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Friday, 27 January | 07:12 am

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#जानकारी #RoastKaToast

#RoastKaToast

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#लव  मौज में मौत भूल रहे हैं,
अपनी मौत खुद,कुबूल रहे हैं,
पठान मूवी तुम्हें दिखाकर,
तुम्हारी मौत का पैसा, 
तुम्हीं से वसूल रहे हैं।

जोश में होश खो रहे हैं,
जागरण के समय सो रहे हैं,
मनोरंजन के नाम पर,
तुम्हारी संस्कृति,तुम्हारी सभ्यता से,
तुम्हें निर्मूल कर रहे हैं।

तुम हो कि गांधारी बने बैठे हो,
देश में कैंसर जैसी, बीमारी बने बैठे हो,
तुम वो दीपक हो,जिसे जलाकर,
तुम्हारे साथ वो इस देश की,
अस्मिता जला रहे हैं।

नफ़रत के बाजार में,
मोहब्बत की दुकान सजाने वाले,
मोहब्बत की दुकान में,
लव जिहाद की मिठाई बांटकर,
तुम्हारे साथ तुम्हारे अस्तित्व को,
समूल नष्ट कर रहे हैं।

©SK

मौज में मौत भूल रहे हैं, अपनी मौत खुद,कुबूल रहे हैं, पठान मूवी तुम्हें दिखाकर, तुम्हारी मौत का पैसा, तुम्हीं से वसूल रहे हैं। जोश में होश खो रहे हैं, जागरण के समय सो रहे हैं, मनोरंजन के नाम पर, तुम्हारी संस्कृति,तुम्हारी सभ्यता से, तुम्हें निर्मूल कर रहे हैं। तुम हो कि गांधारी बने बैठे हो, देश में कैंसर जैसी, बीमारी बने बैठे हो, तुम वो दीपक हो,जिसे जलाकर, तुम्हारे साथ वो इस देश की, अस्मिता जला रहे हैं। नफ़रत के बाजार में, मोहब्बत की दुकान सजाने वाले, मोहब्बत की दुकान में, लव जिहाद की मिठाई बांटकर, तुम्हारे साथ तुम्हारे अस्तित्व को, समूल नष्ट कर रहे हैं। ©SK

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#बसंत_पंचमी #जानकारी  ऋतुराज के आगमन और माँ सरस्वती के उत्पत्ति दिवस पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें। 

विद्या की देवी माँ सरस्वती की कृपा हम सबके ऊपर जीवन पर्यंत बनी रहे मगर ऐसा तब होगा जब हम अध्ययन करेंगे, स्वाध्याय करेंगे। जिस दिन हमने पढ़ना बंद कर दिया उस दिन विद्या की देवी हमसे कुपित हो जाएगी। इसलिए रोज कुछ ना कुछ पढ़ें। अखबार पढ़ें। पुस्तकें पढ़ें। आजकल तो ई-पुस्तकें भी उपलब्ध है तो वही पढ़ें। पढ़ने के लिए सोशल मिडिया में भी काफी कंटेंट उपलब्ध है मगर उस पर विश्वास करने से पहले उसकी सत्यता अवश्य जाँच लें। यहाँ उपलब्ध ज्यादातर कंटेंट अपरिपक्व लोगों का रचा हुआ प्रतीत होता है। इसलिए उस पर अमल करने से पहले दो चार स्रोतों से उसकी ऑथेंटिसिटी अवश्य जांच लें। 

वैसे पढ़ने का कोई विकल्प नहीं है। ऐसी मान्यता है कि बच्चों की शिक्षा का आरम्भ आज ही के दिन से किया जाना चाहिए और सनातन धर्म में ऐसी भी मान्यता है कि आज ही के दिन छोटे बच्चों की जिव्हा पर शहद से ॐ की आकृति बनानी चाहिए। इससे उनके आने वाले जीवन काल में उनकी वाणी में मिठास होगा। 

आज ही का दिन होली के आगमन की पूर्व सूचना भी देता है और होलिका की आधारशिला भी आज ही रखी जाती है। जिसका दहन होली के दिन किया जाता है। होली से पहले कई बच्चे बड़े चिंतित होते हैं कि होली वाले दिन मौसम कैसा होगा??? 

