Abhayraj Singh

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अगर लिखने पे आया तो सभी जज्बात लिख दूंगा। तुम्हारे और मेरे साथ की हर बात लिख दूंगा ।। मुनासिब है सुनो अब न बढ़ाओ और नजदीकी, मैं तेरी जीत के आगे हर दफा मात लिख दूंगा ।। रहेगी हर तरफ रौनक सनम बस तेरे हिस्से में, मैं काली और घनी सी बेखबर एक रात लिख दूंगा।। तुझे लगने लगा है मैं तेरे काबिल ही नहीं हूं, अगर खुद पे उतर आया तेरी औकात लिख दूंगा।। ©Abhayraj Singh

#एक_तरफ़ा_प्यार #confused  अगर लिखने पे आया तो सभी जज्बात लिख दूंगा।
तुम्हारे और मेरे साथ की हर बात लिख दूंगा ।।
मुनासिब है सुनो अब न बढ़ाओ और नजदीकी,
मैं तेरी जीत के आगे हर दफा मात लिख दूंगा ।।
रहेगी हर तरफ रौनक सनम बस तेरे हिस्से में,
मैं काली और घनी सी बेखबर एक रात लिख दूंगा।।
तुझे लगने लगा है मैं तेरे काबिल ही नहीं हूं,
अगर खुद पे उतर आया तेरी औकात लिख दूंगा।।

©Abhayraj Singh

-जरूरी है शायद- इक बेचैनी शायद सांस के लिए। इक तड़प शायद आस के लिए।। इक थकन शायद काश के लिए। इक उम्मीद शायद विश्वास के लिए।। इक चेहरा शायद रास के लिए। इक हंसी शायद साज के लिए।। इक जुनूं शायद आवाज़ के लिए। इक लगन शायद पास के लिए।। इक दुआ शायद काम के लिए। इक मुस्कान शायद नाम के लिए।। इक साखी शायद जाम के लिए। इक खता शायद शाम के लिए।।.....stay safe and be happy ©Abhayraj Singh

#Corona_Lockdown_Rush #yourlove           
      -जरूरी है शायद-
इक बेचैनी शायद सांस के लिए। 
इक तड़प शायद आस के लिए।। 
इक थकन शायद काश के लिए। 
इक उम्मीद शायद विश्वास के लिए।। 
इक चेहरा शायद रास के लिए। 
इक हंसी शायद साज के लिए।। 
इक जुनूं शायद आवाज़ के लिए। 
इक लगन शायद पास के लिए।। 
इक दुआ शायद काम के लिए।
इक मुस्कान शायद नाम के लिए।। 
इक साखी शायद जाम के लिए। 
इक खता शायद शाम के लिए।।.....stay safe and be happy

©Abhayraj Singh

-जरूरी है शायद- इक बेचैनी शायद सांस के लिए। इक तड़प शायद आस के लिए।। इक थकन शायद काश के लिए। इक उम्मीद शायद विश्वास के लिए।। इक चेहरा शायद रास के लिए। इक हंसी शायद साज के लिए।। इक जुनूं शायद आवाज़ के लिए। इक लगन शायद पास के लिए।। इक दुआ शायद काम के लिए। इक मुस्कान शायद नाम के लिए।। इक साखी शायद जाम के लिए। इक खता शायद शाम के लिए।।.....stay safe and be happy ©Abhayraj Singh

#Corona_Lockdown_Rush #yourlove  -जरूरी है शायद-
इक बेचैनी शायद सांस के लिए। 
इक तड़प शायद आस के लिए।। 
इक थकन शायद काश के लिए। 
इक उम्मीद शायद विश्वास के लिए।। 
इक चेहरा शायद रास के लिए। 
इक हंसी शायद साज के लिए।। 
इक जुनूं शायद आवाज़ के लिए। 
इक लगन शायद पास के लिए।। 
इक दुआ शायद काम के लिए।
इक मुस्कान शायद नाम के लिए।। 
इक साखी शायद जाम के लिए। 
इक खता शायद शाम के लिए।।.....stay safe and be happy

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ये जद्द्दोजहद, नाकामियां मुश्किल हैं अब आसानियां। मैं भीड़ में तो हूँ मगर, घेरे हैं बस तन्हाईयां।। ये ह्रदय मेरा व्योम सा, सम्मुख खड़ा विलोम सा। था साधना में रुख मेरा, जो है अभी अनुलोम सा।। अब खुद में जिंदा हूँ मगर, बाकी नहीं चिंगरियाँ। अब मुझसे छिपती फिर रहीं, मेरी ही ये परछाईयां।।...... ©Abhayraj Singh

#यूँही #youaremylife #covidindia  ये जद्द्दोजहद, नाकामियां
मुश्किल हैं अब आसानियां।
मैं भीड़ में तो हूँ मगर, 
घेरे हैं बस तन्हाईयां।।
ये ह्रदय मेरा व्योम सा,
सम्मुख खड़ा विलोम सा। 
था साधना में रुख मेरा,
जो है अभी अनुलोम सा।।
अब खुद में जिंदा हूँ मगर, 
बाकी नहीं चिंगरियाँ।
अब मुझसे छिपती फिर रहीं, 
मेरी ही ये परछाईयां।।......

©Abhayraj Singh

रूह की राख मेरे हांथों में है, फ़िर आज मौन मेरी बातों में है, तुम्हे नफरत है जिन्हीं रातों से, मेरा हर दर्द इन्हीं रातों में है। @abhayrajsingh1111

#solace  रूह की राख मेरे हांथों में है, 
फ़िर आज मौन मेरी बातों में है, 
तुम्हे नफरत है जिन्हीं रातों से, 
मेरा हर दर्द इन्हीं रातों में है। 
           @abhayrajsingh1111

#solace

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उसके बिन हाल कैसा है, बताऊँ क्या। रात से चाँद छीन करके दिखाऊँ क्या।। @abhayrajsingh1111

 उसके बिन हाल कैसा है, बताऊँ क्या। 
रात से चाँद छीन करके दिखाऊँ क्या।। 
 
            @abhayrajsingh1111

उसके बिन हाल कैसा है, बताऊँ क्या। रात से चाँद छीन करके दिखाऊँ क्या।। @abhayrajsingh1111

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