akshat raj

akshat raj Lives in Shahjahanpur, Uttar Pradesh, India

Freelance Actor /Writer /Model फॉलो मी ओंन इंस्टा akshaysaxena_05

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#FridayFeeling #Friend #Dosti  White एक मुद्दत के बाद मिलना हुआ हमारा
जहाँ छोड़ा था दोस्ती को हमने
फिर वहीं से चलना हुआ हमारा!
और ये किसने कह दिया के 
दोस्त लोग कई सालों न मिलने पर अजनबी हो जाते हैं 
किसने कह दिया दोस्त लोग कई सालों न मिलने पर अजनबी हो जाते हैं,
हमको देखो, दोस्ती की बन्दगी को समझो,
वहीं पहले जहाँ छोड़ा था दोस्ती को हमने सिलसिले सफ़र में मशगूल होकर,
वहीं पहले जहाँ छोड़ा था दोस्ती को हमने सिलसिले सफ़र में मशगूल होकर 
आज फिर वैसे ही मिलना हुआ हमारा।

©akshat raj
 

जैसा मन वैसी सोच,
जैसी सोच वैसी नज़र,
जैसी नज़र वैसा नज़रिया।

©akshat raj

जैसा तन वैसा मन।

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#BoloAazadi

शहीदों की नगरी शाहजहांपुर से एक दृश्य शहीदों के नाम। जय हिंद जय भारत #BoloAazadi

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जो लोग विरोध करना नही जानते, वो लोग गुलामी करना सीख लेते है। @अक्षय ©akshat raj

#Quotes  जो लोग विरोध करना नही जानते,
वो लोग गुलामी करना सीख लेते है।

                                   @अक्षय

©akshat raj

जो लोग विरोध करना नही जानते, वो लोग गुलामी करना सीख लेते है। @अक्षय ©akshat raj

9 Love

#Life_A_Blank_Page #Life_experience #TuneWithTone #No_caption #Lifetime #Stories

वह एक इंसास–वह एक जगह! #LastDay #Life_experience #Life_A_Blank_Page #No_caption #Lifetime #Stories # #TuneWithTone

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वो मेरे यार हैं लेकिन मुझसे दूर बैठे हैं आंखों में शिकायत है, मग़र मग़रूर बैठे हैं। शक–ए–मोहब्बत है,या मोहब्बत का फ़साना है मुलाक़ात जैसे भी हो,उन्हें सब सच बताना है। होठों पर ख़ामोशी है दिल से है रुसवा चलो ....अब शिकायत ही सही कुछ बात तो हो ख़ामोश न रहें ज़ाहिर जज़्बात तो हो, भला गिले शिकवों का हल निकले,तो क्या निकले! हम उनसे बात करते है, वो आंखे मूंद बैठे हैं। ख़फा हैं वो आजकल मुझसे, क्यों हैं कैसे पता चले? लगाकर इश्क़ की बाज़ी, फरवरी के मौसम में हम इस ओर बैठे हैं, वो उस ओर बैठे हैं। वो मेरे यार हैं लेकिन, मुझसे दूर...................! ©akshat raj

#One_sided_love #ruthna_manana #Break_up_day #L♥️ve  वो मेरे यार हैं लेकिन
मुझसे दूर बैठे हैं
आंखों में शिकायत है,
मग़र मग़रूर बैठे हैं।

शक–ए–मोहब्बत है,या
मोहब्बत का फ़साना है
मुलाक़ात जैसे भी हो,उन्हें
सब सच बताना है।

होठों पर ख़ामोशी है दिल से है रुसवा
 चलो ....अब शिकायत ही सही 
कुछ बात तो हो
ख़ामोश न रहें ज़ाहिर जज़्बात तो हो, भला

गिले शिकवों का हल निकले,तो क्या निकले!
हम उनसे बात करते है,
वो आंखे मूंद बैठे हैं।

ख़फा हैं वो आजकल मुझसे,
क्यों हैं कैसे पता चले?
लगाकर इश्क़ की बाज़ी, फरवरी के मौसम में
हम इस ओर बैठे हैं,
वो उस ओर बैठे हैं।

वो मेरे यार हैं लेकिन,  मुझसे दूर...................!

©akshat raj
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