज़, सदा हमें बुलाती। चाहे आँधियाँ आएं, या हो धूप-छांव, रूह के सफ़र में, बस है इश्क़ का नाव। जो इसे समझे, वह अमरता पा ले, जो इसे न समझे, वह भ्रम में जा ले। रूह का ये रिश्ता, दिल से गहरा है, यह अनंत की ओर बढ़ता, हर पल ठहरा है। तो सुनो उस रूह की आवाज़ को तुम, वो सच है, जो है ख़ुदा का दर्पण! ©आगाज़

#कविता #रूह  रूह की गहराईयों में, सुकून का जहाँ है, 
वहां कोई हलचल नहीं, बस ख़ामोशियाँ हैं।

जैसे सागर की लहरें, किनारे से मिलतीं,
 रूह की तरंगें, अनंत में खो जातीं।

बाहरी दुनिया के शोर में, अक्सर गुम हो जाती, 
पर अंदर की आवाज़, सदा हमें बुलाती।

चाहे आँधियाँ आएं, या हो धूप-छांव, 
रूह के सफ़र में, बस है इश्क़ का नाव।

जो इसे समझे, वह अमरता पा ले, 
जो इसे न समझे, वह भ्रम में जा ले।

रूह का ये रिश्ता, दिल से गहरा है, 
यह अनंत की ओर बढ़ता, हर पल ठहरा है।

तो सुनो उस रूह की आवाज़ को तुम, 
वो सच है, जो है ख़ुदा का दर्पण!

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तुम कही खो न जाओ रिश्तों में कहीं भूल न जाओ ना कहो तुम ऐसा जैसे बंदिशें बढ़ने लगी हैं बस करो अब न सताओ उलझने न बढ़ाओ समझो मेरी बात तुम भी मेरे मन के जज्बात तुम भी आहटों को जान न पाओ बस मुझे पहचान जाओ ©आगाज़

#कविता #navratri  तुम कही खो न जाओ 
रिश्तों में कहीं भूल न जाओ
ना कहो तुम ऐसा
जैसे बंदिशें बढ़ने लगी हैं 
बस करो अब न सताओ
उलझने न बढ़ाओ
समझो मेरी बात तुम भी 
मेरे मन के जज्बात तुम भी
आहटों को जान न पाओ
बस मुझे पहचान जाओ

©आगाज़

White हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं साहिर लुधानवी ©आगाज़

#शायरी #GoodNight  White हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें 

वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं

साहिर लुधानवी

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White गांधी जयंती राष्ट्रपिता का जन्म दिवस, सत्य-अहिंसा का शुभ संदेश। गांधी जी का स्वप्न था, भारत हो स्वतंत्र विशेष। नम्रता उनकी शक्ति थी, सत्य का था उन्हीं पर विश्वास। दुश्मन से भी प्रेम किया, हर मानव से रहा खास। खादी का पहनावा लिया, स्वदेशी का दिया संदेश। दंड से नहीं, शांति से, हर मुश्किल का दिया समाधान स्पष्ट। आओ सब मिलकर करें प्रण, सत्य-अहिंसा का रखें मान। गांधी जी के विचारों को, फिर से अपनाएगा हिंदुस्तान। ©आगाज़

#कविता #gandhi_jayanti  White गांधी जयंती

राष्ट्रपिता का जन्म दिवस,
सत्य-अहिंसा का शुभ संदेश।
गांधी जी का स्वप्न था,
भारत हो स्वतंत्र विशेष।

नम्रता उनकी शक्ति थी,
सत्य का था उन्हीं पर विश्वास।
दुश्मन से भी प्रेम किया,
हर मानव से रहा खास।

खादी का पहनावा लिया,
स्वदेशी का दिया संदेश।
दंड से नहीं, शांति से,
हर मुश्किल का दिया समाधान स्पष्ट।

आओ सब मिलकर करें प्रण,
सत्य-अहिंसा का रखें मान।
गांधी जी के विचारों को,
फिर से अपनाएगा हिंदुस्तान।

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