दिमाग से थोड़ा सनकी कहते हैं अक्सर लोग,
पता है क्यों?
क्योंकि कभी कभी हम वो कर गुजरते हैं।जो वो सोच भी नही सकते।
पर हाँ अगर हमारी इस सनक से किसी के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ जाये,तो
और क्या चाहिए।
फिर फर्क भी नही पढ़ता कि कौन क्या सोचता है।
हम जैसे सनकी ही काम आएंगे बुरे वक्त में।
समझदार लोगों को तो हमने अक्सर मुँह छुपाकर
भागते देखा है।
©Aks
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here