ठंडा होगा या गर्म, बारिश तो नहीं हो जायेगी? वो होली खेल भी पाएंगे कि नहीं? 

हमारे पूर्वजों की ऐसी मान्यता है कि आज के दिन जैसा मौसम आपके गांव, कस्बे, शहर में है ठीक वैसा ही दिन होली खेलते समय होगा। आज अगर फुहार पड़ी तो उस दिन भी पड़ेगी। आज अगर ठंड है तो उस दिन भी होगी और आज अगर गर्मी है तो उस दिन भी होगी। इसलिए कहता हूँ पढ़ो पढ़ो.....

वीणावादिनि वर दे!
प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव
        भारत में भर दे!

काट अंध-उर के बंधन-स्तर
बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर;
कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर
        जगमग जग कर दे!

नव गति, नव लय, ताल-छंद नव
नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव;
नव नभ के नव विहग-वृंद को
        नव पर, नव स्वर दे!

वर दे, वीणावादिनि वर दे... सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'

#बसंत_पंचमी

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ऋतुराज के आगमन और माँ सरस्वती के उत्पत्ति दिवस पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें। विद्या की देवी माँ सरस्वती की कृपा हम सबके ऊपर जीवन पर्यंत बनी रहे मगर ऐसा तब होगा जब हम अध्ययन करेंगे, स्वाध्याय करेंगे। जिस दिन हमने पढ़ना बंद कर दिया उस दिन विद्या की देवी हमसे कुपित हो जाएगी। इसलिए रोज कुछ ना कुछ पढ़ें। अखबार पढ़ें। पुस्तकें पढ़ें। आजकल तो ई-पुस्तकें भी उपलब्ध है तो वही पढ़ें। पढ़ने के लिए सोशल मिडिया में भी काफी कंटेंट उपलब्ध है मगर उस पर विश्वास करने से पहले उसकी सत्यता अवश्य जाँच लें। यहाँ उपलब्ध ज्यादातर कंटेंट अपरिपक्व लोगों का रचा हुआ प्रतीत होता है। इसलिए उस पर अमल करने से पहले दो चार स्रोतों से उसकी ऑथेंटिसिटी अवश्य जांच लें। वैसे पढ़ने का कोई विकल्प नहीं है। ऐसी मान्यता है कि बच्चों की शिक्षा का आरम्भ आज ही के दिन से किया जाना चाहिए और सनातन धर्म में ऐसी भी मान्यता है कि आज ही के दिन छोटे बच्चों की जिव्हा पर शहद से ॐ की आकृति बनानी चाहिए। इससे उनके आने वाले जीवन काल में उनकी वाणी में मिठास होगा। आज ही का दिन होली के आगमन की पूर्व सूचना भी देता है और होलिका की आधारशिला भी आज ही रखी जाती है। जिसका दहन होली के दिन किया जाता है। होली से पहले कई बच्चे बड़े चिंतित होते हैं कि होली वाले दिन मौसम कैसा होगा??? ठंडा होगा या गर्म, बारिश तो नहीं हो जायेगी? वो होली खेल भी पाएंगे कि नहीं? हमारे पूर्वजों की ऐसी मान्यता है कि आज के दिन जैसा मौसम आपके गांव, कस्बे, शहर में है ठीक वैसा ही दिन होली खेलते समय होगा। आज अगर फुहार पड़ी तो उस दिन भी पड़ेगी। आज अगर ठंड है तो उस दिन भी होगी और आज अगर गर्मी है तो उस दिन भी होगी। इसलिए कहता हूँ पढ़ो पढ़ो..... वीणावादिनि वर दे! प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव भारत में भर दे! काट अंध-उर के बंधन-स्तर बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर; कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर जगमग जग कर दे! नव गति, नव लय, ताल-छंद नव नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव; नव नभ के नव विहग-वृंद को नव पर, नव स्वर दे! वर दे, वीणावादिनि वर दे... सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' #बसंत_पंचमी ©SK

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#समाज #RepublicDay

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